अजब प्रेम की गजब कहानी: सास-दामाद के बाद अब समधी और समधन की लव स्टोरी, घर छोड़ दोनों हुए फरार Bihar News: जमुई में नो एंट्री टाइम में बदलाव से जनता को बड़ी राहत, एसपी के निर्देश पर प्रभावी हुआ नया नियम Arvind Kejriwal Daughter Wedding: पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल की बेटी हर्षिता शादी के बंधन में बंधीं, संभव जैन के साथ लिए सात फेरे Goal Institute: गोल इंस्टीट्यूट में विशेष सेमिनार का आयोजन, नीट 2025 के लिए छात्रों को मिला महत्वपूर्ण मार्गदर्शन Bihar Politics: सीएम फेस को लेकर महागठबंधन में मचे घमासान पर BJP की पैनी नजर, क्या बोले केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय? Bihar News: मगध यूनिवर्सिटी के पूर्व VC के खिलाफ ED ने दाखिल की चार्जशीट, जानिए.. क्या है मामला? Bihar News :बिहार को मिली ऐतिहासिक सौगात, गंगा नदी पर बना पहला छह लेन पुल अब पूरी तरह तैयार, जल्द होगा उद्घाटन! Bihar Teacher News: बिहार के 110 शिक्षकों पर गिरी गाज, छोटी सी गलती और शिक्षा विभाग ने ले लिया बड़ा एक्शन Vice President Statement Controversy: "राष्ट्रपति केवल नाममात्र का मुखिया" उपराष्ट्रपति धनखड़ के बयान पर कपिल सिब्बल का तीखा पलटवार! Bihar Politics: सुपौल के बीरपुर में VIP की पंचायत स्तरीय बैठक सम्पन्न, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा हुए शामिल
26-Feb-2025 09:08 PM
By Viveka Nand
Bihar cabinet expansion: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. चुनाव से कुछ माह पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बुधवार को अपने कैबिनेट का विस्तार किया है. भाजपा कोटे से सात विधायक मंत्री बनाये गए हैं. आज शाम राजभवन में शपथ ग्रहण का कार्यक्रम हुआ. भाजपा कोटे के सात विधायक मंत्री तो बन गए, विभागों का बंटवारा कब होगा? भाजपा कोटे के मंत्रियों से काटकर ही, नए मंत्रियों के बीच विभाग का बंटवारा होना है.
कल हो जाएगा विभागों का बंटवारा
भाजपा के विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि 27 तारीख को नए मंत्रियों के बीच विभाग का बंटवारा हो जाएगा. बीजेपी कोटे के वैसे मंत्री जिनके पास एक से अधिक विभाग हैं, उनसे काटकर नए मंत्रियों को दिए जाएंगे. खबर है कि भाजपा कोटे के पुराने मंत्रियों के बीच भी विभागों की अदला-बदली हो सकती है. विभागों के बंटवारे को लेकर नेतृत्व से सहमति की प्रतीक्षा की जा रही है. हरी झंडी मिलते ही 27 फऱवरी को विभाग बांट दिए जाएंगे.
ऐसे होगा मंत्रियों का एडजस्टमेंट
सरकार में मंत्री रहे डॉ दिलीप जायसवाल ने एक व्यक्ति-एक पद के फार्मूले के आधार पर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. लिहाजा उनके जिम्मे का राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग खाली हो गया है. इसके बाद नंबर है डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा का. विजय कुमार सिन्हा तीन विभागों का काम देख रहे हैं, जिसमें पथ निर्माण, खनन औऱ कला-संस्कृति विभाग शामिल है. विजय कुमार सिन्हा से दो विभाग ले लिये जायेंगे. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक विजय कुमार सिन्हा के पास पथ निर्माण रहेगा बाकी दोनों विभाग छीन जायेंगे.बिहार सरकार में मंत्री मंगल पांडेय दो अहम विभागों के मंत्री हैं. वे स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ कृषि विभाग का भी काम देख रहे हैं. मंगल पांडेय से कृषि विभाग वापस ले लिया जायेगा. बीजेपी के एक औऱ मंत्री प्रेम कुमार के पास सहाकिरता के साथ साथ वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग है. प्रेम कुमार से वन, पर्यावरण विभाग वापस लिये जाने की खबर है.उसी तरह मंत्री नीतीश मिश्रा के पास उद्योग के साथ साथ पर्यटन विभाग की जिम्मेवारी है. हालांकि नीतीश मिश्रा ने दोनों विभागों में बेहतरीन काम किया है. लेकिन नये मंत्रियों के एडजस्टमेंट के लिए उनसे पर्यटन विभाग लिये जाने की खबर है. सरकार के एक औऱ मंत्री नितीन नवीन के पास नगर विकास विभाग के साथ साथ विधि विभाग की भी जिम्मेवारी है. अब उनसे विधि विभाग वापस लिया जायेगा.
