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Bihar News: नेपाल के विरोध प्रदर्शन का बिहार पर गहरा असर, इस शहर को सबसे अधिक नुकसान

Bihar News: नेपाल Gen Z विरोध प्रदर्शन का बिहार के इस शहर पर तगड़ा असर, दुकानों में बिक्री की हालत दयनीय.. जमकर हो रहा आर्थिक नुकसान..

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 14 Sep 2025 09:41:16 AM IST

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प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Bihar News: नेपाल में Gen Z आंदोलन के तहत भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के खिलाफ शुरू हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन ने न सिर्फ काठमांडू को हिला दिया है, बल्कि भारत की सीमावर्ती सीमाओं पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है। 4 सितंबर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाने से भड़के इन प्रदर्शनों में संसद भवन और कई सरकारी इमारतों को आग के हवाले कर दिया गया, जिसमें दर्जनों लोगों की मौत हो चुकी है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा और अब अंतरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया चल रही है। नेपाल की खुली सीमा बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम से लगती है, जिससे इन राज्यों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। लेकिन सबसे ज्यादा मार पड़ी है बिहार के सीमांचल इलाके के रक्सौल बाजार पर, जहां व्यापार ठप हो चुका है।


रक्सौल बिहार का एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र है और यह नेपाल के बिरगुंज से जुड़ा हुआ है। यहां दुर्गा पूजा जैसे त्योहारों के दौरान बाजार में रौनक रहती है, लेकिन इस बार हालात उलट हैं। स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि नेपाल से आने वाले ग्राहक बाजार की 90 फीसदी बिक्री के जिम्मेदार होते हैं। कपड़े, गमछा, बर्तन और अन्य सामान की खरीदारी के लिए नेपाली खरीदारों की भारी भीड़ लगती थी। लेकिन प्रदर्शनों के चलते भारत-नेपाल मैत्री पुल पर आवागमन लगभग बंद हो गया है। छात्र, ट्रक चालक और व्यापारी सीमा पर फंस गए हैं। एक स्थानीय दुकानदार ने बताया, "पिछले पांच दिनों से हमारी दुकान पर एक ग्राहक भी नहीं आया। रोजाना 50 हजार रुपये तक की बिक्री होती थी, लेकिन अब शून्य पर आ गई है। कोरोना के बाद सुधार की उम्मीद थी, मगर इस आंदोलन ने सब बर्बाद कर दिया।" कई ऑर्डर कैंसिल हो चुके हैं और दुकानें सूनी पड़ी हैं।


यह असर सिर्फ रक्सौल तक सीमित नहीं है। सीमा पर एसएसबी ने 60,000 जवान तैनात कर दिए हैं, जिससे माल ढुलाई प्रभावित हुई है। पेट्रोल, अनाज और अन्य जरूरी सामानों की सप्लाई रुकी पड़ी है जो दोनों देशों की अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचा रही है। नेपाल में 20 फीसदी युवा बेरोजगार हैं और रेमिटेंस पर निर्भर अर्थव्यवस्था (जीडीपी का 33 फीसदी) पहले से ही कमजोर है। भारत के लिए यह पड़ोसी देश की अस्थिरता चिंता का विषय है, क्योंकि इससे क्षेत्रीय सुरक्षा और व्यापार पर असर पड़ता है।


अब सवाल यह है कि यह संकट कब खत्म होगा। नेपाल में सेना तैनात है और सुप्रीम कोर्ट इस पर जल्द सुनवाई शुरू करने जा रहा है। अंतरिम पीएम सुशिला कार्की की नियुक्ति पर दलाई लामा ने बधाई दी है, लेकिन प्रदर्शनकारी संसद भंग और नए चुनाव की मांग पर अड़े हैं। ऐसे में उम्मीद है कि जल्द शांति बहाल हो सके, ताकि रक्सौल जैसे बाजार फिर गुलजार हों। फिलहाल, सीमा पर तनाव बरकरार है और प्रभावित परिवारों को सहायता की जरूरत है।