1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 22 Oct 2025 08:54:56 AM IST
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Bihar Election 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इस बार कई पुराने दिग्गज नेता अपनी सियासी जमीन वापस पाने की कोशिश में जुटे हैं। सांसद की कुर्सी हाथ से जाने के बाद अब ये पूर्व माननीय विधायकी की राह तलाश रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, इस बार कुल 14 पूर्व सांसद विधानसभा चुनाव के मैदान में हैं। इनमें सबसे ज्यादा पांच उम्मीदवार जदयू (JDU) से हैं, जबकि राजद (RJD) ने चार, भाजपा (BJP) और जनसुराज पार्टी ने दो-दो तथा एआईएमआईएम (AIMIM) ने एक पूर्व सांसद पर भरोसा जताया है।
इन 14 में से 11 पूर्व सांसदों को उन्हीं विधानसभा क्षेत्रों से टिकट दिया गया है, जो पहले उनके लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा रहे हैं। यह रणनीति दलों की उस कोशिश का हिस्सा है, जिसमें वे अपने पुराने जनाधार और पहचान का फायदा उठाना चाहते हैं। बिहार में इस बार एनडीए और महागठबंधन दोनों गठबंधनों के बीच सीधी टक्कर है और सत्ता में वापसी या बने रहने की होड़ में हर पार्टी ने मजबूत उम्मीदवारों पर दांव लगाया है।
भाजपा (BJP)
भाजपा ने अपने दो पूर्व सांसदों को मैदान में उतारा है।
दानापुर से रामकृपाल यादव — वे पहले पाटलिपुत्र लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं। भाजपा ने इस सीट पर पिछला चुनाव हारने के बाद अब उन्हें उतारा है ताकि जातीय समीकरण और संगठन की पकड़ दोनों को साधा जा सके।
सीतामढ़ी से सुनील कुमार पिंटू — जिन्होंने 2019 का लोकसभा चुनाव जदयू के टिकट पर जीता था, लेकिन 2024 में बेटिकट होने के बाद भाजपा में शामिल हुए और अब विधानसभा चुनाव में इसी सीट से ताल ठोंक रहे हैं।
जदयू (JDU)
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने पांच पूर्व सांसदों पर भरोसा जताया है।
जहानाबाद – चंद्रेश्वर चंद्रवंशी
गोपालपुर – बुलो मंडल
काराकाट – महाबली सिंह
कदवा – दुलालचंद गोस्वामी
समस्तीपुर – अश्वमेध देवी
ये सभी अपने-अपने क्षेत्रों में जदयू के पुराने और अनुभवी नेता माने जाते हैं।
राजद (RJD)
लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद ने चार पूर्व सांसदों को टिकट दिया है।
झाझा – जयप्रकाश नारायण यादव
मोकामा – वीणा देवी
बिहारीगंज – रेणु कुशवाहा
धमदाहा – संतोष कुशवाहा
राजद की रणनीति स्पष्ट है — स्थानीय प्रभावशाली नेताओं को उतारकर सीटों की संख्या बढ़ाना।
एआईएमआईएम (AIMIM)
मुंगेर – मोनाजिर हसन
ओवैसी की पार्टी ने इस बार बिहार में सीमित लेकिन प्रभावशाली उम्मीदवारों पर दांव लगाया है।
जनसुराज पार्टी
अररिया – सरफराज आलम
गया टाउन – धीरेंद्र अग्रवाल
पूर्व सांसद सरफराज आलम पहले आरजेडी से जुड़े रहे हैं, जबकि गया में धीरेंद्र अग्रवाल का मुकाबला भाजपा के दिग्गज नेता प्रेम कुमार से होने वाला है।
बहरहाल , बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में इन 14 पूर्व सांसदों की एंट्री ने मुकाबले को और दिलचस्प बना दिया है। सांसद से विधायक बनने की जंग में अनुभव, जनाधार और राजनीतिक रणनीति तीनों की परीक्षा होगी। अब देखना यह होगा कि “सांसद से विधायक” बनने का सपना कितनों का पूरा होता है और कितनों को फिर जनता दरबार में लौटने का इंतजार करना पड़ता है