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UPI New Rule: UPI में बड़ा बदलाव, इस दिन से मिलेगा नया फिचर, अब ऑटोपेमेंट्स और बिल्स को ऐसे मैनेज करना होगा आसान

UPI New Rule: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए बड़ी खुशखबरी है। NPCI 31 दिसंबर 2025 से यूपीआई में एक नया फीचर लागू करने जा रहा है, जो डिजिटल पेमेंट्स को और आसान और सुरक्षित बनाएगा।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 12 Oct 2025 09:16:58 AM IST

UPI New Rule

यूपीआई पेमेंट - फ़ोटो GOOGLE

UPI New Rule: यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए बड़ी खुशखबरी है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) 31 दिसंबर 2025 से यूपीआई में एक नया फीचर लागू करने जा रहा है, जो डिजिटल पेमेंट्स को और आसान और सुरक्षित बनाएगा। इस फीचर के जरिए यूजर्स किसी भी यूपीआई ऐप, जैसे गूगल पे, फोन पे, पेटीएम या अन्य से अपने सभी पेमेंट्स और ऑटोपेमेंट्स को ट्रैक, मैनेज और ट्रांसफर कर सकेंगे।


अब तक अगर किसी यूजर ने अलग-अलग ऐप्स पर ऑटोपेमेंट्स सेट किए थे जैसे बिजली का बिल गूगल पे पर और नेटफ्लिक्स का सब्सक्रिप्शन फोन पे पर तो हर ऐप में अलग-अलग जाकर चेक करना पड़ता था। नए फीचर के लागू होने के बाद, यूजर्स किसी भी एक ऐप से सभी ऑटोपेमेंट्स और बिल्स को देख और मैनेज कर सकेंगे। इतना ही नहीं, आप अपने ऑटोपेमेंट्स को किसी एक ऐप से दूसरे ऐप में भी ट्रांसफर कर पाएंगे।


इस सुविधा से फाइनेंशियल प्लानिंग करना आसान हो जाएगा। यूजर्स एक ही प्लेटफॉर्म से अपने सभी मासिक खर्चों, सब्सक्रिप्शन, लोन किस्त और बिल्स को नियंत्रित कर पाएंगे। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि वित्तीय प्रबंधन भी आसान और पारदर्शी बन जाएगा।


NPCI ने स्पष्ट किया है कि यह सुविधा यूजर्स पर किसी भी तरह का दबाव नहीं डालेगी। न तो किसी ऐप का कैशबैक ऑफर लागू होगा और न ही नोटिफिकेशन के जरिए किसी ऐप के इस्तेमाल के लिए मजबूरी होगी। यह पूरी तरह यूजर की मर्जी पर निर्भर होगा कि वह किस ऐप का इस्तेमाल करना चाहता है।


सुरक्षा के लिहाज से भी यूपीआई में सुधार किया गया है। नए ऑथेंटिकेशन फीचर्स जैसे फेस रिकग्निशन और बायोमेट्रिक (फिंगरप्रिंट) से पेमेंट्स को और सुरक्षित बनाया जाएगा। इससे डिजिटल लेनदेन में धोखाधड़ी की संभावना कम होगी और यूजर्स का भरोसा बढ़ेगा।


NPCI ने यह भी कहा है कि यह सुविधा सभी यूपीआई ऐप्स और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स को 31 दिसंबर 2025 तक लागू करनी होगी। इसका मतलब यह है कि चाहे आप किसी भी ऐप का इस्तेमाल कर रहे हों, आप अपने ऑटोपेमेंट्स को एक ही जगह देख और कंट्रोल कर पाएंगे। इसके अलावा, अगर यूजर किसी कारण से ऐप बदलना चाहते हैं, तो अपने सभी ऑटोपेमेंट्स को नए ऐप पर आसानी से ट्रांसफर कर सकेंगे।


यह बदलाव डिजिटल पेमेंट्स के लिए क्रांतिकारी साबित हो सकता है। अब यूजर्स को अलग-अलग ऐप्स में जाकर पेमेंट्स चेक करने की जरूरत नहीं होगी। सभी पेमेंट्स और ऑटोपेमेंट्स का हिसाब सिंगल ऐप डैशबोर्ड से देखा जा सकेगा, जिससे समय की बचत और वित्तीय योजना में आसानी होगी। विशेषकर उन लोगों के लिए यह सुविधा फायदेमंद होगी, जो कई ऐप्स का इस्तेमाल करते हैं और अपने मासिक खर्चों, बिल्स और सब्सक्रिप्शन का रिकॉर्ड रखना चाहते हैं। नए फीचर से यूपीआई और अधिक पारदर्शी, आसान और सुरक्षित बन जाएगा, और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा।