हटाये गये अखिलेश प्रसाद सिंह, MLA राजेश कुमार को मिली बिहार कांग्रेस की जिम्मेदारी हार्वर्ड केनेडी स्कूल के छात्रों को संबोधित करेंगे नीतीश, बिहार के विकास और विजन पर करेंगे चर्चा Bpsc re exam update:क्या 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा होगी रद्द? कोर्ट में सुनवाई अधूरी...फिर होगी बहस Health Tips:गर्मी के मौसम में कितना पानी पीना चाहिये ? बाथरूम में नहा रही महिला का पति के दोस्त ने बनाया वीडियो, वायरल करने की धमकी देकर किया यौन शोषण Bihar News: सांसद संजय झा ने राज्यसभा में मखाना किसानों के लिए MSP की उठाई मांग, JDU महासचिव ने बताया ऐतिहासिक कदम New Motor Vehicle Fines 2025: लहरिया कट बाइक चलाने वाले हो सावधान...पकड़े जाने पर देना होगा इतना जुर्माना BJP में खलबली के बाद सम्राट चौधरी का यू-टर्न: अपनी मां की जयंती पर राजकीय समारोह के फैसले को वापस लेने की मांग की, सीएम को लिखा पत्र Bihar Police News: बिहार के DGP विनय कुमार ने अश्लीलता फैलाने वालों को दी सख्त चेतावनी Life Style: 25 साल की उम्र के बाद महिलाएं जरूर खाएं ये पांच फल, मिलेंगे जबरदस्त हेल्थ बेनिफिट्स
18-Mar-2025 08:16 PM
Bpsc re exam update: पटना हाईकोर्ट में 70वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा (PT) को रद्द करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हो रही है। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि परीक्षा में कई अनियमितताएं हुईं, जिससे इसकी पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं। अदालत में प्रस्तुत दलीलों में परीक्षा केंद्रों पर जैमर काम न करने, प्रश्न पत्र लीक होने और अन्य प्रशासनिक खामियों की ओर इशारा किया गया है। वहीं, राज्य सरकार का कहना है कि परीक्षा को रद्द करने के बजाय परिणामों की समीक्षा की जा सकती है। मंगलवार को हुई सुनवाई समय की कमी के कारण पूरी नहीं हो सकी, और अब बुधवार को भी इस मामले पर सुनवाई होगी .
पटना हाईकोर्ट में 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा को रद्द करने के संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई समय की कमी के कारण पूरी नहीं हो सकी। अब इस मामले की सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी। याचिकाकर्ताओं की ओर से उनके वकीलों ने विभिन्न तर्क रखे।
वरीय अधिवक्ता वाई वी गिरि ने कोर्ट को बताया कि परीक्षा केंद्रों पर कई गड़बड़ियां देखी गईं। कई जगह जैमर काम नहीं कर रहे थे, कहीं बिजली की आपूर्ति बाधित थी, तो कहीं जैमर को चालू ही नहीं किया गया। इसके अलावा, कुछ परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पत्र समय से वितरित नहीं किए गए, जबकि कुछ अभ्यर्थियों को फटे हुए प्रश्न पत्र दिए गए।
उन्होंने यह भी बताया कि परीक्षा के दिन दोपहर 1 बजे से पहले ही प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर लीक हो गया था, जिसकी सूचना प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और आयोग को दी गई थी। वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव ने तर्क दिया कि परीक्षा के प्रश्नपत्रों का स्तर सिविल सेवा परीक्षा के मानकों के अनुरूप नहीं था। उन्होंने दावा किया कि प्रश्नपत्रों में कई गलतियां थीं और सही वाक्य संरचना का भी अभाव था, जिससे आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठता है।
वहीं, राज्य के महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट में अपनी दलील देते हुए कहा कि प्रश्नपत्रों में गलतियां होने के बावजूद परीक्षा को रद्द नहीं किया जा सकता। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि आवश्यक हो, तो परिणामों की समीक्षा की जा सकती है, लेकिन परीक्षा को पूरी तरह रद्द करना उचित नहीं होगा।
मंगलवार को कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने सुबह 10:30 बजे से शाम 4 बजे तक इस मामले पर सुनवाई की। हालांकि, समय की कमी के चलते फैसला नहीं हो सका, और अब बुधवार को इस पर आगे की सुनवाई होगी।