BIHAR CRIME : नशे में धुत बेटे ने पिता पर किया हमला, चाकू छीनकर पिता ने कर दी बेटे की हत्या BIHAR STET EXAM : जानिए बिहार STET एग्जाम का पैटर्न, 5 घंटे में पूछे जाएंगे 300 सवाल; गलत जवाब पर भी नहीं कटेंगे जवाब Asia Cup 2025: सूर्या की कप्तानी में आज दिखेगा भारत का दम-खम, इस एप पर देखें इंडिया और UAE का लाइव मुकाबला Bihar Government Scheme: सावधान ! महिला रोजगार योजना के नाम पर हो रहा बड़ा खेल, आपको भी आ रहा ऐसा लिंक तो ठहर जाए Bihar Train News: बिहार के स्टेशनों को मिली बड़ी राहत, रेलवे ने कई प्रमुख ट्रेनों के ठहराव को दी मंजूरी टी सी एच एदुसर्व 16 सितम्बर से नया बैच शुरू, 100% फीस माफी की सुविधा Bihar News: फ्री फायर गेम खेल रहा किशोर को अपराधियों ने मारी गोली, पुलिस कर रही छापेमारी Bihar News: डीईओ साहब....संग्रामपुर ही नहीं तुरकौलिया ब्लॉक के 20 स्कूलों में भी बिना काम के 1 करोड़ की हुई निकासी ! प्रधानाध्यापक ही भ्रष्ट सिस्टम की खोल रहे पोल, जांच करायेंगे ? IAS Transfer: बिहार में कई IAS अधिकारियों का तबादला, हटाए गए उत्पाद आयुक्त; देखें पूरी लिस्ट Nepal political crisis: नेपाल में हिंसा के बाद बिहार सीमा पर हाई अलर्ट, SSB और पुलिस की चौकसी बढ़ी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 10 Jul 2025 04:51:45 PM IST
घूसखोर क्लर्क गिरफ्तार - फ़ोटो REPOTER
PATNA: पटना से इस वक्त की बड़ी खबर आ रही है जहां शिक्षा विभाग के डीईओ कार्यालय के प्रधान लिपिक अशोक कुमार वर्मा को एक लाख रूपये घूस लेते निगरानी ने रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। मातृत्व अवकाश के लिए अशोक कुमार वर्मा ने डेढ़ लाख रुपये का डिमांड किया था।
शिक्षा विभाग में कार्यरत एक वरिष्ठ कर्मचारी को घूसखोरी के मामले में विजिलेंस टीम ने रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। पटना जिले के जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) कार्यालय में कार्यरत प्रधान लिपिक अशोक कुमार वर्मा को गुरुवार को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए दबोचा गया।
उन पर आरोप है कि उन्होंने मातृत्व अवकाश (maternity leave) की स्वीकृति के बदले एक महिला कर्मचारी से डेढ़ लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। महिला द्वारा इसकी शिकायत निगरानी विभाग (Vigilance Bureau) से की गई, जिसके बाद पूर्व नियोजित जाल में फंसाकर वर्मा को रंगे हाथ पकड़ा गया।
कैसे हुआ खुलासा?
सूत्रों के अनुसार, महिला कर्मचारी ने जब आलोक वर्मा से मातृत्व अवकाश स्वीकृति के लिए संपर्क किया, तो वर्मा ने प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के बदले ₹1.5 लाख की मांग रखी। परेशान होकर महिला ने इसकी शिकायत बिहार राज्य निगरानी अन्वेषण ब्यूरो से कर दी। विजिलेंस टीम ने शिकायत की प्रारंभिक जांच के बाद ट्रैप प्लान तैयार किया। गुरुवार को जैसे ही आलोक वर्मा ने एक लाख रुपये की पहली किस्त स्वीकार की, टीम ने उन्हें रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तारी के बाद कार्रवाई
गिरफ्तारी के तुरंत बाद अशोक वर्मा को पटना निगरानी थाने लाया गया, जहां उनसे पूछताछ की जा रही है। साथ ही उनके कार्यालय और आवास पर भी तलाशी की कार्रवाई की जा रही है। निगरानी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया:"यह मामला सरकारी सेवा में भ्रष्टाचार का गंभीर उदाहरण है। आरोपी के खिलाफ सुसंगत धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है और उसे न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया चल रही है।"
शिक्षा विभाग की साख पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर शिक्षा विभाग की नैतिक साख और पारदर्शिता पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है। जहां एक ओर सरकार शिक्षकों और कर्मचारियों को सुविधाएं देने की कोशिश कर रही है, वहीं विभाग के कुछ कर्मचारी ऐसी सुविधाओं को भी अवैध कमाई का जरिया बना रहे हैं।