1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 25 Feb 2025 07:33:50 AM IST
patna metro - फ़ोटो patna metro
पटना में मेट्रो सेवा शुरू करने की तैयारी जोरों पर है। मेट्रो के दोनों कॉरिडोर दानापुर से मीठापुर (बेली रोड होते हुए) और पटना स्टेशन से न्यू आईएसबीटी (अशोक राजपथ होते हुए) पर कुल 40 एमवीए (मेगावोल्ट एम्पीयर) बिजली की खपत होगी। पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएमआरसीएल) ने साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी से बिजली लेने की योजना बनाई है। पटना मेट्रो को जनोपयोगी बताते हुए पीएमआरसीएल ने बिहार सरकार से विशेष टैरिफ श्रेणी के तहत और रियायती दरों पर बिजली उपलब्ध कराने की मांग की है, ताकि यात्रियों पर किराए का बोझ न बढ़े।
बिजली दरों को लेकर पटना मेट्रो ने महाराष्ट्र, दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों का हवाला दिया है। रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र और यूपी में सबसे कम 5.31 रुपये प्रति किलोवाट की दर से बिजली मिलती है। यूपी में सबसे अधिक 7.30 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलती है। कई राज्यों में मेट्रो को बिजली की विशेष श्रेणी में रखा गया है, जिससे यात्रियों को सस्ती दरों पर यात्रा का लाभ मिलता है।
पीएमआरसीएल ने बिजली कंपनियों को सूचित किया है कि अगस्त 2025 से प्राथमिकता कॉरिडोर पर मेट्रो परिचालन शुरू हो जाएगा। इस वर्ष 20.44 एमवीए बिजली की आवश्यकता होगी, जिसमें 33% बिजली ट्रैक्शन (यानी ट्रेन संचालन) पर खर्च होगी। 66% बिजली का उपयोग मेट्रो स्टेशनों और डिपो में किया जाएगा। हर 10 साल में बिजली की खपत में 10% की वृद्धि का अनुमान है।
पटना मेट्रो ने बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग से मेट्रो रेल सेवाओं पर टाइम ऑन डे (टीओडी) टैरिफ लागू न करने का आग्रह किया है। चूंकि मेट्रो सुबह 6 बजे से रात 11 बजे तक चलेगी, इसलिए लीन ऑवर्स (बिजली की कम मांग का समय) के दौरान सस्ती बिजली का लाभ नहीं मिल पाएगा।
पटना मेट्रो सौर ऊर्जा पर भी काम कर रही है। इसलिए बिजली कंपनियों से ग्रिड से जुड़ी सौर ऊर्जा पर मुआवजा दिलाने का अनुरोध किया गया है। साथ ही मेट्रो रेल सेवाओं के लिए विशेष ऊर्जा मीटर स्वीकृत करने की मांग की गई है।