ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Encroachment Drive : बिहार में नई सरकार बनते ही ऑपरेशन बुलडोजर शुरू, कई शहरों में अतिक्रमण हटाने पर मची अफरा-तफरी Bihar Air Pollution: पटना सहित कई जिलों में बढ़ा वायु प्रदूषण, ज्यादातर शहर ‘मध्यम प्रदूषित’ श्रेणी में दर्ज; हाजीपुर सबसे आगे Saharsa accident : सहरसा में फोरलेन पर भीषण टक्कर, एक की मौत, परिवार में मचा कोहराम Bihar News: एशिया के सबसे बड़े पशु मेले में पहुंचे एक करोड़ का 'प्रधान जी', देखने उमड़ी भीड़ Bihar Politics : बिहार विधानसभा के 243 विधायकों के शपथ का इंतजार, स्पीकर पद पर एनडीए में मंथन तेज Fastest Test Century: टेस्ट क्रिकेट में इन बल्लेबाजों ने जड़े हैं सबसे तेज शतक, टॉप-5 में एक और कंगारू की एंट्री SVU Raid Bihar: SVU की बड़ी कार्रवाई, औरंगाबाद उत्पाद अधीक्षक के ठिकानों पर छापेमारी जारी; जमीन निवेश समेत मिले कई दस्तावेज Bihar Crime News: वीडियो कॉल पर प्रेमिका ने किया शादी से इनकार, प्यार में पागल आशिक ने खुद को मारी गोली Bihar election : चुनावी महापर्व के बाद का राजदरबार, तामझाम थमा तो शुरू हुआ कुर्सी-टेबल और हलवाई का हिसाब; अफसर साहब भी हो जा रहे परेशान Bihar Crime News: फ्री फायर गेम खेलने के लिए रिचार्ज नहीं हुआ, तो किशोर ने उठाया खौफनाक कदम, इलाके में मची सनसनी

Aslil Dance in Bihar: बिहार के DGP ने जिस अश्लील डांस पर...वह अब सामाजिक महामारी का रूप ले चुका है

Aslil Dance in Bihar: बिहार के DGP ने अश्लील डांस पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे सामाजिक महामारी करार दिया है। उन्होंने कहा कि यदि बच्चे और बुजुर्ग अश्लील डांस देखते रहेंगे, तो समाज में अनैतिकता बढ़ेगी.

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 20 Mar 2025 04:02:58 PM IST

Orchestra dance, vulgar dance, Launda Naach, Bihar, Uttar Prad   uri cinema, social issue, rural areesh, Bhojpas, entertainment, wedding ceremonies, birthdays, funerals, panchayat elections, women, ob

प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google

Aslil Dance in Bihar: हाल ही में बिहार के DGP ने जिस अश्लील डांस की आलोचना की, वह आज बिहार और उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में एक गंभीर सामाजिक समस्या बन चुका है। उन्होंने इसे सामाजिक प्रतिष्ठा से जुड़ा मुद्दा बताते हुए कहा कि यह महामारी का रूप ले चुका है। DGP ने उदाहरण देते हुए कहा कि जब समाज के बुजुर्ग इस तरह के अश्लील डांस का समर्थन करते हैं, तो यह आने वाली पीढ़ी के लिए गलत संदेश भेजता है। उन्होंने महिलाओं से इस समस्या के समाधान में आगे आने की अपील की है | 


ग्रामीण इलाकों में ऑर्केस्ट्रा डांस का बढ़ता चलन

बिहार के ग्रामीण इलाकों में अब यह प्रचलन बन चुका है कि शादी समारोहों में ऑर्केस्ट्रा डांस अनिवार्य हो गया है। लोगों का मानना है कि शादी, जन्मदिन और यहां तक कि अंतिम संस्कार तक में यह मनोरंजन का साधन बन गया है। ग्रामीण समाज में यह धारणा बन चुकी है कि डांसर जितनी प्रसिद्ध होगी, उतनी ही गांव की प्रतिष्ठा बढ़ेगी। यह सोच अब आम हो गई है। लौंडा नाच से अश्लील ऑर्केस्ट्रा डांस तक का सफर,JNU के एक सामाजिक विज्ञान के प्रोफेसर के अनुसार, पहले शादी समारोहों में जनवासा (बारातियों के लिए अस्थायी ठहरने की जगह) में पारंपरिक नर्तकियों की प्रस्तुति दी जाती थी। इस प्रथा की शुरुआत लौंडा नाच से हुई, जिसमें पुरुष महिलाओं के कपड़े पहनकर नृत्य करते थे। लेकिन 1980 के दशक से महिलाओं की भागीदारी बढ़ी और 2000 के दशक में भोजपुरी सिनेमा के बढ़ते प्रभाव के साथ इस परंपरा ने अश्लील डांस का रूप ले लिया। अब हालात यह हैं कि पश्चिम बंगाल, नेपाल, झारखंड और ओडिशा की युवतियां भी ऑर्केस्ट्रा मंडलियों का हिस्सा बन रही हैं।


ग्रामीण अर्थव्यवस्था और ऑर्केस्ट्रा इंडस्ट्री

ग्रामीण इलाकों में यह इंडस्ट्री आर्थिक रूप से तेजी से फल-फूल रही है शादी और तिलक समारोहों में इस पर बड़ी रकम खर्च की जाती है। लोग चंदा इकट्ठा करके सरस्वती पूजा, दुर्गा पूजा और अन्य धार्मिक आयोजनों में अश्लील डांस करवाते हैं। यहां तक कि पंचायत चुनावों में भी वोट बटोरने के लिए इन आयोजनों का इस्तेमाल किया जाता है।

DGP का सख्त बयान

बिहार के DGP ने इस बढ़ती समस्या को लेकर स्पष्ट चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, "अगर बच्चे और बुजुर्ग इस तरह के अश्लील डांस देखते रहेंगे, तो आने वाले समय में समाज में अपराध और बलात्कार की घटनाएं बढ़ेंगी। इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है, वरना अगली पीढ़ी बर्बाद हो जाएगी।" शादी समारोहों में हिंसा की घटनाएं भी आम हो चुकी हैं शराब और अश्लील डांस के कारण विवाद होते हैं, जो कई बार गोलीबारी और जानलेवा झगड़ों में बदल जाते हैं। कई बार पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ता है, जिससे कानूनी विवाद भी उत्पन्न होते हैं।

DGP ने बताया ,समाज को क्या करना चाहिए?

अश्लील डांस को प्रोत्साहित करने की मानसिकता बदलनी होगी। महिलाओं को इस कुरीति के खिलाफ आवाज उठानी होगी। सामाजिक जागरूकता अभियान चलाकर अश्लीलता पर रोक लगानी होगी। पंचायती स्तर पर इस तरह के आयोजनों पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। आपको बता दे की बिहार और यूपी के ग्रामीण इलाकों में ऑर्केस्ट्रा डांस अब सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि समाज की गिरती नैतिकता का प्रतीक बन चुका है। यदि इस पर जल्द नियंत्रण नहीं किया गया, तो यह  एक और गंभीर सामाजिक समस्या बन सकता है।