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Bihar Crime : पुलिस छापेमारी में डकैती कांड का मास्टरमाइंड गिरफ्तार, 5 महीने से प्रशासन को चकमा दे रहा था यह शातिर अपराधी

Bihar Crime : अक्टूबर में डकैती की घटनाओं के बाद 7 गिरफ्तारियां तुरंत हो गई थीं मगर इस गैंग का मुखिया अब तक फरार चल रहा था

1st Bihar Published by: Dhiraj Kumar Singh Updated Wed, 26 Mar 2025 09:30:18 AM IST

Bihar Crim

पुलिस की कार्यवाई - फ़ोटो रिपोर्टर

Bihar Crime : जमुई और लखीसराय में पिछले साल अक्टूबर में हुई कई डकैतियों के मास्टरमाइंड राकेश चौधरी को आखिरकार नवादा जिले से गिरफ्तार कर लिया गया है। जमुई एसडीपीओ सतीश सुमन ने सिकंदरा थाना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी। राकेश चौधरी ने 6 और 7 अक्टूबर 2024 को दोनों जिलों में कुल 6 डकैतियों को अंजाम दिया था, जिनमें सिकंदरा, चंद्रदीप, लछुआड़ (जमुई) और हलसी थाना क्षेत्र (लखीसराय) की घटनाएं शामिल हैं।  


आठवी और सबसे महत्वपूर्ण गिरफ्तारी 

पुलिस ने इस मामले में पहले ही 24 घंटे के अंदर सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन मुख्य आरोपी राकेश चौधरी लगातार अपना ठिकाना बदलकर पुलिस को चकमा दे रहा था। एसडीपीओ को गुप्त सूचना मिली कि राकेश अपने गांव कोवाकोल (नवादा) में छिपा हुआ है। इसके बाद एसपी मदन कुमार आनंद के निर्देश पर एक विशेष टीम गठित की गई। इस टीम में एसडीपीओ सतीश सुमन के साथ-साथ लछुआड़, सिकंदरा और चंद्रदीप के थानाध्यक्ष शामिल थे। टीम ने नवादा में छापेमारी कर राकेश चौधरी को धर दबोचा। यह इस मामले में आठवीं गिरफ्तारी है।


डकैती कांड

6 और 7 अक्टूबर, 2024 को राकेश चौधरी और उसके गिरोह ने जमुई और लखीसराय में एक के बाद एक 6 डकैतियां की थीं। इन वारदातों ने स्थानीय लोगों में दहशत फैला दी थी। सिकंदरा, चंद्रदीप और लछुआड़ थाना क्षेत्रों में हुई डकैतियों में नकदी, गहने और अन्य कीमती सामान लूटे गए थे। लखीसराय के हलसी थाना क्षेत्र में भी एक बड़ी डकैती को अंजाम दिया गया था। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सात आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन मास्टरमाइंड राकेश की गिरफ्तारी एक बड़ी चुनौती बनी हुई थी।  


पुलिस की रणनीति और चुनौतियां

राकेश चौधरी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। वह लगातार अपना ठिकाना बदल रहा था, जिसके कारण पुलिस को कई बार खाली हाथ लौटना पड़ा। गुप्त सूचना और तकनीकी निगरानी के आधार पर आखिरकार उसकी लोकेशन का पता चला। नवादा के कोवाकोल में छापेमारी के दौरान पुलिस ने उसे हिरासत में लिया। इस ऑपरेशन में शामिल पुलिस टीम की तारीफ हो रही है, क्योंकि राकेश जैसे शातिर अपराधी को पकड़ना आसान नहीं था।  


बिहार में डकैती की स्थिति

जमुई और लखीसराय जैसे इलाकों में डकैती की घटनाएं समय-समय पर सामने आती रही हैं। 2023 में बिहार पुलिस ने डकैती से संबंधित 1,200 से ज्यादा मामले दर्ज किए थे, जिनमें से कई का खुलासा हुआ, लेकिन कुछ शातिर अपराधी अभी भी फरार हैं। राकेश चौधरी की गिरफ्तारी से पुलिस को उम्मीद है कि इस गिरोह से जुड़े अन्य अपराधों का भी खुलासा हो सकता है।


आगे की कार्रवाई

एसडीपीओ सतीश सुमन ने बताया कि राकेश चौधरी से पूछताछ की जा रही है, ताकि डकैती से जुड़े अन्य अपराधों और संभावित सहयोगियों का पता लगाया जा सके। पुलिस को शक है कि राकेश का नेटवर्क सिर्फ जमुई और लखीसराय तक सीमित नहीं है, बल्कि नवादा और आसपास के जिलों में भी सक्रिय हो सकता है। राकेश को जल्द ही कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेजे जाने की संभावना है।