India Pakistan War: पाकिस्तान की मदद करने खुलकर मैदान में उतरा तुर्की, इस गद्दार को सबक सिखाने का भारत के पास सुनहरा अवसर S-400 Missile defence system: पाकिस्तान के मिसाइल हमलों को भारत ने S-400 डिफेंस सिस्टम से किया नाकाम, जानिए इस घातक हथियार की खासियत Bihar News: दोस्तों के संग नहाने गया नाबालिग... लौटा ही नहीं, गाँव में छाया मातम Indian Army response: पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल हमले नाकाम, भारतीय सेना ने L-70 और शिल्का सिस्टम से दिया करारा जवाब Bihar News: शनिवार को इस रेलखंड पर 7 घंटे का मेगा ब्लॉक, 10 ट्रेनें रद्द, कई रिशेड्यूल Social media rumor: भारत के हवाई अड्डों पर एंट्री बैन की खबर फर्जी, सरकार ने कहा- अफवाहों से बचें Bihar News: सरकारी कर्मचारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग अब कार्य के अनुसार, लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त, नए नियम जारी Bihar border alert: भारत-पाक तनाव के बीच बिहार में हाई अलर्ट, सीमांचल में कल सीएम नीतीश की अहम बैठक S-400: भारत के कई शहरों को बर्बादी से बचाने वाला 'सुदर्शन', कभी USA को ठेंगा दिखाते हुए भारत ने 'सच्चे मित्र' से था खरीदा भारतीय नौ सेना का कराची पर जोरदार हमला...पाकिस्तान के 16 शहरों पर भारी बमबारी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 18 Mar 2025 08:16:55 PM IST
प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google
Bpsc re exam update: पटना हाईकोर्ट में 70वीं बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा (PT) को रद्द करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हो रही है। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि परीक्षा में कई अनियमितताएं हुईं, जिससे इसकी पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं। अदालत में प्रस्तुत दलीलों में परीक्षा केंद्रों पर जैमर काम न करने, प्रश्न पत्र लीक होने और अन्य प्रशासनिक खामियों की ओर इशारा किया गया है। वहीं, राज्य सरकार का कहना है कि परीक्षा को रद्द करने के बजाय परिणामों की समीक्षा की जा सकती है। मंगलवार को हुई सुनवाई समय की कमी के कारण पूरी नहीं हो सकी, और अब बुधवार को भी इस मामले पर सुनवाई होगी .
पटना हाईकोर्ट में 70वीं बीपीएससी पीटी परीक्षा को रद्द करने के संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई समय की कमी के कारण पूरी नहीं हो सकी। अब इस मामले की सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी। याचिकाकर्ताओं की ओर से उनके वकीलों ने विभिन्न तर्क रखे।
वरीय अधिवक्ता वाई वी गिरि ने कोर्ट को बताया कि परीक्षा केंद्रों पर कई गड़बड़ियां देखी गईं। कई जगह जैमर काम नहीं कर रहे थे, कहीं बिजली की आपूर्ति बाधित थी, तो कहीं जैमर को चालू ही नहीं किया गया। इसके अलावा, कुछ परीक्षा केंद्रों पर प्रश्न पत्र समय से वितरित नहीं किए गए, जबकि कुछ अभ्यर्थियों को फटे हुए प्रश्न पत्र दिए गए।
उन्होंने यह भी बताया कि परीक्षा के दिन दोपहर 1 बजे से पहले ही प्रश्न पत्र सोशल मीडिया पर लीक हो गया था, जिसकी सूचना प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और आयोग को दी गई थी। वहीं, वरिष्ठ अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव ने तर्क दिया कि परीक्षा के प्रश्नपत्रों का स्तर सिविल सेवा परीक्षा के मानकों के अनुरूप नहीं था। उन्होंने दावा किया कि प्रश्नपत्रों में कई गलतियां थीं और सही वाक्य संरचना का भी अभाव था, जिससे आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठता है।
वहीं, राज्य के महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट में अपनी दलील देते हुए कहा कि प्रश्नपत्रों में गलतियां होने के बावजूद परीक्षा को रद्द नहीं किया जा सकता। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि आवश्यक हो, तो परिणामों की समीक्षा की जा सकती है, लेकिन परीक्षा को पूरी तरह रद्द करना उचित नहीं होगा।
मंगलवार को कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आशुतोष कुमार और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने सुबह 10:30 बजे से शाम 4 बजे तक इस मामले पर सुनवाई की। हालांकि, समय की कमी के चलते फैसला नहीं हो सका, और अब बुधवार को इस पर आगे की सुनवाई होगी।