Bihar Elections: पटना साहिब में 107 साल की तारा देवी ने किया मतदान, पेश की मिसाल पहले चरण में बंपर वोटिंग से तेजस्वी यादव गदगद: कहा..बिहार की जनता ने बदलाव का बिगुल बजा दिया, 11 नवंबर को भी इसी तरह करें मतदान Bihar Elections First Phase: बछवारा में सबसे ज्यादा 71.22% मतदान, बेगूसराय में सबसे कम वोटिंग BIHAR ELECTION 2025: कल बिहार दौरे पर PM मोदी, औरंगाबाद और भभुआ में करेंगे जनसभा को संबोधित कटिहार में कांग्रेस की सभा में बवाल: इमरान प्रतापगढ़ी के नहीं पहुंचने पर बेकाबू हुई भीड़, कुर्सियां तोड़ीं और पोस्टर फाड़े Bihar Election 2025: दरभंगा में हेलिकॉप्टर से उतरते वक्त हैलीपैड पर गिरे इमरान प्रतापगढ़ी, कटिहार की रैली में मचा हंगामा Bihar Election 2025: दरभंगा में हेलिकॉप्टर से उतरते वक्त हैलीपैड पर गिरे इमरान प्रतापगढ़ी, कटिहार की रैली में मचा हंगामा Bihar Election 2025: पहले चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद नेताओं के दावे तेज; प्रशांत किशोर बोले- नई व्यवस्था आने जा रही है Bihar Election 2025: पहले चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद नेताओं के दावे तेज; प्रशांत किशोर बोले- नई व्यवस्था आने जा रही है BIHAR ELECTION: वाल्मीकि नगर में मनोज तिवारी ने किया रोड शो, NDA प्रत्याशी रिंकू सिंह के लिए मांगे वोट
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 01 Feb 2025 06:30:01 AM IST
ASER 2024 Report - फ़ोटो ASER 2024 Report
ASER 2024 Report: आजकल का डिजिटल युग बच्चों के लिए स्मार्टफोन और सोशल मीडिया से जुड़ा हुआ है। हाल ही में जारी हुई Annual Status of Education Report (ASER) 2024 ने इस बात का खुलासा किया है कि भारत में 14 से 16 वर्ष के लगभग 82.2 फीसदी बच्चे स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं। हालांकि, इनमें से केवल 57 प्रतिशत बच्चे ही इसे शैक्षिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करते हैं। इस रिपोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल बच्चों में किस हद तक बढ़ चुका है, और यह डिजिटल दुनिया उनके जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित कर रही है।
स्मार्टफोन का बढ़ता इस्तेमाल: शिक्षा से अधिक सोशल मीडिया पर फोकस
रिपोर्ट के अनुसार, 76 प्रतिशत बच्चों ने कहा कि वे स्मार्टफोन का उपयोग मुख्य रूप से सोशल मीडिया के लिए करते हैं। इस सर्वे में देश के 17,997 गांवों के 6,49,491 बच्चों को शामिल किया गया था। इस आंकड़े से यह साफ है कि बच्चों के लिए स्मार्टफोन अब केवल एक शिक्षा उपकरण नहीं रह गया है, बल्कि यह उनके लिए मनोरंजन और सोशल कनेक्टिविटी का अहम हिस्सा बन चुका है।
यहां पर एक महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि 90 प्रतिशत बच्चों के पास स्मार्टफोन है, और लगभग 82.2 प्रतिशत बच्चे स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना जानते हैं। खास बात यह है कि लड़कों की तुलना में लड़कियां स्मार्टफोन के उपयोग में थोड़ी पीछे हैं, लेकिन लड़के डिजिटल सुरक्षा के मुद्दों में ज्यादा जागरूक हैं। 62 प्रतिशत लड़कों ने कहा कि वे प्रोफाइल ब्लॉक करने या रिपोर्ट करने के तरीके जानते हैं, जबकि 55.2 प्रतिशत यह जानते हैं कि अपने प्रोफाइल को कैसे प्राइवेट करें।
डिजिटल लिटरेसी: शिक्षा का हिस्सा बनानी चाहिए
यह रिपोर्ट एक सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा करती है, जिसमें पहली बार 14-16 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए डिजिटल लिटरेसी पर एक सेक्शन जोड़ा गया है। इस सर्वे में बच्चों को तीन खास कार्य दिए गए थे: अलार्म सेट करना, विशिष्ट जानकारी को सर्च करना और एक यूट्यूब वीडियो ढूंढना। 75 प्रतिशत से अधिक बच्चों ने इन कार्यों को सफलता से पूरा किया। यह दर्शाता है कि बच्चों को तकनीकी ज्ञान की अच्छी समझ है, लेकिन इसका सही दिशा में उपयोग आवश्यक है।
सामाजिक मीडिया का शिक्षा पर प्रभाव: एक चुनौती
सोशल मीडिया बच्चों की शिक्षा पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव डालता है। जहां एक तरफ स्मार्टफोन पर शिक्षा से जुड़ी सामग्री तक आसानी से पहुंच बन सकती है, वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर बेतहाशा समय बर्बाद भी हो सकता है। बच्चों के लिए यह जरूरी है कि वे अपने डिजिटल समय का संतुलन शिक्षा और मनोरंजन के बीच बनाए रखें।
उपसंहार:
इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि डिजिटल तकनीक ने बच्चों के जीवन में बहुत बदलाव लाया है, लेकिन इसके साथ जिम्मेदारी भी जुड़ी है। बच्चों को स्मार्टफोन और सोशल मीडिया का इस्तेमाल समझदारी से करना चाहिए, ताकि वे शैक्षिक उद्देश्यों में इसका लाभ उठा सकें। स्कूलों और परिवारों को मिलकर बच्चों को सही दिशा में मार्गदर्शन देने की आवश्यकता है, ताकि वे डिजिटल दुनिया का सकारात्मक उपयोग कर सकें और अपनी शिक्षा में इसे एक सहायक उपकरण के रूप में उपयोग कर सकें।