Mahila Rojgar Yojana: अब तक 1.51 करोड़ महिलाओं को मिला 10-10 हजार, लाभ मिलने तक जारी रहेगी योजना...आवेदन की कोई अंतिम तिथि नहीं

Mahila Rojgar Yojana: मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत बिहार की 1.51 करोड़ महिलाओं के बैंक खातों में 10-10 हजार रुपये की राशि भेजी गई। राज्य सरकार का लक्ष्य हर परिवार की एक महिला को आत्मनिर्भर बनाना है।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Sat, 01 Nov 2025 05:55:38 PM IST

Mahila Rojgar Yojana

प्रतिकात्मक - फ़ोटो Google

Mahila Rojgar Yojana: बिहार की महिलाओं को रोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने के लक्ष्य से बिहार सरकार द्वारा शुरू की गई ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ अब जमीन पर रंग दिखाने लगी है। योजना के तहत अब तक एक करोड़ 51 लाख महिलाओं के खाते में 10 हजार की राशि भेजी जा चुकी है। शेष महिलाओं के खातों में डीबीटी के माध्यम से दिसंबर तक राशि भेज दी जाएगी। 


योजना से लाभान्वित परिवार की महिलाएं रोजगार शुरू कर विकसित बिहार के सपनों में रंग भर रही हैं। खास बात यह है कि जो महिलाएं किसी कारणवश अब तक योजना से वंचित रह गई हैं, वे आगे भी आवेदन कर सकती हैं। इस योजना की कोई अंतिम तिथि निर्धारित नहीं की गई है। जब तक राज्य की सभी पात्र महिलाएं योजना में शामिल नहीं हो जातीं, तब तक यह योजना जारी रहेगी।


योजना का उद्देश्य हर महिला को स्वरोजगार

इस योजना का उद्देश्य राज्य के हर परिवार की एक महिला को अपनी पसंद का रोजगार शुरू करने हेतु वित्तीय सहायता प्रदान कर आत्मनिर्भर बनाना और परिवार की आय में वृद्धि करना है। महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की बिक्री के लिए गांव से लेकर शहर तक हाट-बाजार भी विकसित किए जाएंगे।


सीधे बैंक खाते में पहुंच रही सहायता राशि

प्रथम चरण में सभी पात्र महिलाओं के बैंक खातों में सीधे डीबीटी के माध्यम से दस हजार रुपये की राशि भेजी जा रही है। जो महिलाएं इस राशि से रोजगार शुरू करेंगी, उनके उद्यम के आकलन के बाद दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त वित्तीय सहायता भी दी जाएगी।


दो लाख की अतिरिक्त सहायता भी

पहले चरण में प्राप्त दस हजार रुपये की राशि का सही उपयोग कर रोजगार शुरू करने पर संबंधित महिला दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त वित्तीय सहायता के लिए पात्र होगी। खास बात है कि राज्य सरकार इस योजना के तहत महिलाओं को अनुदान दे रही है, जिसे वापस नहीं करना है। यह कोई ऋण  नहीं है। महिलाएं इस राशि से अपनी पसंद का रोजगार शुरू कर सकती हैं। इसके अंतर्गत किराना दुकान, फल-सब्जी की दुकान, बर्तन या सौंदर्य प्रसाधन की दुकान, खिलौने या स्टेशनरी शॉप, ब्यूटी पार्लर आदि शामिल हैं।


हर परिवार से एक महिला ले सकती है लाभ

इस योजना का लाभ राज्य के प्रत्येक परिवार की एक पात्र महिला को मिलेगा। जीविका स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ी महिलाएं पात्र हैं। वहीं, जो महिलाएं अभी तक SHG से नहीं जुड़ी हैं, उन्हें समूह से जोड़कर इस योजना का लाभ दिया जाएगा।


18 से 60 वर्ष की महिला कर सकती है आवेदन

योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करने वाली महिला की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। आवेदिका या उसके पति आयकर दाता नहीं हों और न ही किसी सरकारी सेवा (नियमित या संविदा) में कार्यरत हों।

ग्राम क्षेत्र में जीविका से जुड़ी महिलाएं ग्राम संगठन के माध्यम से आवेदन कर सकती हैं। जो महिलाएं अभी जीविका से नहीं जुड़ी हैं, वे पहले स्वयं सहायता समूह में शामिल होने के लिए निर्धारित प्रपत्र में आवेदन ग्राम संगठन को देंगी। समूह से जुड़ने के बाद उन्हें योजना का लाभ दिया जाएगा।


शहरी क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं अपने क्षेत्र स्तरीय संगठन (ALF)/VO या नगर निकाय की विशेष बैठक में आवेदन कर सकती हैं। जो शहरी महिलाएं अभी SHG से नहीं जुड़ी हैं, वे www.brlps.in पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकती हैं। ऑनलाइन आवेदन के बाद संबंधित विभाग द्वारा जांच कर उन्हें समूह से जोड़ा जाएगा। इसके बाद ग्रामीण विकास विभाग उनके बैंक खाते में राशि हस्तांतरित करेगा। शहरी महिलाओं को उनके चयनित रोजगार के लिए निशुल्क प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की जाएगी।


योजना के नाम पर कोई भी मांगे राशि तो करें शिकायत

यदि किसी भी स्तर पर योजना का लाभ देने के नाम पर राशि मांगी जाती है, तो महिलाएं शिकायत कर सकती हैं। ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं संबंधित जीविका के प्रखंड/जिला कार्यालय, प्रखंड विकास अधिकारी, उप विकास आयुक्त या जिला पदाधिकारी को शिकायत दें। वहीं, शहरी क्षेत्र की महिलाएं अपने नगर निकाय कार्यालय में शिकायत दर्ज करा सकती हैं।