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DALIT SAMAGAM: गांधी मैदान से 'मांझी' ने भरी हुंकार, कहा- अपने हाथ में चाभी लो...वरना ताला नहीं खुलेगा, और आप कटोरा लेकर घूमते रह जाओगे

DALIT SAMAGAM: पटना के गांधी मैदान में HAM की तरफ से दलित समागम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में बिहार भर से दलित समाज के लोग शामिल हुए. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी भई शामिल हुए.

1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Fri, 28 Feb 2025 01:46:05 PM IST

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- फ़ोटो SELF

DALIT SAMAGAM: पटना के गांधी मैदान में जीतन राम मांझी ने हुंकार भरी. पूरे बिहार के दलितों का गांधी मैदान पटना में जुटान कर दलित समागम किया. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी व अन्य नेताओं ने शिरकत किया.

सभा को संबोधित करते हुए जीतन राम मांझी ने कहा कि गांधी मैदान में दलित समागम के माध्यम से एकता प्रदर्शित की गई. बाबा अंबेडकर ने कहा था राजनीति एक चाबी है, विकास एक ताला है. अगर चाबी आप हाथ में नहीं लीजिएगा तो ताला नहीं खुलेगा. दलित समाज अभी तक चाबी नहीं पकड़ पाए हैं .राजनीति पर आपकी पकड़ नहीं है . इसीलिए आज तक आप कटोरा लेकर घूम रहे हैं .आज संतोष कुमार सुमन और उनके लोगों ने कड़ी मेहनत से यहां दलित समागम के माध्यम से लोगों को इकट्ठा किया है. हम लोगों की आबादी सबसे ज्यादा है, 30% से नीचे नहीं है .लेकिन सत्ता किसके हाथ में है?  अंबेडकर ने हमको दलित बनाया था अनेक जाति में बांटने का काम नहीं किया था. अगर आपकी 30% की आबादी एकजुट हो जाए तो मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसीलिए यह समागम बुलाए हैं. 2025 में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. इस चुनाव में हम लोग सम्मिलित निर्णय लें और सरकार बनाएं .

जीतनराम मांझी ने दलित समाज में वर्गीकरण की मांग उठाई. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक निर्देश दिया है की अनुसूचित जाति-जनजाति में वर्गीकरण होना चाहिए. वर्गीकरण का कुछ राज्यों ने फॉलो किया है. हमारा मानना है कि दलितों में वर्गीकरण होना चाहिए. शैक्षणिक आधार पर बंटवारा होना चाहिए, हर हाल में वर्गीकरण होना चाहिए. हमने प्रधानमंत्री से भी यह बातें कही है. जिसकी साक्षरता 20% से कम है, उसको एक वर्ग में रखकर जनसंख्या के आधार पर आरक्षण दीजिए .

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हमने कई निर्णय लिए थे ,जिससे पूरा किया जाना है. सम्राट चौधरी यहां हैं, यह हमारे मंत्रिमंडल में थे. बिहार में मेट्रो का कॉन्सेप्ट सम्राट चौधरी का था. आज चाहे जो लोग भी ढोल पीट ले . मांझी ने बच्चियों के लिए फ्री पढ़ाई की व्यवस्था करने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार क्लास वन और क्लास 2 में शेड्यूल कास्ट के कितने  अफसर, इसका पता करा ले, अगर नहीं है तो रिजर्वेशन देकर आगे बढ़ाने का काम किया जाना चाहिए .

बिहार में दलितों की 18 जाति की बात करते हैं. लेकिन बिहार में सफाई कर्मचारी आयोग नहीं है. हम मुख्यमंत्री थे तो मसौदा लाये थे, वह मसौदा कहां रखा गया, पता नहीं. मुख्यमंत्री सुन रहे होंगे, नहीं सुन रहे होंगे तो सुनायेंगे लोग. अन्य राज्यों की भांति, केंद्र की भांति सफाई कर्मचारी आयोग का गठन किया जाना चाहिए .अगर दलित समाज एक होकर मतदान करेगा तो आने वाले दिन में कोई भी प्रस्ताव बिहार सरकार से पास करा लेंगे. इसलिए यह समागम की आवश्यकता हुई है. जहां अधिकार लेने की बात हो वहां दलित समाज एकजुट हो. जब तुम्हारे हाथ में रहेगी तो जो चाहोगे करवा लोगे.