गयाजी में किसान सम्मेलन का आयोजन, सूरज यादव ने किसानों की आवाज़ बनने का लिया संकल्प थाने के लॉकअप से फरार कैदियों को पुलिस ने दबोचा, चौकीदार और OD ऑफिसर पर सहरसा SP ने की कार्रवाई बाढ़ पीड़ितों के लिए मुआवजे की मांग: अनशन के दौरान RJD नेता की बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में मिलने पहुंचे मनोज झा मुजफ्फरपुर: कॉलेज प्राचार्या पर महिला कर्मी की पिटाई और वसूली का आरोप, मानवाधिकार आयोग पहुंचा मामला पूर्णिया में NSD का नाट्य उत्सव: विद्या विहार स्कूल में 21-22 सितम्बर को विशेष प्रस्तुतियाँ बिहार में चुनावी सरगर्मी हुई तेज: शाह-नीतीश की मुलाकात के बाद JDU ने की बैठक, राहुल और तेजस्वी पर साधा निशाना अमित शाह का बेगूसराय दौरा, राहुल-लालू-तेजस्वी पर साधा जमकर निशाना पटना के गर्दनीबाग में 28.66 करोड़ से बनेगा आधुनिक स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, क्रिकेट की 15 पिचों समेत जिम-हॉल की सुविधा BIHAR NEWS : 'एक दिन एक घंटा एक साथ’, बिहार में ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान शुरू, गंगा तटवर्ती जिलों में पहुँचेगा स्वच्छता संदेश कल BJP के किस नेता का नंबर..? प्रशांत किशोर चौथा किस्त जारी करेंगे, दावा- जो फड़फड़ा रहा वो धाराशाई होकर गिर जाएगा
1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Wed, 26 Feb 2025 05:27:44 PM IST
bihar cabinet expansion,Yadav voters,यादव वोटर्स, यादव जाति,यादव विधायक, भूमिहार विधायक, भूमिहार वोट - फ़ोटो Google
Bihar cabinet expansion: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. चुनाव में भले ही कुछ महीने बचे हों, फिर भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज अपने कैबिनेट का विस्तार किया है. भाजपा कोटे के सात विधायकों को मंत्री बनाया गया है. चुनाव से ठीक पहले मंत्रिमंडल विस्तार में जाति और क्षेत्र पर विशेष फोकस किया गया है. नेतृत्व ने सबको उचित हिस्सेदारी देने की कोशिश की है. हालांकि, बिहार की सबसे बड़ी आबादी वाली यादव जाति पर भाजपा को भरोसा नहीं. कैबिनेट विस्तार में यादव नेता को जगह नहीं दी गई.
यादव पर भाजपा को भरोसा नहीं
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में एनडीए की जीत के बाद नई सरकार बनी थी. तब यादव समाज को कैबिनेट में प्रतिनिधित्व दिया गया था. मुजफ्फरपुर जिले के औराई विधानसभा क्षेत्र से जीतकर आये रामसूरत राय को मंत्री बनाया गया था. नीतीश कैबिनेट में इन्हें राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई थी. 2022 में एनडीए की सरकार चली गई और नीतीश कुमार महागठबंधन की सरकार चलाने लगे. जनवरी 2024 में फिर से एनडीए की सरकार बनी. तब से यादवों को मंत्रिमंडल से साफ किया जा रहा है. तब बीजेपी ने भूमिहारों को हाफ और यादवों को साफ किया था. यानि भाजपा ने अपने कोर वोटर भूमिहार से सिर्फ एक विधायक को मंत्री बनाया,जबकि यादवों को पूरी तरह से किनारे लगा दिया गया. हालांकि, भाजपा ने नंदकिशोर यादव को बिहार विधानसभा का अध्यक्ष बनवाकर यादव कोटा को भरने का दावा किया है.
यादव जाति के कई नेताओं की चर्चा चल रही थी...
आज 26 फरवरी को जब कैबिनेट का विस्तार हुआ तो भूमिहार जाति से आने वाले जीवेश मिश्रा को नीतीश कैबिनेट में शामिल कर हिस्सेदारी पूरी कर दी. लेकिन, यादवों पर भाजपा ने भरोसा नहीं किया. इस बार के कैबिनेट विस्तार में भी इस जाति को जगह नहीं मिली. जबकि यादव समाज से आने वाले कई विधायकों के नाम की चर्चा थी. लेकिन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने दल के किसी यादव विधायक-विधान पार्षद पर भरोसा नहीं जताया. दरअसल, भाजपा को लगता है कि पार्टी चाहे जो भी पद दे, लेकिन विधानसभा चुनाव में यादव जाति के वोटर एनडीए को वोट नहीं करेंगे. यादव जाति के वोटर आज भी राजद से जुड़े हैं. लिहाजा शीर्ष नेतृत्व ने यादवों पर भरोसा करने की बजाय, अति पिछड़ी जाति के वोटरों में अपनी पैठ को और मजबूत बनाने में जुटी है. यही वजह है कि आज सात मंत्रियों में दो अति पिछड़ी जाति से आते हैं.
इन विधायकों ने मंत्री पद की ली है शपथ
रीगा से विधायक मोतीलाल प्रसाद(तेली) अति पिछड़ी जाति से हैं. सिकटी से विधायक विजय मंडल (कैवर्थ) अति पिछड़ी जाति से आते हैं. साहेबगंज से भाजपा के विधायक राजू सिंह (राजपूत) हैं. बिहारशरीफ से विधायक सुनील कुमार (कुशवाहा ) हैं. जाले से जीवेश मिश्रा (भूमिहार) हैं. अमनौर से विधायक कृष्ण कुमार मंटू (कुर्मी) और दरभंगा के विधायक संजय सरावगी ( वैश्य) जाति से आते हैं.