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Bihar Politics: प्रशांत किशोर का फूट गया भांडा...दलितों को दिया धोखा ! सिर्फ अपनी तस्वीर...दलित अध्यक्ष को पोस्टर लायक भी नहीं समझे PK

Bihar Politics:प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी में दलित अध्यक्ष मनोज भारती को हाशिए पर डाला जा रहा है। गांधी मैदान रैली के पोस्टरों में सिर्फ पीके की तस्वीर, क्या दलितों को सिर्फ चेहरा बनाकर इस्तेमाल कर रहे हैं?

1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Thu, 10 Apr 2025 11:08:13 AM IST

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Bihar Politics: प्रशांत किशोर गजब की राजनीति कर रहे हैं. पहले जनसुराज अभियान चलाया, इसके बाद पार्टी बनाई. नाम रखा जनसुराज पार्टी. इस दल का पहला प्रदेश अध्यक्ष एक दलित को बनाया, जो बड़े नौकरशाह रह चुके हैं. अध्यक्ष की घोषणा के समय प्रशांत किशोर ने बड़ी-बड़ी बातें कही थी. वैसे, नई पार्टी बनाने से पहले ही प्रशांत किशोर ने ऐलान कर दिया था कि उनकी पार्टी का अध्यक्ष दलित होगा. 2 अक्टूबर 2024 को जब इन्होंने नई पार्टी की घोषणा की तो पहले अध्यक्ष के रूप में मनोज भारती को चुना. ये दलित समाज से आते हैं. मनोज भारती कई वर्षों तक फॉरेन सर्विस में रहे हैं। आज स्थिति यह है कि प्रशांत किशोर अपने अध्यक्ष जो दलित समाज से आते हैं, पोस्टर में भी जगह देने लायक नहीं समझते. सिर्फ अपनी तस्वीर दिखनी चाहिए..बाकी किसी नेता का पार्टी में कोई वैल्यू नहीं.  

पटना में जगह-जगह लगे हैं बैनर-पोस्टर, दलित अध्यक्ष को निबटा दिया !

प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज 11 अप्रैल को पटना के गांधी मैदान में बिहार बदलाव रैली करने जा रही है. इसे लेकर पीके की तरफ से तैयारी शुरू है. राजधानी पटना की सड़कों पर बैनर-पोस्टर लगाए गए हैं. होर्डिंग्स में सिर्फ पीके दिख रहे हैं. बैनर से पीके की मानसिकता की पोल खुलते दिख रही है. न तो अध्यक्ष की तस्वीर है और न ही दल के दूसरे नेता की. तस्वीर है तो सिर्फ प्रशांत किशोर की. प्रशांत किशोर ने जनसुराज पार्टी का पहला अध्यक्ष दलित समाज से आने वाले मनोज भारती को चुना था. बैनर-पोस्टर में मनोज भारती कहीं नहीं दिख रहे हैं. दलित अध्यक्ष को दरकिनार करने के बाद सत्ता पक्ष ने पीके पर जबरदस्त प्रहार किया है. 

प्रशांत किशोर दलितों से नफरत करते हैं- HAM 

दलितों-गरीबों की राजनीति करने वाली पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्यामसुंदर शरण ने प्रशांत किशोर पर जमकर प्रहार किया है. उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर की मानसिकता दलित विरोधी है. पार्टी के अध्यक्ष जो दलित समाज से आते हैं, उन्हें भी होर्डिंग्स-बैनर-पोस्टर में जगह नहीं दी गई. इनके अंदर किस तरह से दलितों के प्रति नफऱत की भावना है, यह परिलक्षित हो रही है. दरअसल, प्रशांत किशोर कांग्रेस से ज्यादा नजदीक रहे हैं. ऐसे में इनकी मानसिकता कांग्रेस से अलग कैसे हो सकती है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष जो दलित समाज से आते हैं, उन्हें भी अपमानित किया जा रहा है. प्रशांत किशोर भी अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जो दलित समाज के हैं, उन्हें नीचा दिखा रहे हैं. पीके गांधी मैदान में रैली कर रहे हैं, इसके लिए बैनर-पोस्टर लगाए गए हैं. उसमें अपने अध्यक्ष को ही गायब कर दिया है. इससे हास्यास्पद बात और क्या हो सकती है.  

दलितों को धोखा दे रहे पीके- जेडीयू 

जेडीयू के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद निषाद ने भी प्रशांत किशोर पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि पीके ने दलित समाज से आने वाले मनोज भारती को इस्तेमाल करने लिए अध्यक्ष बनाया, अब अपमानित कर रहे हैं. पीके अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जो दलित हैं, उन्हें पोस्टर में भी जगह नहीं दे रहे. यह तो सीधे तौर पर दलितों को अपमानित करने के समान है. प्रशांत किशोर दलितों की भावना के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

मधुबनी के रहने वाले हैं मनोज भारती 

बता दें, मधुबनी के रहने वाले मनोज भारती ने भारत के राजदूत के रूप में विदेश में रह कर देश की सेवा की है। मनोज भारती 1988 में विदेश सेवा अधिकारी हुए। इसके बाद वो भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में सचिव रहे। मनोज भारती ने इंडोनेशिया, यूक्रेन और बेलारूस में भारत के राजदूत के रूप में सेवा की। इससे पहले उन्‍होंने म्‍यांमार, टर्की, नेपाल, नीदरलैंड और ईरान में भी भारत का प्रतिनिधित्‍व किया. यह दलित समाज से आते हैं.