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भारत के शेयर बाजार में एफआईआई की बिकवाली से मची हलचल

भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ महीनों से विदेशी निवेशकों की बिकवाली का सिलसिला लगातार जारी है। 2025 के पहले महीने यानी जनवरी में ₹87,374 करोड़ की भारी बिकवाली के बाद, फरवरी में भी 25 फरवरी तक ₹46,792 करोड़ की और बिकवाली हो चुकी है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 26 Feb 2025 04:31:05 PM IST

fii share market

fii share market - फ़ोटो Social Media

भारत में विदेशी निवेशकों की बिकवाली ने भारतीय बाजार को हिलाकर रख दिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर तिमाही में प्रमुख विदेशी संस्थाओं जैसे EuroPacific Growth Fund, Government of Singapore, Vanguard और Fidelity ने अपनी हिस्सेदारी में भारी कमी की है। यह बिकवाली ऐसे समय पर हुई, जब भारतीय शेयर बाजार सितम्बर 2024 में रिकॉर्ड ऊंचाई पर था, लेकिन दिसंबर तिमाही में एक बड़ा झटका लगा और इन निवेशकों ने अपनी हिस्सेदारी घटाने का फैसला लिया।

EuroPacific Growth Fund ने सबसे ज्यादा बिकवाली की। इस फंड की भारतीय शेयर बाजार में हिस्सेदारी ₹51,460 करोड़ से घटकर ₹19,068.53 करोड़ रह गई, यानी ₹32,392 करोड़ की कमी आई। इस फंड ने रिलायंस इंडस्ट्रीज, चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और भारती एयरटेल जैसी प्रमुख कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी घटाई। रिलायंस में इसकी हिस्सेदारी ₹22,367 करोड़ से घटकर ₹10,550 करोड़ रह गई। इसके अलावा, चोलामंडलम और गोदरेज में भी हिस्सेदारी में कमी आई।

सिंगापुर सरकार, जो भारतीय बाजार में सबसे बड़ी विदेशी निवेशक है, ने भी अपनी हिस्सेदारी में भारी कमी की। सिंगापुर सरकार की हिस्सेदारी ₹2.59 लाख करोड़ से घटकर ₹2.34 लाख करोड़ रह गई। इसने ITC, DLF, टाटा स्टील, HDFC लाइफ इंश्योरेंस जैसे प्रमुख कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी घटाई, हालांकि कुछ नए क्षेत्रों में निवेश बढ़ाया है, जैसे Macrotech Developers, Godrej Consumer Products और Persistent Systems।

अदानी ग्रुप के शेयरों पर इस बिकवाली का सबसे गहरा असर पड़ा है। GQG Partners ने अदानी ग्रुप के शेयरों में अपनी हिस्सेदारी ₹83,777 करोड़ से घटाकर ₹68,720 करोड़ पर ले आई, यानी ₹15,000 करोड़ की भारी गिरावट आई है। अदानी ग्रीन एनर्जी, अदानी पोर्ट्स और अदानी एंटरप्राइजेज जैसे प्रमुख शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। अदानी ग्रीन एनर्जी में 44% की गिरावट और अदानी पोर्ट्स में 20% की गिरावट हुई।