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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 19 Aug 2025 12:04:20 PM IST
मेयर सीता साहू और पुत्र शिशिर की फाइल तस्वीर - फ़ोटो Google
Patna News: पटना हाईकोर्ट ने पटना नगर निगम की मेयर सीता साहू और उनके बेटे शिशिर कुमार के खिलाफ अगले आदेश तक उनके विरुद्ध किसी तरह की दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति शैलेंद्र सिंह ने सीता साहू और शिशिर कुमार की ओर से दायर आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया है. कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। पटना मेयर के बेटे शिशिर को भले ही पटना हाईकोर्ट से थोड़ी देर के लिए राहत मिल गई हो, लेकिन, पटना पुलिस उनके खिलाफ दर्ज दो केस में बेल खारिज कराने की प्रक्रिया में जुट गई है. पटना SSP कार्तिकेय के शर्मा ने कहा है कि वो दो मामलों में जमानत पर हैं। उनकी बेल खारिज करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। हालांकि, इसमें समय लग सकता है। इसकी एक इसकी प्रक्रिया होती है, जो प्रोसेस में है। हाईकोर्ट की सुनवाई पर भी पटना पुलिस की नजर है.
जमानत मिलते ही बीजेपी कार्यालय पहुंच कर ठोकी थी दावेदारी
मर्डर, महिलाओं से बदसलूकी, कमीशनखोरी, नगर निगम की बैठक में घुसकर वार्ड पार्षदों से गाली-गलौज और मारपीट करने, हथियार लेकर अधिकारियों-कर्मचारियों को धमकाने औऱ पीटने जैसे कई संगीन मामलों के आरोपी पटना के मेयरपुत्र शिशिर कुमार को पटना हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक लगायी है. कोर्ट का आदेश आते ही मेयरपुत्र पटना में बीजेपी के प्रदेश कार्यालय पहुंच गया था. बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में पहुंच कर शिशिर कुमार ने दावा किया कि वह भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर अगला विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहा है.
एक महीने से फरार था शिशिर कुमार
बता दें कि करीब एक महीने पहले शिशिर कुमार ने हथियारबंद लोगों के साथ मिलकर पटना नगर निगम की बैठक में बवाल काटा था. उसने वार्ड पार्षदों के साथ मारपीट से लेकर जमकर गाली-गलौज किया था. इसके बाद पटना नगर निगम के नगर आय़ुक्त ने शिशिर कुमार के खिलाफ कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा था. तब उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी. उसके बाद शिशिर कुमार फरार हो गया था.
...तो शिशिर के सिर पर बीजेपी का हाथ ?
बता दें, चार दिन पहले शिशिर कुमार को पटना हाईकोर्ट से राहत मिल गयी थी. हाईकोर्ट ने उसकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दिया था. इसके बाद शिशिर कुमार अपनी ताकत दिखाने के लिए बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में पहुंच गया. उसने पार्टी के प्रदेश कार्यालय में कुछ नेताओं के साथ बातचीत की. तमाम गंभीर आरोपों के बावजूद शिशिर कुमार को बीजेपी ने प्रदेश कार्यसमिति का सदस्य बना रखा है. शिशिर कुमार ने बीजेपी के प्रदेश कार्यालय में खड़े होकर कहा कि अगले विधानसभा चुनाव में उसे टिकट मिलना तय है.
शिशिर पर आरोपों की लंबी फेहरिश्त
बता दें कि पिछले 11 जुलाई को पटना के एक होटल में हुई नगर निगम बोर्ड की 09वीं (नौवीं) साधारण बैठक के दौरान शिशिर कुमार हथियार और कई बाउंसर के साथ पहुँचा था. उसने कई वार्ड पार्षद के साथ मार-पीट एवं गाली गलौज भी की थी. इसके बाद पटना नगर निगम के आयुक्त ने शिशिर कुमार के नगर निगम के कार्यालय और बैठक में घुसने से प्रतिबंधित कर दिया था. नगर निगम प्रशासन ने कहा था कि निगम बोर्ड की 9वीं बैठक में शिशिर कुमार द्वारा वार्ड पार्षदों के साथ दुर्यव्यवहार (गाली गलौज एवं हाथापाई) की गई, उसके खिलाफ कई प्रकार के अपराधिक मुकदमे भी चल रहे है. इसलिए पटना नगर निगम की सभी गतिविधियों में उसकी उपस्थिती पर रोक लगाई जाती है.
हथियार का खुला प्रदर्शन
पटना नगर निगम प्रशासन ने राज्य सरकार को पत्र लिख कर बताया था कि मेयर सीता साहू का बेटा शिशिर कुमार मौर्यालोक परिसर स्थिति पटना नगर निगम मुख्यालय और निगम के बैठक/कार्यक्रम स्थलों में निजी अंगरक्षकों (बाउंसर) के साथ पहुँचता है. उसके बाउंसर्स द्वारा नियमानुसार आर्म्स का ढंक कर नहीं रखा जाता है. हथियार का खुला प्रदर्शन किया जाता है, जिससे कार्यालय कर्मियों में डर का माहौल बना रहता है.
शिशिर के खिलाफ कई अपराधिक मामले दर्ज
मेयर पुत्र शिशिर के उपर पहले से ही कई गंभीर मामले दर्ज हैं. शिशिर के खिलाफ पटना के आलमगंज थाना में काण्ड संख्या-511/24 में हत्या का मुकदमा दर्ज हैं. इससे पहले आलमगंज थाना में काण्ड संख्या-232/23 में नगर निगम के डाटा एंट्री ऑपरेटर रजनीश कुमार के साथ मार-पीट का मुकदमा दर्ज है. उप नगर नगर आयुक्त श्री रामाशीष शरण तिवारी ने शिशिर कुमार के खिलाफ कोतवाली थाना कांड सं0-207/25 में को गाली ग्लौज और मार-पीट करने से संबंधित मुकदमा दर्ज है. शिशिर के खिलाफ महिलाओं से अभद्रता, नौकरी से हटाने की धमकी देने, महिला पार्षद से छेड़खानी करने और भू माफिया होने जैसे कई गंभीर आरोप लग चुके हैं.