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22-Mar-2025 12:40 PM
By Viveka Nand
JDU POLITICS: बिहार की सत्ताधारी पार्टी जनता दल(यू) मैदान छोड़कर भाग गई. जिस पार्टी को पिछले चुनाव में बड़ी सफलता हासिल हुई थी, वो दल इस बार चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा सकी.कहा जाता है कि प्रदेश कप्तान ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया. इस निर्णय के बाद पार्टी के कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी है. हम बात कर रहे हैं पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव की. नेतृत्व के इस निर्णय के बाद छात्र जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष ने पद से इस्तीफा दे दिया है. पार्टी ने ऐसा कदम क्यों उठाया, इस बारे में राजनीतिक चर्चा जारी है.
छात्र जदयू के प्रदेश अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा
पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ (PUSU) चुनाव से इस बार जदयू ने बाहर रहने का निर्णय लिया है. नेतृत्व ने यह निर्णय किस दबाव में लिया, यह तो पार्टी नेता ही बता सकते हैं, लेकिन इसका साइड इफेक्ट दिखना शुरू हो गया है. नेतृत्व के इस निर्णय के खिलाफ जेडीयू के अंदर उबाल है. पार्टी के फैसले से नाराज होकर छात्र जदयू के प्रदेश अध्यक्ष राधेश्याम ने इस्तीफा दे दिया है. राधेश्याम ने 21मार्च को ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. छात्र जदयू के प्रदेश अध्यक्ष राधेश्याम ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा को भेजे इस्तीफा पत्र में कहा है कि पार्टी द्वारा पटना विवि छात्र संघ चुनाव नहीं लड़ने का निर्णय लिया गया है. इस फैसले के बाद वे अपने पद से इस्तीफा देते हैं.
जेडीयू को हार का था डर...?
नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने पटना यूनिवर्सिटी छात्र संघ (PUSU) चुनाव लड़ने को क्यों नहीं तैयार हुई ? जबकि पिछले चुनावों में जेडीयू को बड़ी सफलता हासिल हुई थी. विगत चुनावों में अध्यक्ष से लेकर अन्य पदों पर जेडीयू समर्थित प्रत्याशियों की जीत हुई थी. इसके बाद भी इस बार के छात्र संघ चुनाव में पार्टी ने ऐसा कदम क्यों उठाया ? कहा जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष को सोच-विचार कर उचित निर्णय लेने का आदेश दिया था. चूंकि शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा के पाले में गेंद डाल दिया, लिहाजा इस पर इन्हें ही निर्णय लेना था. लेकिन इन्होंने जो निर्णय लिया, उससे पार्टी नेता ही नाराज हो गए. पार्टी के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि प्रदेश अध्यक्ष को भद्द पिटने का डर था, साथ ही पार्टी के पूर्व नेता जो प्रोफेसर हैं, उन्होंने भी प्रदेश अध्यक्ष को ऐसा करने से मना किया. बताया जाता है कि उक्त प्रो.साहब ने पीयू छात्र संघ चुनाव से दूर रहने को लेकर कई कारण गिनाए. कहा गया कि, अगर पार्टी पटना विवि छात्र संघ का चुनाव लड़ती है, अगर प्रदर्शन बेहतर नहीं हुआ तो आपकी कुर्सी भी जा सकती है, दल को लेकर मैसेज खराब जायेगा. आने वाले दिनों में बिहार में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में पटना विवि छात्र संघ चुनाव से दूर रहने में ही भलाई है. इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने अपने छात्र नेताओं को इससे दूर रहने का निर्देश दे दिया. कहा जाता है कि जेडीयू ने अंदर ही अंदर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को समर्थन देने का निर्णय लिया है. हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा नहीं की गई है.
जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष ने क्या कहा....
हमने इस संबंध में जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा से बात की. उन्होंने कहा कि छात्र जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष के इस्तीफे की खबर आई. इसके बाद हमने उन्हें बुलाया और जानकारी ली है. उन्होंने कहा है कि ऐसी कोई बात नहीं है, कुछ कंफ्यूजन था, उसे दूर कर लिया गया है. वो आगे भी काम करेंगे. कहीं कोई दिक्कत नहीं है. पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव नहीं लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह पार्टी के अंदर की बात है.