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Bihar School News: नए साल में सरकारी स्कूल में होने जा रहा बड़ा बदलाव, आ गया ACS एस सिद्धार्थ का आर्डर

Bihar School News : बिहार के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव की तैयारी है। नए शैक्षणिक सत्र से पहले राज्य के 81 हजार सरकारी विद्यालयों की रैंकिंग की जाएगी। यह रैंकिंग मार्च में विद्यालयों के समग्र प्रदर्शन के आधार पर होगी।

Bihar School News

12-Jan-2025 09:19 AM

Bihar School News : बिहार में नए साल के मौके पर सरकारी स्कूलों में बड़े पैमाने पर बड़ा बदलाव होने वाला है। दरअसल, नए शैक्षणिक सत्र से पहले राज्य के 81 हजार सरकारी विद्यालयों की रैंकिंग की जाएगी। यह रैंकिंग विद्यालयों में मार्च में कराई जाएगी। यह रैंकिंग प्रत्येक विद्यालय के समग्र प्रदर्शन के आधार पर होगा। इससे बड़े पैमाने पर बदलाव हो सकता है। 


शिक्षा विभाग के तरफ से यह बताया गया है कि राज्य में 43 हजार प्राथमिक विद्यालय हैं, जहां पहली से पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई होती है। 29 हजार मध्य विद्यालय हैं, जहां पहली से आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है। ऐसे में मार्च महीने में इन स्कूलों में  रैंकिंग करवाई जाएगी। इस दौरान जिन बातों पर ख़ास ध्यान रखा जाएगा उसमें -शिक्षण और अधिगम, संसाधन उपयोग, साफ-सफाई, स्वच्छता आदि अहम कड़ी माने जा रहे हैं। 


मालूम हो कि, सूबे के अंदर नौ हजार 360 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं, जहां नौवीं से बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है। प्रत्येक कोटि के विद्यालय के लिए अलग-अलग रैंकिंग की जाएगी। इसलिए प्राथमिक, मध्य और माध्यमिक विद्यालयों के लिए अलग-अलग फार्मेट भी उपलब्ध कराए गए हैं। शिक्षा विभाग की ओर से मार्च में विद्यालयों को होने वाली रैंकिंग को लेकर नवंबर में ही सभी प्रधानाध्यापकों, प्रभारी प्रधानाध्यापकों और प्रधान शिक्षकों को दिशा-निर्देश जारी किया जा चुका है।


बताया जा रहा है कि,इस रैंकिंग में 85 से 100 अंक हासिल करने वाले विद्यालयों को ए प्लस ग्रेड के साथ फाइव स्टार, 75 से 84 अंक हासिल करने वाले विद्यालयों को ए ग्रेड के साथ फोर स्टार, 50 से 74 अंक हासिल करने वाले विद्यालयों को बी ग्रेड के साथ थ्री स्टार, 25 से 49 अंक हासिल करने वाले विद्यालयों की सी ग्रेड के साथ टू स्टार एवं 0 से 24 भारांक हासिल करने वाले स्कूलों को डी ग्रेड के साथ वन स्टार मिलेगा।


इधर, स्कूलों की रैंकिंग करने से छात्रों का भी मूल्यांकन हो जाएगा जिससे शिक्षा व्यवस्था में ऐतिहासिक सुधार होगा। कमजोर छात्रों पर विशेष ध्यान देकर उन्हें मजबूत बनाने की कोशिश की जाएगी।शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव हर स्कूल की रिपोर्ट ले रहे हैं। कई बार उन्होंने सवाल-जवाब भी किए हैं।