Bihar Sugar Industry : गन्ना मंत्री का बड़ा ऐलान, बंद चीनी मिलों को फिर से खोलने की तैयारी तेज; किसानों और युवाओं को मिलेगा सीधा लाभ Bihar SEZ Project : बिहार में बनेगा पहला SEZ, बेतिया और बक्सर में 250 एकड़ में दो विशेष आर्थिक जोन; खुलेंगे 10 हजार रोजगार Bihar winter forecast : बिहार में ठंड का प्रकोप बढ़ा, कई जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे; 15 दिसंबर के बाद और जमकर पड़ेगी सर्दी पूर्व IPS अधिकारी पर भड़के तेज प्रताप, पटना के सचिवालय थाने में दर्ज कराया FIR बिहार में VVIP गाड़ियों पर TOLL TAX खत्म, परिवहन विभाग ने जारी किया यह निर्देश विधानसभा सत्र के बीच यूरोप चले गए तेजस्वी यादव? शिवानंद तिवारी के आरोप से बिहार की सियासत गरमाई, कहा...मैदान छोड़ दिया मंदिरों की तरह मदरसों और मस्जिदों में भी लगाए जाएं CCTV कैमरे, संसद में बोले रामायण के ‘राम’ जमुई में बालू का अवैध खनन जारी, प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल CHAPRA: ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से छपरा के लाल की मौत, गुजरात पुलिस में थे तैनात कमरिया गोले-गोले-गोले-डोले राजा जी: शराब की बोतल और डांसर का जलवा, नगर निगम के डिप्टी मेयर का वीडियो वायरल
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 05 Dec 2025 07:22:41 AM IST
- फ़ोटो
Bihar Sugar Industry : सोनपुर मेले के मंच से बिहार के गन्ना मंत्री संजय पासवान ने रविवार को राज्य के किसानों और उद्योग जगत के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि बिहार में वर्षों से बंद पड़ी चीनी मिलों को फिर से खोलने और नई मिलों की स्थापना करने की दिशा में सरकार ने गंभीरता से पहल शुरू कर दी है। इस प्रस्ताव को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंजूरी दे दी है, जिसके बाद प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। मंत्री के इस बयान ने लंबे समय से इंतजार कर रहे किसानों और स्थानीय युवाओं में नई उम्मीद जगा दी है।
उच्च-स्तरीय कमिटी का गठन
गन्ना मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री की स्वीकृति के बाद मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय कमिटी का गठन किया गया है। इस कमिटी में विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल किए गए हैं, जो मिलों के पुनरुद्धार, निवेश, भूमि, तकनीकी और वित्तीय पहलुओं पर विस्तृत अध्ययन करेंगे। मंत्री ने कहा कि कमिटी की पहली बैठक जल्द आयोजित होने वाली है और इसके बाद चरणबद्ध तरीके से आगे की योजना तैयार की जाएगी।
उनके अनुसार, कमिटी स्थानीय स्तर पर सर्वे कर बंद मिलों की वर्तमान स्थिति, उपलब्ध संसाधनों और पुनर्जीवन की संभावनाओं का आकलन करेगी। इसके आधार पर सरकार निजी निवेशकों और उद्योग जगत को आमंत्रित कर सकती है, ताकि सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPP) मॉडल पर भी काम आगे बढ़ाया जा सके।
जल्द उठाए जाएंगे निर्णायक कदम
मंत्री संजय पासवान ने कहा कि सरकार इस मुद्दे पर केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि जल्द ही निर्णायक कदम उठाने जा रही है। उन्होंने कहा कि बिहार में गन्ना उद्योग का भविष्य उज्ज्वल है और इसे नई दिशा देने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
उन्होंने दावा किया कि मिलें शुरू होने से हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा और औद्योगिक क्षेत्रों को नई गति मिलेगी। इससे राज्य में चीनी उत्पादन बढ़ेगा, बिहार की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और किसानों को अपने गन्ने की उचित कीमत सुनिश्चित रूप से मिल सकेगी।
किसानों को होगा सीधा लाभ
मंत्री ने कहा कि गन्ना मिलों के संचालन से किसानों की आय बढ़ेगी और उन्हें अपनी फसल बेचने के लिए दूरदराज नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार किसानों के हितों को सर्वोपरि रखकर योजनाएं बना रही है। बंद चीनी मिलों के कारण कई जिलों के किसान वर्षों से परेशान थे, लेकिन अब सरकार उनकी इस चिंता को दूर करने जा रही है।
पासवान ने बताया कि गन्ना विभाग नई तकनीकों पर भी काम कर रहा है, जिससे गन्ना उत्पादन बढ़ेगा और किसानों को आधुनिक खेती का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही सिंचाई, बीज, खाद और परिवहन से जुड़ी समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
किसानों से मांगे सुझाव
संजय पासवान ने किसानों से अपील की कि वे अपनी समस्याओं और चुनौतियों के समाधान के लिए सीधे सुझाव दें। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की बात सुनने के लिए हमेशा तैयार है। मंत्री ने बताया कि वे अधिकारियों के साथ लगातार बैठक कर रहे हैं और किसानों की समस्याओं पर तेजी से कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने भरोसा दिया कि किसानों की हर परेशानी का समाधान प्राथमिकता के साथ किया जाएगा। खेती को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने के लिए नए प्रयोग किए जाएंगे और सरकारी योजनाओं का लाभ किसानों तक आसान तरीके से पहुंचाया जाएगा।
युवाओं के लिए रोजगार का बड़ा अवसर
मिलों के पुनरोद्धार और नई मिलों की स्थापना से बिहार में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। मंत्री के अनुसार, चीनी उद्योग से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह से रोजगार मिलता है। ट्रांसपोर्ट, मशीनरी, पैकेजिंग से लेकर सहायक उद्योगों तक हजारों नौकरियां खुलेंगी। उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुधरेगी और राज्य के युवाओं को बाहर जाने की जरूरत कम पड़ेगी। संपूर्ण तौर पर, सोनपुर मेले के दौरान किया गया यह ऐलान बिहार के कृषि और औद्योगिक क्षेत्र के लिए बड़ा कदम माना जा रहा है। राज्य की अर्थव्यवस्था पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।