Crime News: 'मेरे से अब यह SIR का काम नहीं हो सकेगा', मानसिक दबाव में BLO ने की आत्महत्या Bride runaway : “लौंडिया लंदन से लाएंगे...”, रात भर डीजे पर खूब नाची दुल्हन, सुबह होते ही बॉयफ्रेंड के साथ हो गई फरार MBBS Admission: छोटी गलती पर रद्द हुआ MBBS एडमिशन, अब कोर्ट ने दे दी बड़ी राहत भतीजे संग कमरे में थी बीवी, अचानक घर लौटा पति… जो नजारा देखा, उससे खिसक गई पैरों तले जमीन! जानिए फिर क्या हुआ Life Style: क्यों ठंड के मौसम में बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा? जानें लक्षण और बचाव के उपाय उपेन्द्र कुशवाहा के बेटे को मंत्री बनाये जाने पर RJD सांसद ने बोला हमला, कहा...प्रधानमंत्री जी के चुनावी नारे हवा-हवाई होते हैं Bigg Boss 19: बिग बॉस 19 में फैमिली वीक: तान्या मित्तल के भाई ने खोले घर की अमीरी के राज, दंग रह गए घरवाले Bihar Politcis: सम्राट चौधरी ने शपथ के बाद दी प्रतिक्रिया, कहा-‘मैं सिपाही की तरह काम करूंगा’ Chirag Paswan : तेजस्वी यादव को लेकर चिराग पासवान का बड़ा तंज, कहा - लालू परिवार की सेकेंड जेनरेशन के पास नहीं है कोई क्षमता; अब करें यह काम Bihar Crime News: बिहार में आभूषण कारोबारी की बेरहमी से हत्या, गंभीर रूप से घायल दोस्त का इलाज जारी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 06 Mar 2025 10:07:11 AM IST
neetu honey - फ़ोटो GOOGLE
Bollywood News : हाल ही में हनी सिंह का एक गाना काफी ज्यादा वायरल हुआ था जिसका नाम ‘मैनिएक’ है, इसमें भोजपुरी लाइंस भी शामिल हैं, जो बेहद अश्लील हैं, जहां दीदी के देवर द्वारा चोली के पीछे कुछ तलाशने की बात की जा रही है. गाने के वायरल होने के पीछे का मुख्य कारण यही लाइनें हैं. अब इसी को लेकर अभिनेत्री नीतू चंद्रा ने हनी सिंह जैसों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
एक्ट्रेस ने पटना हाईकोर्ट में एक लोकहित याचिका दायर की है और कहा है कि जल्द से जल्द ऐसे गानों पर रोक लगाईं जाए एवं क़ानूनी कार्यवाई की जाए. ऐसे बोल के जरिए महिलाओं का चित्रण अश्लील ढंग से किया जाता है. जबकि ऐसी भाषाओँ के प्रयोग से समाज में अश्लीलता बढती है और इनके जरिए युवाओं की सोच को विकृत करने का काम हो रहा है, अतएव इस पर कार्यवाई बेहद जरुरी है.
अभिनेत्री चंद्रा की और से अधिवक्ता शशांक शेखर, शशि, आर्य अंचित इत्यादि ने अधिवक्ता निवेदिता निर्विकार की देखरेख में अर्जी दायर की और कहा है कि भोजपुरी गानों का उपयोग कर समाज के हर वर्ग के लोगों की मानसिकता को दूषित किया जा रहा है. गलत तरीके से महिलाओं का चित्रण किया जा रह है. जिन पर ठोस कदम उठाना बेहद आवश्यक हो गया है.
इस याचिका में यह भी कहा गया है कि संविधान के मुलभुत अधिकारों में अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का और बोलने का अधिकार जरुर है मगर इसकी भी एक सीमा होती है. कुछ लोग इस सीमा को कब का पार कर चुके हैं. ऐसे में इन पर कार्यवाई करने का प्रावधान है और अब समय आ गया है कि सख्ती से इस पर क़ानून लागू किया जाए. 7 मार्च पर इस याचिका पर सुनवाई की जा सकती है. देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में इस विषय पर क्या जरुरी कदम उठाए जाते हैं.