भाजपा कोटे से इन मंत्रियों ने ली है शपथ
बीजेपी कोटे से आज संजय सरावगी, डॉ सुनील कुमार, जीवेश मिश्रा, राजू कुमार सिंह, मोतीलाल प्रसाद, विजय कुमार मंडल औऱ कृष्ण कुमार मंटू ने मंत्री पद की शपथ ली. बिहार सरकार में पहले से ही मुख्यमंत्री को लेकर 30 मंत्री थे. एक मंत्री दिलीप जायसवाल ने इस्तीफा दिया और 7 नये मंत्रियों ने शपथ ली. लिहाजा बिहार में मंत्रियों की कुल संख्या 36 हो गयी.
संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक बिहार में इससे ज्यादा मंत्री नहीं हो सकते हैं. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164(1ए) के मुताबिक, किसी भी राज्य में मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों की संख्या, विधानसभा के कुल सदस्यों के 15 प्रतिशत से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए. बिहार में विधानसा में कुल 243 सदस्य है. इसका 15 प्रतिशत 36.45 होता है. इसका अर्थ ये है कि बिहार में मुख्यमंत्री समेत कुल 36 मंत्री ही बन सकते हैं. नीतीश कुमार के राज में पहली दफे ऐसा हुआ है कि मंत्रियों की सारी सीट फुल हो गयी है. उदाहरण के लिए हम नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी पिछली सरकार को ही देखें तो 2022 में बनी जेडीयू, आरजेडी औऱ कांग्रेस की सरकार में कुल 31 मंत्री थे. उससे पहले 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद जब बीजेपी और जेडीयू की सरकार बनी थी तब भी मंत्रिमंडल में सिर्फ 30 मंत्री ही थे.
मंत्रियों का पद खाली छोड़ना रणनीति का हिस्सा
दरअसल, नीतीश कुमार अपनी खास रणनीति के तहत ही मंत्रियों का पद खाली छोड़ते रहे हैं. मंत्री पद खाली रहने से विधायकों में ये उम्मीद रहती है कि उन्हें भी मंत्री बनाया जा सकता है. लिहाजा पार्टी को उनके विद्रोह की आशंका कम सताती है. नाराज विधायकों का मंत्री बनाने का लॉलीपॉप थमा कर शांत करने की रणनीति भी काम करती रही है.
वैसे, तो अब तक बीजेपी भी नीतीश कुमार की तरह ही मंत्रियों का कुछ पद खाली छोड़ती रही है. लेकिन अब केंद्र के साथ साथ बिहार की सत्ता पर काबिज बीजेपी को अब विधायकों के किसी विद्रोह की आशंका नहीं है. बीजेपी को अपनी मजबूती का अंदाजा है. वहीं, इसी साल चुनाव भी होने वाले हैं. लिहाजा विधायकों के विद्रोह की आशंका कम है. विधायकों को मंत्री बनने से ज्यादा चुनाव में टिकट मिलने और जीत हासिल करने की फिक्र सता रही है.
पहली दफे जेडीयू के इतने कम मंत्री
इस मंत्रिमंडल विस्तार के बाद एक और नया रिकार्ड बना है. वैसे तो जेडीयू ने अपने हिस्से के विभाग नहीं छोड़े हैं. लेकिन उसके मंत्रियों की तादाद बीजेपी के मुकाबले काफी कम हो गये हैं. मौजूदा मंत्रिमंडल में नीतीश कुमार समेत जेडीयू के सिर्फ 13 मंत्री हैं. वहीं, बीजेपी के मंत्रियों की संख्या 21 हो गयी है. इसके अलावा एक निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह और हम के संतोष कुमार सुमन भी मंत्री हैं.
लेकिन ऐसा पहली दफे हुआ है कि नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में किसी दूसरी पार्टी के मंत्री की तादाद जेडीयू के मंत्रियों की संख्या की तुलना में डेढ़ गुणा से भी ज्यादा हो गया है. मंत्रिमंडल में जेडीयू के सिर्फ 13 मंत्री हैं तो बीजेपी के 21. अगर निर्दलीय सुमित सिंह भी जेडीयू कोटे में जोड़ लिया जाये तो भी बीजेपी के मंत्रियों की संख्या जेडीयू की तुलना में डेढ़ गुणा