Katihar News: बिहार बंद के समर्थन में एनडीए कार्यकर्ताओं ने निकाला मशाल जुलूस, पीएम मोदी की मां पर अभद्र टिप्पणी का विरोध Katihar News: बिहार बंद के समर्थन में एनडीए कार्यकर्ताओं ने निकाला मशाल जुलूस, पीएम मोदी की मां पर अभद्र टिप्पणी का विरोध Patna Crime News: पटना में रेलवे स्टेशन से युवती को किडनैप कर गैंगरेप, सोनू सन्नाटा समेत दो आरोपी गिरफ्तार Patna Crime News: पटना में रेलवे स्टेशन से युवती को किडनैप कर गैंगरेप, सोनू सन्नाटा समेत दो आरोपी गिरफ्तार दिल्ली में 4 सितंबर को हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा का राष्ट्रीय अधिवेशन, मांझी और संतोष सुमन रहेंगे शामिल Purnea News: स्वाभिमान सभा में भाजपा जिला मंत्री नूतन गुप्ता हुईं शामिल, PM मोदी की रैली के लिए लोगों को दिया निमंत्रण Purnea News: स्वाभिमान सभा में भाजपा जिला मंत्री नूतन गुप्ता हुईं शामिल, PM मोदी की रैली के लिए लोगों को दिया निमंत्रण Bihar News: बिहार में करमा पूजा के दौरान बड़ा हादसा, आहर में डूबने से दो सगी बहन समेत चार की मौत Bihar News: बिहार में चुनावी जंग से पहले सत्ताधारी दल की प्रवक्ता ब्रिगेड बिखरी...रोज-रोज पार्टी की पिट रही भद्द, निशाने पर राष्ट्रीय प्रवक्ता Train News: रेलवे ने 06 जोड़ी स्पेशल ट्रेनों के परिचालन अवधि में किया विस्तार, दानापुर और पुणे के बीच चलेगी एक जोड़ी स्पेशल ट्रेन
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 08 Jul 2025 02:54:17 PM IST
लॉकर में हो गया खेला - फ़ोटो SOCIAL MEDIA
UP NEWS: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बार फिर से लॉकर की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। अयोध्या रोड स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक में छह महीने पहले हुए 42 लॉकरों की चोरी का मामला अभी सुलझा भी नहीं था कि अब विकासनगर की एक गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी के लॉकर में बड़ी धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है।
विकासनगर स्थित मणप्पुरम गोल्ड लोन फाइनेंस कंपनी की शाखा में ग्राहकों के 43 लाख रुपये मूल्य के 786.7 ग्राम असली सोने के गहनों को चुपचाप निकालकर उनकी जगह नकली जेवर रख दिए गए। ये खुलासा तब हुआ जब एक उपभोक्ता ने अपना लोन चुकाकर जेवर छुड़वाए और उन्हें देखकर संदेह हुआ।
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
दरअसल गोरखपुर के रहने वाले अमित कुमार त्रिपाठी ने फाइनेंस कंपनी की विकासनगर स्थित साईं प्लाजा शाखा से सोने के जेवर गिरवी रखकर गोल्ड लोन लिया था। 11 फरवरी 2025 को उन्होंने लोन की पूरी राशि चुका दी। जब लॉकर से जेवर निकालकर उन्हें वापस किए गए, तो उन्होंने पाया कि ये उनके असली जेवर नहीं थे। मामले की जानकारी फाइनेंस कंपनी को दी गई, जिसके बाद आंतरिक जांच कराई गई। जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। अमित त्रिपाठी के अलावे राहुल नंदा और विवेक नामक दो अन्य ग्राहकों के भी जेवर लॉकर में बदले गए थे। इन तीनों ग्राहकों के कुल 786.7 ग्राम सोने की कीमत 43.34 लाख रुपए बताई जा रही है।
धोखाधड़ी में कौन-कौन शामिल?
जब कंपनी ने मामले की जांच की तब यह बात सामने आई कि इस घोटाले में ब्रांच हेड से लेकर जूनियर स्टाफ तक शामिल था। आरोपितों में फाइनेंस कंपनी के ब्रांच हेड पंकज द्विवेदी, सहायक ब्रांच हेड सोमनाथ यादव, पूर्व ब्रांच हेड अनुराग सिंह, पूर्व सहायक ब्रांच हेड सतीश सिंह और पूर्व जूनियर स्टाफ अमन सिंह शामिल है। इन सभी आरोपियों के खिलाफ विकासनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है।
कैसे की गई धोखाधड़ी?
बता दें कि लॉकर खोलने के लिए दो चाबियों की जरूरत होती है। एक ब्रांच हेड के पास रहता है तो दूसरी चाबी सहायक ब्रांच हेड के पास होती है। ये लॉकर तभी खुलता है जब दोनों चाबियां एक साथ लगाई जाती हैं। जेवर पैक करने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले पैकेटों पर विशेष स्टीकर लगे होते हैं, जो हर ग्राहक के लिए अलग होते हैं। आरोपित कर्मचारियों ने इन स्टीकरों को सावधानीपूर्वक काटकर नकली जेवरों वाले पैकेट पर चिपका दिया, ताकि किसी को पता न चल सके कि पैकेट बदल दिया गया।
ऑडिट रिपोर्ट में क्या मिला?
कंपनी के एरिया हेड शुभम देय ने बताया कि 25 नवंबर 2024 को हुई ऑडिट में लॉकर में रखे सभी जेवर असली पाए गए थे। यह ऑडिट ऑडिटर अमित द्वारा की गई थी। उस समय सभी गहनों को जांच कर नए सिरे से पैक किया गया था। उसके बाद कोई और ऑडिट नहीं की गई। गौर करने वाली बात यह है कि अनुराग सिंह और सतीश सिंह ने 1 जनवरी 2025 को कंपनी से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद ब्रांच की जिम्मेदारी पंकज द्विवेदी और सोमनाथ यादव को सौंप दी गई। उसी दौरान यह धोखाधड़ी की गई, जिसमें पहले के और वर्तमान दोनों कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आई है।
पहले भी हुआ था बड़ा मामला
इससे पहले, 21 दिसंबर 2024 को लखनऊ के अयोध्या रोड स्थित इंडियन ओवरसीज बैंक में 42 लॉकर काटकर करोड़ों की चोरी की गई थी। अभी तक इस मामले के पीड़ित अपने गहनों की वापसी का इंतजार कर रहे हैं। वही लगातार सामने आ रही इस तरह की घटनाएं लॉकर सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं। क्या बैंक और फाइनेंस कंपनियां ग्राहकों की संपत्ति को सुरक्षित रखने में सक्षम हैं? ग्राहकों का विश्वास इस तरह की घटनाओं से डगमगाने लगा है। हालांकि पुलिस पूरे मामले की छानबीन कर रही है। वही कंपनी के द्वारा भी आंतरिक कार्रवाई जारी है। पीड़ित कस्टमर असली गहनों की वापसी पर उम्मीद लगाए बैठे हैं। अब देखने वाली बात होगी कि इस मामले में पुलिस क्या कार्रवाई कर पाती है और फाइनेंस कंपनी पीड़ित को कब तक न्याय देती है।