Bihar Crime: शराब तस्करी का अनोखा तरीका, धंधेबाजों ने कब्रिस्तान तक को नहीं छोड़ा, कब्र से देसी महुआ बरामद Bihar News: पूर्णिया में 8 दिवसीय लक्ष्मी नारायण महायज्ञ का शुभारंभ, भव्य कलश शोभा यात्रा में महापौर विभा कुमारी हुईं शामिल Bihar Crime News: दरभंगा में मानवता शर्मसार, 5 साल की मासूम बच्ची के साथ 50 साल के अधेड़ ने किया गंदा काम, हालत नाजुक JEE मेंस का रिजल्ट जारी: OMEGA STUDY CENTRE के नितेश आनंद ने 99.94 पर्सेंटाइल लाकर बिहार का नाम किया रोशन Bihar News:आकाश इंस्टीट्यूट पटना ने एक बार फिर से क्लासी सेशन (मेन्स) सत्र-1 में टॉपर बनाकर लेगेसी को जारी रखा Bihar News: वेलेंटाइन वीक के Hug Day पर प्रेमिका को गले लगाना पड़ गया महंगा, लड़की के घरवालों ने पहले बंधक बनाया फिर कर दी पिटाई Bihar News: बेलगाम ट्रक ने एक साथ 3 वाहनों को मारी टक्कर, स्कूल बस में सवार आधा दर्जन बच्चे घायल Bihar News: पोल्ट्री फार्म में लगी भीषण आग, लाखों मुर्गियां जलकर राख Bihar News: ये शातिर नेता राकेश सिंह कौन है ? BJP का पूर्व विधायक बनकर गृह विभाग से लेकर पुलिस मुख्यालय तक को दे रहा झांसा, चिट्ठी देखकर बिहार भाजपा भी हैरान है... Bihar Crime News: कब पूरी होगी पटना पुलिस की जांच..? देरी से पीड़ित डीलर का टूट रहा सब्र का बांध, फाइनेंस कंपनी के अधिकारियों ने दिया है बड़ा धोखा
01-Feb-2025 06:30 AM
ASER 2024 Report: आजकल का डिजिटल युग बच्चों के लिए स्मार्टफोन और सोशल मीडिया से जुड़ा हुआ है। हाल ही में जारी हुई Annual Status of Education Report (ASER) 2024 ने इस बात का खुलासा किया है कि भारत में 14 से 16 वर्ष के लगभग 82.2 फीसदी बच्चे स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं। हालांकि, इनमें से केवल 57 प्रतिशत बच्चे ही इसे शैक्षिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल करते हैं। इस रिपोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल बच्चों में किस हद तक बढ़ चुका है, और यह डिजिटल दुनिया उनके जीवन के कई पहलुओं को प्रभावित कर रही है।
स्मार्टफोन का बढ़ता इस्तेमाल: शिक्षा से अधिक सोशल मीडिया पर फोकस
रिपोर्ट के अनुसार, 76 प्रतिशत बच्चों ने कहा कि वे स्मार्टफोन का उपयोग मुख्य रूप से सोशल मीडिया के लिए करते हैं। इस सर्वे में देश के 17,997 गांवों के 6,49,491 बच्चों को शामिल किया गया था। इस आंकड़े से यह साफ है कि बच्चों के लिए स्मार्टफोन अब केवल एक शिक्षा उपकरण नहीं रह गया है, बल्कि यह उनके लिए मनोरंजन और सोशल कनेक्टिविटी का अहम हिस्सा बन चुका है।
यहां पर एक महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि 90 प्रतिशत बच्चों के पास स्मार्टफोन है, और लगभग 82.2 प्रतिशत बच्चे स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना जानते हैं। खास बात यह है कि लड़कों की तुलना में लड़कियां स्मार्टफोन के उपयोग में थोड़ी पीछे हैं, लेकिन लड़के डिजिटल सुरक्षा के मुद्दों में ज्यादा जागरूक हैं। 62 प्रतिशत लड़कों ने कहा कि वे प्रोफाइल ब्लॉक करने या रिपोर्ट करने के तरीके जानते हैं, जबकि 55.2 प्रतिशत यह जानते हैं कि अपने प्रोफाइल को कैसे प्राइवेट करें।
डिजिटल लिटरेसी: शिक्षा का हिस्सा बनानी चाहिए
यह रिपोर्ट एक सकारात्मक बदलाव की ओर इशारा करती है, जिसमें पहली बार 14-16 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों के लिए डिजिटल लिटरेसी पर एक सेक्शन जोड़ा गया है। इस सर्वे में बच्चों को तीन खास कार्य दिए गए थे: अलार्म सेट करना, विशिष्ट जानकारी को सर्च करना और एक यूट्यूब वीडियो ढूंढना। 75 प्रतिशत से अधिक बच्चों ने इन कार्यों को सफलता से पूरा किया। यह दर्शाता है कि बच्चों को तकनीकी ज्ञान की अच्छी समझ है, लेकिन इसका सही दिशा में उपयोग आवश्यक है।
सामाजिक मीडिया का शिक्षा पर प्रभाव: एक चुनौती
सोशल मीडिया बच्चों की शिक्षा पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव डालता है। जहां एक तरफ स्मार्टफोन पर शिक्षा से जुड़ी सामग्री तक आसानी से पहुंच बन सकती है, वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर बेतहाशा समय बर्बाद भी हो सकता है। बच्चों के लिए यह जरूरी है कि वे अपने डिजिटल समय का संतुलन शिक्षा और मनोरंजन के बीच बनाए रखें।
उपसंहार:
इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि डिजिटल तकनीक ने बच्चों के जीवन में बहुत बदलाव लाया है, लेकिन इसके साथ जिम्मेदारी भी जुड़ी है। बच्चों को स्मार्टफोन और सोशल मीडिया का इस्तेमाल समझदारी से करना चाहिए, ताकि वे शैक्षिक उद्देश्यों में इसका लाभ उठा सकें। स्कूलों और परिवारों को मिलकर बच्चों को सही दिशा में मार्गदर्शन देने की आवश्यकता है, ताकि वे डिजिटल दुनिया का सकारात्मक उपयोग कर सकें और अपनी शिक्षा में इसे एक सहायक उपकरण के रूप में उपयोग कर सकें।