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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 03 Dec 2025 01:24:50 PM IST
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pension application : सहरसा जिले के कहरा प्रखंड कार्यालय से एक ऐसा वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसने लोगों के बीच चिंता और रोष दोनों को जन्म दिया है। वायरल वीडियो में प्रखंड कार्यालय में प्रतिनियुक्त कर्मी संजीत कुमार को लोगों से रुपये लेते हुए दिखाया गया है। बताया जा रहा है कि यह मामला वृद्धा पेंशन आवेदन से जुड़ा है, जहां आवेदन करने के लिए आए लोगों से रुपया मांगा गया और लिया गया।
वायरल वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि एक युवक कुर्सी पर बैठे कर्मी संजीत कुमार को रुपये दे रहा है। इस युवक की पहचान बरियाही पंचायत के वार्ड 05 के वार्ड सदस्य देवेंद्र के रूप में हुई है। देवेंद्र ने बताया कि उनके पास कुल पांच वृद्धा पेंशन के आवेदन थे और इसके लिए उनसे पांच सौ रुपये लिए गए। वीडियो में अन्य लोगों की आवाज भी सुनाई दे रही है, जिसमें वे कहते हैं कि “मोबाइल पर आवेदन भेजे थे, भैया मेरा कर नहीं दिए।” इसी पर संजीत कुमार वीडियो में जवाब देते हुए कह रहे हैं कि “बिना माल दिए नहीं होगा, आवेदन वैसे ही आते रहता है, जमा होते रहता है।”
इस वायरल वीडियो को लेकर लोगों के बीच सवाल उठने लगे हैं कि क्या सरकारी कर्मचारी इस प्रकार की गतिविधियों में संलिप्त हैं और क्या आवेदन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार हो रहा है। हालांकि, फर्स्ट बिहार न्यूज ने स्पष्ट किया है कि वायरल वीडियो की वास्तविकता की पुष्टि नहीं की जा सकी है।
इस मामले में प्रखंड विकास पदाधिकारी (BDO) अभिलाषा पाठक ने बताया कि वायरल वीडियो उनके संज्ञान में आ गया है। उन्होंने कहा कि इस घटना की जांच की जाएगी और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। BDO ने कहा कि “सरकारी कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच के बाद उचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।”
वहीं, वायरल वीडियो में नाम आने वाले कर्मी संजीत कुमार ने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने कहा कि जो रुपये उनके पास आए थे, वह केवल कुछ सामान लाने के लिए दिए गए थे और वह रुपये वापस भी कर दिए गए हैं। संजीत कुमार ने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए अन्य आरोप निराधार हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर यह वीडियो सत्य है, तो यह प्रखंड कार्यालय में पेंशन जैसे सामाजिक कल्याण योजनाओं में पारदर्शिता की कमी को उजागर करता है। वृद्धा पेंशन जैसी योजनाएं सीधे लाभार्थियों तक सहायता पहुंचाने के लिए बनाई गई हैं, लेकिन अगर आवेदन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार हो रहा है तो इसका असर सीधे गरीब और जरूरतमंद लोगों पर पड़ता है।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद लोगों ने प्रखंड प्रशासन से तत्काल जांच की मांग की है। कई लोगों ने सुझाव दिया है कि इस प्रकार की शिकायतों को तेजी से निपटाया जाना चाहिए और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
इस मामले में यह देखना बाकी है कि प्रशासन किस प्रकार की कार्रवाई करता है। BDO अभिलाषा पाठक ने स्पष्ट किया कि जांच निष्पक्ष तरीके से की जाएगी और सभी पक्षों की जानकारी ली जाएगी। वहीं, वीडियो में दिख रहे कर्मचारी संजीत कुमार ने अपनी सफाई में कहा कि कोई भी अन्य आरोप गलत हैं और उन्होंने नियम के अनुसार कार्य किया।
सहरसा जिले में यह मामला स्थानीय प्रशासन के लिए चुनौती बन गया है। लोगों की निगाहें अब प्रखंड कार्यालय और संबंधित अधिकारियों की जांच प्रक्रिया पर टिकी हुई हैं। प्रशासन की कार्रवाई से यह तय होगा कि वायरल वीडियो में दिखाए गए कथित भ्रष्टाचार के आरोप कितने सही हैं और किस हद तक कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय की जा सकती है।