ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Election 2025: मनोज तिवारी ने खेसारी लाल यादव को आरजेडी से क्यों किया सचेत? यह भी बताया किसके पास है 56 इंच की जीभ Bihar Election 2025: मनोज तिवारी ने खेसारी लाल यादव को आरजेडी से क्यों किया सचेत? यह भी बताया किसके पास है 56 इंच की जीभ Patna Graduate Constituency : स्नातक वोटर बनने के लिए करना होगा खुद से आवेदन, जानिए क्या है तरीका और कहां भरना होगा फॉर्म Bihar News: BJP नेता की सड़क हादसे में मौत, नामांकन से लौटते वक्त हुआ एक्सीडेंट Dhanteras 2025: धनतेरस पर कहीं आप भी तो नहीं खरीदते हैं चांदी के नकली सिक्के? असली की ऐसे करें पहचान Dhanteras 2025: धनतेरस पर कहीं आप भी तो नहीं खरीदते हैं चांदी के नकली सिक्के? असली की ऐसे करें पहचान Bihar Development : बिहार में क्यों नहीं लग रहीं फैक्ट्रियां ? शाह ने बताई सबसे बड़ी दिक्कत, बाढ़ मुक्ति का प्लान समझाया Dhanashree Verma Film Offer: “मैं जो वादा करता हूं, वो निभाता हूं”, पावरस्टार पवन सिंह ने अब धनश्री वर्मा को दिया कौन सा ऑफर? Bihar Assembly Election 2025 : बिहार में मतदान के लिए इन लोगों की रहेगी छुट्टी,चुनाव आयोग ने जारी किया आदेश; वेतन काटने पर लगेगा जुर्माना Bank Balance of Khesari Yadav: कितनी संपत्ति के मालिक हैं भोजपुरी स्टार खेसारी लाल यादव? अब राजनीति में आजमाएंगे किस्मत

Bihar Election 2025: “मैं समस्याओं से परेशान हो गया हुं, अब खुद करुंगा समाधान”, 72 साल के बुजुर्ग किसान ने विधानसभा चुनाव का किया नामांकन

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के नामांकन प्रक्रिया के आखिरी दिन बेगूसराय के चेरिया बरियारपुर विधानसभा क्षेत्र में एक अनोखा और प्रेरणादायक दृश्य देखने को मिला।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 18 Oct 2025 10:57:43 AM IST

Bihar Election 2025

बिहार चुनाव 2025 - फ़ोटो GOOGLE

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के नामांकन प्रक्रिया के आखिरी दिन बेगूसराय के चेरिया बरियारपुर विधानसभा क्षेत्र में एक अनोखा और प्रेरणादायक दृश्य देखने को मिला। 72 साल के बुजुर्ग किसान राम स्वारथ प्रसाद ने प्रोटेस्ट सर्व समाज पार्टी से चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान किया। बड़े खोदावंदपुर गांव के निवासी राम स्वारथ प्रसाद इस अवसर पर मंझौल अनुमंडल कार्यालय पहुंचे, जहां उनके कुछ समर्थकों ने फूल-मालाओं से उनका भव्य स्वागत किया।


राम स्वारथ प्रसाद ने मीडिया के सामने स्पष्ट कहा कि उन्होंने जिंदगी भर किसानों और आम लोगों की समस्याओं को देखा है, और अब केवल चर्चा करने से समाधान नहीं होगा। उनका कहना है कि अगर जनता उन्हें मौका देती है, तो वे शिक्षा को पूरी तरह मुफ्त करेंगे, किसानों को उनका हक दिलाएंगे, और कृषि को उद्योग का दर्जा देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि विदेशी सामान के आयात को रोका जाना चाहिए ताकि देश के किसान और मजदूर आत्मनिर्भर बन सकें। इसके अलावा, वे गांव में लघु उद्योग स्थापित करने की योजना रखते हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ सकें।


राम स्वारथ प्रसाद का यह जोश और उत्साह उनके समर्थकों में भी दिखाई दिया। समर्थकों ने “किसान नेता जिंदाबाद” के नारे लगाए। कई लोग उनकी उम्र देखकर हैरान थे, लेकिन उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि “उम्र नहीं, इरादा मायने रखता है। जब तक सांस है, समाज के लिए कुछ करने की चाह रहेगी।” उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी लड़ाई किसी पार्टी या व्यक्ति के खिलाफ नहीं है, बल्कि समस्याओं के खिलाफ है। उनके हलफनामे के अनुसार, राम स्वारथ प्रसाद पेशे से किसान हैं, पत्नी के साथ रहते हैं, और राजनीति में नया कदम रख रहे हैं। उनका मानना है कि राजनीति में आम किसान की आवाज दब चुकी है, और इसे फिर से जीवित करने की जरूरत है।


बेगूसराय की सात विधानसभा सीटों पर 6 नवंबर को पहले चरण में मतदान होना है। नामांकन के अंतिम दिन राम स्वारथ प्रसाद की उम्मीदवारी ने सबका ध्यान खींच लिया। इस मौके पर भीड़ में खड़े एक युवक ने कहा, “इतनी उम्र में भी अगर कोई समाज के लिए लड़ सकता है, तो ये अपने आप में मिसाल है।” राम स्वारथ प्रसाद का यह जज्बा और समाज के प्रति उनकी प्रतिबद्धता यह संदेश देता है कि राजनीति केवल सत्ता पाने के लिए नहीं, बल्कि सर्वजन की सेवा और समाज के उत्थान के लिए भी होती है। उनकी उम्मीदवारी इस बात का प्रतीक है कि जनता के बीच से उठी आवाज और आम लोगों की समस्याओं का समाधान ही सच्ची राजनीति है। आने वाले चुनाव में यह पहल अन्य नेताओं और मतदाताओं के लिए प्रेरणा बन सकती है।