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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 17 May 2025 02:26:37 PM IST
ठगों से सावधान - फ़ोटो google
UP-RANCHI: देश में जनसंख्या के साथ-साथ बेरोजगारी भी अधिक है। हरेक व्यक्ति का सपना होता है कि वो सरकारी नौकरी कर ऐशो आराम की जिन्दगी बिताए लेकिन सरकारी नौकरी सबको नसीब नहीं होता है। सरकारी नौकरी हासिल करने के लिए लोग पैसों का भी सहारा लेते हैं। कभी-कभी सेटिंग बैठ गयी तब सरकारी नौकरी नसीब हो जाती है लेकिन ज्यादात्तर दलालों के चंगुल में लोग पकड़कर अपनी गाढ़ी कमाई खो बैठते हैं।
ऐसे ही ठगी का शिकार यूपी के बरेली के रहने वाले युवक के साथ हुई जिसका सपना सरकारी नौकरी करना था। लेकिन आज वो इसके चक्कर में अपना सब कुछ गंवा बैठा है और अपनी इस गलती पर आंसू बहा रहा है। जिसे वन एवं पर्यावरण विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर 12 लाख रुपये की ठगी कर ली गयी। ठगों ने न केवल युवक से पैसे वसूले, बल्कि फर्जी नियुक्ति पत्र देकर वर्दी तक खरीदवाई और फिर उसे झारखंड के रांची में छोड़कर फरार हो गए।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल उत्तर प्रदेश के बरेली स्थित सिठौरा, सुभाषनगर निवासी कन्हैया लाल के साथ बहुत बड़ा धोखा हो गया। पीड़ित ने पुलिस को बताया कि उनके बेटे आकाश को नौकरी दिलाने के नाम पर 12 लाख रूपये ठग लिया। उन्होंने बताया कि एक अधिवक्ता के माध्यम से उनकी मुलाकात वीर सावरकर नगर स्थित 'एकता ग्रुप' नामक एक फर्जी कार्यालय संचालित करने वाली महिला एकता आनंद और एक अन्य व्यक्ति अभिषेक सक्सेना से हुई थी। आरोपियों ने खुद को प्रभावशाली और रसूखदार बताते हुए दावा किया कि वे 'स्पोर्ट्स कोटे' से आकाश को वन एवं पर्यावरण विभाग में नौकरी दिलवा सकते हैं। इसके लिए उन्होंने 12 लाख रुपये का खर्च बताया।
फर्जी प्रमाण पत्र और नियुक्ति का नाटक
ठगों ने पहले एक लाख रुपये लेकर आकाश के नाम पर फर्जी स्पोर्ट्स सर्टिफिकेट बनवाया। इसके बाद आकाश को झारखंड की राजधानी रांची बुलवाया गया, जहां उससे 1.83 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करवाए गए। इसके अलावा 60 हजार रुपये एटीएम से निकलवाकर लिए गए। फिर रांची के एक होटल में उसे फर्जी नियुक्ति पत्र सौंपा गया और बाजार से वर्दी खरीदवाकर पहनाई गई, जिससे आकाश को लगे कि वह वास्तव में नौकरी पर लग गया है। इसके बाद आरोपी वहां से चुपचाप फरार हो गए।
फर्जीवाड़े का सिलसिला जारी
ठग यहीं नहीं रुके। बरेली लौटने पर महिला एकता आनंद ने आकाश को अपने घर बुलाया और उससे पांच लाख रुपये नकद और वसूले। उसे बताया गया कि वह वन एवं पर्यावरण विभाग में जीडी (गार्ड ड्यूटी) के पद पर नियुक्त हो चुका है। जब आकाश को शक हुआ और नियुक्तिपत्र की सत्यता जांची गई, तो वह फर्जी निकला।
शिकायत करने पर ठगों ने दूसरा नियुक्ति पत्र थमा दिया, जिसमें उसे लखनऊ में तैनाती दी गई थी। लेकिन जब वहां भी ज्वाइनिंग नहीं हुई, तब जाकर आकाश को पूरी साजिश का अंदाजा हुआ। जब उन्होंने पैसे वापस मांगे, तो आरोपियों ने धमकाते हुए रकम लौटाने से साफ इनकार कर दिया और झूठे केस में फंसाने की धमकी दी।
ठगों ने जरूरी दस्तावेज भी हड़प लिए
इतना ही नहीं, आरोपियों ने आकाश के शैक्षणिक प्रमाणपत्र, बैंक पासबुक, आधार कार्ड की फोटोकॉपी और पांच सादे चेक भी अपने पास रख लिए, जिससे आगे और ब्लैकमेलिंग की आशंका है।
पुलिस में मामला दर्ज
इस पूरे मामले में आकाश के पिता कन्हैलाल की शिकायत पर बरेली के इज्जतनगर थाना में महिला एकता आनंद और अभिषेक सक्सेना के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और ठगों की तलाश की जा रही है।
यह मामला न केवल बेरोजगारी की मार झेल रहे युवाओं की बेबसी दिखाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह किस हद तक जाकर लोगों को ठग सकते हैं। पुलिस प्रशासन से ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की अपेक्षा की जा रही है ताकि भविष्य में किसी और के साथ ऐसी धोखाधड़ी न हो। यह घटना युवाओं के लिए एक सबक भी जो शॉर्ट कट से सरकारी नौकरी हासिल करना चाहते हैं।