ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Sugar Industry : गन्ना मंत्री का बड़ा ऐलान, बंद चीनी मिलों को फिर से खोलने की तैयारी तेज; किसानों और युवाओं को मिलेगा सीधा लाभ Bihar SEZ Project : बिहार में बनेगा पहला SEZ, बेतिया और बक्सर में 250 एकड़ में दो विशेष आर्थिक जोन; खुलेंगे 10 हजार रोजगार Bihar winter forecast : बिहार में ठंड का प्रकोप बढ़ा, कई जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे; 15 दिसंबर के बाद और जमकर पड़ेगी सर्दी पूर्व IPS अधिकारी पर भड़के तेज प्रताप, पटना के सचिवालय थाने में दर्ज कराया FIR बिहार में VVIP गाड़ियों पर TOLL TAX खत्म, परिवहन विभाग ने जारी किया यह निर्देश विधानसभा सत्र के बीच यूरोप चले गए तेजस्वी यादव? शिवानंद तिवारी के आरोप से बिहार की सियासत गरमाई, कहा...मैदान छोड़ दिया मंदिरों की तरह मदरसों और मस्जिदों में भी लगाए जाएं CCTV कैमरे, संसद में बोले रामायण के ‘राम’ जमुई में बालू का अवैध खनन जारी, प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल CHAPRA: ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से छपरा के लाल की मौत, गुजरात पुलिस में थे तैनात कमरिया गोले-गोले-गोले-डोले राजा जी: शराब की बोतल और डांसर का जलवा, नगर निगम के डिप्टी मेयर का वीडियो वायरल

Success Story: पढ़ाई के लिए तोड़ी सगाई, UPSC में हासिल की 9वीं रैंक और बन गई अधिकारी; जानें सफलता की कहानी

Success Story: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की कठिन परीक्षा में सफलता प्राप्त करना हर वर्ष लाखों युवाओं का सपना होता है, लेकिन मध्य प्रदेश की अंजलि सोंधिया की सफलता की कहानी लाखों युवाओं और सामाजिक बंदिशों से घिरी लड़कियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गई।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 26 Sep 2025 02:16:06 PM IST

Success Story

सफलता की कहानी - फ़ोटो GOOGLE

Success Story: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की कठिन परीक्षा में सफलता प्राप्त करना हर वर्ष लाखों युवाओं का सपना होता है, लेकिन मध्य प्रदेश की अंजलि सोंधिया की सफलता की कहानी लाखों युवाओं विशेषकर ग्रामीण और सामाजिक बंदिशों से घिरी लड़कियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गई है। बेहद सीमित संसाधनों और पारिवारिक चुनौतियों के बावजूद अंजलि ने UPSC भारतीय वन सेवा (IFS) परीक्षा 2024 में ऑल इंडिया 9वीं रैंक हासिल की और राज्य टॉपर बनीं।


अंजलि मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के छोटे से गांव चंदरपुरा की रहने वाली हैं। उनका जन्म एक किसान परिवार में हुआ। पिता सुरेश सोंधिया की मृत्यु के बाद परिवार पर आर्थिक और भावनात्मक दोनों तरह का बोझ बढ़ गया, लेकिन अंजलि ने हार नहीं मानी। जब वह मात्र 15 वर्ष की थीं, तो परिवारवालों ने उनकी सगाई तय कर दी थी। उस समय उनके सपने अधूरे ही रहने वाले थे, लेकिन उनकी मां ने बेटी के सपनों को मरने नहीं दिया। उन्होंने सगाई तुड़वाई और अंजलि की शिक्षा जारी रखने में पूरा साथ दिया। यहीं से अंजलि की असली लड़ाई शुरू हुई।


अंजलि ने 2016 में 12वीं कक्षा पास करने के बाद कोई कोचिंग नहीं ली, बल्कि NCERT किताबें, पुराने प्रश्न पत्र, और ऑनलाइन संसाधनों के माध्यम से स्व-अध्ययन शुरू किया। शुरुआत में लगातार तीन प्रयास असफल रहे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। चौथे प्रयास में, अंजलि की मेहनत रंग लाई और उन्होंने UPSC IFS परीक्षा 2024 में टॉप 10 में स्थान प्राप्त किया।


अंजलि मानती हैं कि अनुशासन, निरंतरता, और आत्मविश्वास किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में सफलता की कुंजी हैं। उन्होंने UPSC के सिलेबस को गहराई से समझकर मूल किताबों पर फोकस किया। उनका मानना है कि कोचिंग नोट्स की बजाय NCERT और रेगुलर मॉक टेस्ट अधिक प्रभावी होते हैं। अंजलि रोजाना खुद को अपडेट रखती थीं और अपनी तैयारी का मूल्यांकन नियमित रूप से करती थीं।


अंजलि की कहानी उन युवाओं को राह दिखाती है जो सोचते हैं कि गांव में रहकर, बिना कोचिंग, सीमित साधनों में UPSC जैसी बड़ी परीक्षा पास नहीं की जा सकती। उन्होंने साबित कर दिया कि अगर इरादा मजबूत हो, तो कोई भी सामाजिक या आर्थिक बाधा सफलता के रास्ते में नहीं आ सकती। उनका यह संदेश हैसपनों को पूरा करने के लिए सबसे ज़रूरी है सब्र, लगन, और खुद पर विश्वास।


अंजलि सोंधिया न केवल एक UPSC टॉपर हैं, बल्कि वो आज देश भर की बेटियों के लिए एक रोल मॉडल बन चुकी हैं। उनकी यह यात्रा बताती है कि शादी की उम्र तय नहीं करती, सपने तय करते हैं आपकी दिशा।