ब्रेकिंग न्यूज़

Patna News: पटना में स्नान के दौरान बड़ा हादसा, पांच बच्चे गंगा नदी में डूबे; तीन को लोगों ने बचाया Patna News: पटना में स्नान के दौरान बड़ा हादसा, पांच बच्चे गंगा नदी में डूबे; तीन को लोगों ने बचाया Bihar News: बिहार के आवासीय स्कूल से नाबालिग छात्रा लापता, परिजनों ने शिक्षकों पर लगाए गंभीर आरोप Bihar Crime News: बिहार में आरजेडी नेता की पिटाई पर भारी बवाल, मारपीट और गोलीबारी के बीच फूंक दी बाइक; पुलिस टीम पर पथराव Bihar Crime News: बिहार में आरजेडी नेता की पिटाई पर भारी बवाल, मारपीट और गोलीबारी के बीच फूंक दी बाइक; पुलिस टीम पर पथराव Bihar Bhumi: जमीन रजिस्ट्री को लेकर आया नया नियम, कार्यालय के चक्कर लगाने की अब कोई जरुरत नहीं BIHAR CRIME: बकरी चराने गई 10 साल की बच्ची के साथ युवक ने किया गंदा काम, घटना के बाद आरोपी फरार Patna Crime News: पटना में हत्या की एक और वारदात से हड़कंप, बाइक सवार बदमाशों ने युवक के सिर में दागी गोली Patna Crime News: पटना में हत्या की एक और वारदात से हड़कंप, बाइक सवार बदमाशों ने युवक के सिर में दागी गोली Bihar News: बगहा में बाइक और ट्रैक्टर की टक्कर, 2 कांवरिया गंभीर रूप से घायल

सासाराम सदर अस्पताल में कई महीनों से अल्ट्रासाउंड सेवा बंद: बाहर भेजी गई गर्भवती महिला का ई-रिक्शा में प्रसव, नवजात की मौत

इस घटना के बाद परिजन आक्रोशित हो गए और अस्पताल प्रशासन पर घोर लापरवाही का आरोप लगाने लगे। उनका कहना था कि यदि अल्ट्रासाउंड सुविधा अस्पताल में उपलब्ध होती और महिला का समय पर इलाज होता, तो बच्चे की जान बचाई जा सकती थी।

1st Bihar Published by: RANJAN Updated Sat, 17 May 2025 07:50:29 PM IST

bihar

सिस्टम की लापरवाही ने ली नवजात की जान - फ़ोटो google

SASARAM: बिहार में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का दावा सरकार आए दिन करती है, लेकिन इसकी जमीनी हकीकत क्या है? यह स्पॉट पर जाने के बाद ही पता चल पाता है। जब कोई घटना हो जाती है, तब अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठना शुरू हो जाता है। ऐसा ही एक मामला रोहतास जिले के सबसे बड़े अस्पताल सासाराम सदर अस्पताल में सामने आया है जहां स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। जहां लापरवाही के चलते एक नवजात शिशु की मौत हो गयी।  


नवजात शिशू की मौत का कारण सासाराम सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा का नहीं होना बताया जा रहा है। कई महीनों से सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सेवा बाधित है। जिसके कारण यहां इलाज कराने आने वाली प्रेग्नेंट महिला को अल्ट्रासाउंड टेस्ट कराने के लिए बाहर भेज दिया जाता है। इस बार भी एक गर्भवती महिला को अल्ट्रासाउंड के लिए बाहर भेज दिया गया। महिला बाहर में अल्ट्रासाउंड कराने के लिए सदर अस्पताल से ई-रिक्शा पर सवार होकर निकल ही रही थी कि अस्पताल के गेट पर ही ई-रिक्शा में प्रसव हो गया। समय पर चिकित्सकीय देखभाल नहीं मिलने के कारण नवजात की मौत हो गई। इस दर्दनाक घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।


प्रसव पीड़ा में अस्पताल से बाहर भेजी गई महिला

मृत नवजात की मां आस्तोरण देवी, रोहतास जिले के करगहर प्रखंड के कौवाखोच गांव की निवासी है। वह गर्भावस्था के दौरान करगहर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में नियमित जांच करवा रही थी। जब प्रसव की पीड़ा तेज हुई, तो उसे सासाराम सदर अस्पताल रेफर किया गया। लेकिन दुर्भाग्यवश, अस्पताल में अल्ट्रासाउंड सेवा महीनों से बंद है, और डॉक्टरों ने महिला को अस्पताल परिसर से बाहर निजी अल्ट्रासाउंड सेंटर में जांच कराने के लिए भेज दिया।


ई-रिक्शा में ही हो गया प्रसव, नवजात की मौत

महिला को जब परिजन ई-रिक्शा से अल्ट्रासाउंड जांच के लिए बाहर ले जा रहे थे, उसी दौरान उसकी पीड़ा और अधिक बढ़ गई। परिजन उसे लेकर वापस अस्पताल की ओर दौड़े, लेकिन जब तक वे अस्पताल के गेट पर पहुंचे, महिला का प्रसव ई-रिक्शा में ही हो गया। महिला के साथ आई उसकी मामी ने शोर मचाकर अस्पताल कर्मियों को बुलाया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। नवजात को तत्काल SNCU (स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट) में भर्ती किया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।


परिजनों का गंभीर आरोप 

इस घटना के बाद परिजन आक्रोशित हो गए और अस्पताल प्रशासन पर घोर लापरवाही का आरोप लगाने लगे। उनका कहना था कि यदि अल्ट्रासाउंड सुविधा अस्पताल में उपलब्ध होती या महिला को समय पर चिकित्सा मिलती, तो बच्चे की जान बचाई जा सकती थी। वही अस्पताल प्रबंधक अजय कुमार गुप्ता ने सफाई देते हुए कहा कि “बच्चे को तुरंत SNCU में भर्ती कराया गया था लेकिन उसकी स्थिति गंभीर थी जिसके कारण उसे बचाया नहीं जा सका। उन्होंने यह भी माना कि अल्ट्रासाउंड सेवा लंबे समय से बंद है, और इसके लिए विभागीय स्तर पर पहल की जा रही है।


बड़ा सवाल: जिले के सबसे बड़े अस्पताल में क्यों नहीं है मूलभूत सुविधा?

इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सासाराम सदर अस्पताल को रोहतास जिले का सबसे बड़ा चिकित्सा संस्थान माना जाता है, लेकिन यहां महीनों से अल्ट्रासाउंड जैसी आवश्यक सेवा ठप पड़ी है। गरीब तबके की महिलाओं और ग्रामीण इलाकों से आने वाले मरीजों को निजी जांच केंद्रों और अतिरिक्त खर्चों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे न सिर्फ आर्थिक बोझ बढ़ता है, बल्कि समय पर इलाज न मिलने से जान जाने का भी खतरा बना रहता है।

सिस्टम की लापरवाही के कारण मासूम की मौत


इस घटना ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। इस घटना के बाद अब सिस्टम पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसे गंभीरता से लेना होगा। क्योंकि जब तक अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं को मजबूत नहीं किया जाएगा और लापरवाह कर्मियों पर जवाबदेही तय नहीं होगी, तब तक ऐसी घटनाएं गरीबों की ज़िंदगी छीनती रहेंगी।

सासाराम से रंजन की रिपोर्ट