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Bihar Teacher News: परीक्षा हॉल से BPSC शिक्षक गिरफ्तार, पुलिस ने क्यों की सख्त कार्रवाई?

Bihar Teacher News: बिहार के सुपौल जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ बीपीएससी (BPSC) से चयनित शिक्षक को इंटरमीडिएट कंपार्टमेंटल सह विशेष परीक्षा में कदाचार करते पकड़ा गया है.

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 07 May 2025 03:55:28 PM IST

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बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE

Bihar Teacher News: बिहार के सुपौल जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ बीपीएससी (BPSC) से चयनित शिक्षक को इंटरमीडिएट कंपार्टमेंटल सह विशेष परीक्षा में कदाचार करते पकड़ा गया है। आरोपी शिक्षक कामेश्वर प्रसाद, जो वर्तमान में हाई स्कूल रतौली में गणित विषय पढ़ाते हैं, को सोमवार को आयोजित दूसरी पाली की गणित परीक्षा के दौरान बच्चों को उत्तर बताते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया।


यह घटना टीसी हाई स्कूल, सुपौल की है, जहाँ कामेश्वर प्रसाद वीक्षक के रूप में तैनात थे। परीक्षा केंद्र पर मौजूद अधिकारियों के अनुसार, आरोपी शिक्षक क्लासरूम में छात्रों को गणित के सवाल हल कर बता रहे थे। जब मामले की जानकारी केंद्राधीक्षक को मिली, तो उन्होंने तुरंत प्रशासन को सूचित किया। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।


मौजूदा नियमों के अनुसार, किसी भी स्कूल के शिक्षक को उसी स्कूल के परीक्षार्थियों की परीक्षा में वीक्षक नहीं बनाया जा सकता, ताकि निष्पक्षता बनी रहे। लेकिन इस केंद्र पर जय कुमार हाई स्कूल के शिक्षक वीक्षण कर रहे थे और उन्हीं के छात्र परीक्षा में शामिल थे। इसके अलावा, परीक्षा के मुख्य द्वार पर पुलिस और मजिस्ट्रेट की तैनाती होने के बावजूद कदाचार खुलकर हो रहा था, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो गए हैं।


शिक्षा विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कामेश्वर प्रसाद को निलंबित कर दिया है और आगे की विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। इस घटना के बाद स्कूल के हेडमास्टर, सेंटर इंचार्ज और अन्य परीक्षा कर्मियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है, लेकिन कोई भी इस मामले में स्पष्ट रूप से कुछ कहने को तैयार नहीं है।


सूत्रों के अनुसार, इंटरमीडिएट कंपार्टमेंटल सह विशेष परीक्षा जिले में कमाई का जरिया बन चुकी है। बताया जा रहा है कि कुछ स्कूल जानबूझकर छात्रों को वार्षिक परीक्षा में अनुपस्थित कराते हैं, ताकि वे विशेष परीक्षा में शामिल होकर अपने स्कूल के शिक्षक की मदद से पास हो सकें। इस प्रक्रिया में स्कूल प्रबंधन, वीक्षक, और प्रशासनिक अधिकारी तक शामिल हो सकते हैं।


एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह मामला सिर्फ एक शिक्षक का नहीं हो सकता। इतनी बड़ी चूक में जरूर कोई संगठित गिरोह काम कर रहा है। अगर निष्पक्ष जांच हो, तो एक बड़े परीक्षा माफिया का पर्दाफाश हो सकता है। सुपौल जिला प्रशासन ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और कहा है कि जिस किसी की भी संलिप्तता सामने आएगी, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह मामला राज्य की परीक्षा प्रणाली में व्याप्त गंभीर खामियों और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है, जिसे सुधारने के लिए अब सख्त और ठोस कदम उठाना जरूरी हो गया है।