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महाकुंभ में वायरल हुआ IITIAN बाबा का वीडियो, शिक्षा से आध्यात्मिकता की ओर का जानें सफर

महाकुंभ के दौरान एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक बाबा अपने जीवन के अनोखे सफर के बारे में बता रहे हैं। इस बाबा का नाम अभय सिंह है, जो पहले एक आईआईटी बॉम्बे के छात्र थे और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में बी.टेक कर चुके थे।

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IITIAN महाकुंभ के दौरान एक ऐसा वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें एक बाबा खुद को आईआईटी बॉम्बे का पूर्व छात्र बताते हैं। इस बाबा का नाम अभय सिंह है, जो एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के छात्र रह चुके हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा छोड़कर शांति और आत्म-खोज की तलाश में आध्यात्मिक जीवन अपनाया। आइए जानते हैं उनके जीवन के इस दिलचस्प सफर के बारे में।


अभय सिंह की शिक्षा और आईआईटी में प्रवेश

अभय सिंह, जो अब "आईआईटियन बाबा" के नाम से प्रसिद्ध हो चुके हैं, हरियाणा के झज्जर जिले में जन्मे थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हरियाणा में ही प्राप्त की और बाद में दिल्ली में आईआईटी जेईई की तैयारी के लिए कोचिंग ली। 2008 में अभय ने जेईई परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक (एआईआर) 731 हासिल की, जिसके बाद उनका चयन आईआईटी बॉम्बे में हुआ। उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में बी.टेक (2008-2012) किया। इसके बाद, उन्होंने डिजाइन में मास्टर (एमडेस) की डिग्री भी प्राप्त की।


अभय सिंह की नौकरी और जीवन का मोड़

अभय सिंह ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद कनाडा में तीन साल तक काम किया, जहां उनका सालाना पैकेज 36 लाख रुपये था। उनके परिवार ने इस बात की पुष्टि की है कि वह पढ़ाई में बहुत अच्छे थे और कनाडा में उनका करियर भी काफी अच्छा चल रहा था। लेकिन एक दिन उन्होंने अपनी जिंदगी में एक बड़ा बदलाव किया।


आध्यात्मिकता की ओर रुझान

अभय सिंह का आध्यात्मिकता की ओर रुझान तब शुरू हुआ जब उन्होंने जीवन के असल उद्देश्य पर सवाल उठाना शुरू किया। उन्होंने दर्शनशास्त्र में गहरी रुचि ली और सुकरात, प्लेटो जैसे महान विचारकों के कामों का अध्ययन किया। इसके बाद उन्होंने यह महसूस किया कि सुखी और संतुष्ट जीवन के लिए आध्यात्मिकता ही सबसे महत्वपूर्ण मार्ग है। इसी सोच ने उन्हें अपनी सफल इंजीनियरिंग और नौकरी छोड़कर एक साधू बाबा के रूप में जीवन जीने की प्रेरणा दी।


अभय सिंह का यह जीवन सफर एक प्रेरणा है, जो यह दिखाता है कि किसी भी व्यक्ति के लिए जीवन का उद्देश्य केवल शिक्षा और करियर तक सीमित नहीं होता। शांति, संतुष्टि, और आत्म-खोज भी जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से हो सकते हैं। उनका यह सफर यह भी बताता है कि विज्ञान और आध्यात्मिकता का संतुलन कैसे जीवन में एक गहरी समझ और संतुष्टि ला सकता है।