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UP: उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UPMSP) ने इंटरमीडिएट प्रैक्टिकल परीक्षा 2025 की तिथियों में बदलाव किया है। पहले यह परीक्षा 23 से 31 जनवरी और 1 से 8 फरवरी तक दो चरणों में आयोजित होने वाली थी, लेकिन अब परीक्षा की नई तिथियां 1 से 16 फरवरी तक निर्धारित की गई हैं। इस बदलाव का कारण जेईई मेन 2025 परीक्षा को बताया गया है, जो 22 से 31 जनवरी तक आयोजित हो रही है। इस फैसले के बाद, यूपी बोर्ड ने परीक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए नई व्यवस्था भी लागू की है।
प्रैक्टिकल परीक्षा की नई तिथियाँ
अब इंटरमीडिएट की प्रैक्टिकल परीक्षा 1 से 8 फरवरी तक पहले चरण में और 9 से 16 फरवरी तक दूसरे चरण में आयोजित की जाएगी। यूपी बोर्ड ने इन बदलावों को प्रदेश के विभिन्न मंडलों के आधार पर तय किया है, और परीक्षा केंद्रों की सूची भी अपडेट कर दी है।
पहले चरण की प्रैक्टिकल परीक्षा (1 से 8 फरवरी):
पहले चरण की परीक्षा 1 से 8 फरवरी तक निम्नलिखित मंडलों में आयोजित होगी:
अलीगढ़
मेरठ
मुरादाबाद
कानपुर
प्रयागराज
मिर्जापुर
वाराणसी
गोरखपुर
दूसरे चरण की प्रैक्टिकल परीक्षा (9 से 16 फरवरी):
दूसरे चरण की प्रैक्टिकल परीक्षा 9 से 16 फरवरी तक निम्नलिखित मंडलों में होगी:
आगरा
सहारनपुर
बरेली
लखनऊ
झांसी
चित्रकूट
अयोध्या
आजमगढ़
देवीपाटन
बस्ती
नई व्यवस्था: पारदर्शिता और मोबाइल एप का उपयोग
इस बार यूपी बोर्ड ने परीक्षा में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है। अब सभी परीक्षक परीक्षा केंद्र पर छात्रों के अंक यूपी बोर्ड के विशेष मोबाइल एप पर अपलोड करेंगे। यह एप केवल परीक्षा केंद्र के 200 मीटर के दायरे में कार्य करेगा, जिससे परीक्षा केंद्र के बाहर कोई भी अपलोडिंग संभव नहीं होगी।
इसके अलावा, परीक्षकों को छात्रों के साथ एक सेल्फी भी लेनी होगी और उसे अंक अपलोड करते समय अपलोड करना होगा। यह कदम पारदर्शिता को बढ़ावा देने और नकल जैसी गतिविधियों पर नियंत्रण रखने के लिए उठाया गया है।
प्रधानाचार्य की भूमिका
इस बार परीक्षा की निगरानी और रिकॉर्डिंग की जिम्मेदारी प्रधानाचार्य को दी गई है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि परीक्षा में किसी प्रकार की गड़बड़ी न हो, प्रधानाचार्य को परीक्षा की पूरी प्रक्रिया की निगरानी करनी होगी और सभी जरूरी रिकॉर्ड्स रखने होंगे।
यह बदलाव यूपी बोर्ड की परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से किए गए हैं। छात्रों को अब अपनी परीक्षा तिथियों और नई व्यवस्था के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए, ताकि वे समय पर अपनी परीक्षा में भाग ले सकें। साथ ही, परीक्षकों के लिए भी यह एक नई चुनौती होगी, क्योंकि उन्हें एप के माध्यम से अंक और सेल्फी अपलोड करने की जिम्मेदारी दी गई है। यह कदम बोर्ड की परीक्षा प्रणाली को और भी मजबूत और विश्वसनीय बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।