मुजफ्फरपुर में भीषण चोरी का खुलासा, 40 लाख का गहना बरामद, तीन आरोपी भी गिरफ्तार Begusarai firing : बेगूसराय में जमीन विवाद पर फायरिंग, गर्भवती महिला ने पुलिस पर पिटाई के गंभीर आरोप, दोनों पक्षों में तनाव बढ़ा अंचल कार्यालयों में CSC-VLE को जगह देने में लापरवाही पर विभाग सख्त, 28 नवंबर तक मांगी रिपोर्ट Madanpur accident : कोयल नहर से मिला युवक का शव, पास में मिली क्षतिग्रस्त बाइक से दुर्घटना की आशंका नीतीश कुमार के 10वीं बार मुख्यमंत्री बनने पर मुकेश सहनी ने दी बधाई, नई सरकार से विकास की उम्मीद जताई Life Style: सर्दियों में बढ़ जाता है इस बीमारी का सबसे अधिक खतरा, जानें कैसे करें बचाव Nitish Kumar : 10वीं बार बिहार के CM बनें नीतीश कुमार को कितना जानते हैं आप; पढ़िए अबतक का कैसा रहा है इनका राजनीतिक कैरियर Road Accident: तेज रफ़्तार बस और ई-रिक्शा के बीच जोरदार टक्कर में 3 की मौत, कई गंभीर रूप से घायल Gen-Z Protest in Nepal: नेपाल में फिर भड़क उठा Gen-Z आंदोलन, बिहार- नेपाल सीमा से सटे इलाके में कर्फ्यू लागू, सेमरा एयरपोर्ट बंद 10वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार: तेजस्वी के बाद अखिलेश यादव ने भी दी बधाई
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 20 Nov 2025 02:56:44 PM IST
- फ़ोटो
Mokama MLA Anant Singh : मोकामा विधानसभा सीट से विधायक बने अनंत सिंह को आज सिविल कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया है। इसके बाद इनके वकील का कहना है कि यह इसको कुछ उच्च न्यायालय में अपनी गुहार लगाएंगे।
अनंत सिंह को मोकामा के तारतर इलाके में हुए दुलारचंद हत्याकांड में आरोपी बनाकर पुलिस ने अरेस्ट किया था और उसके बाद इन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। इसके बाद आज इनके तरफ से अदालत में जमानत याचिका डाली गई थी। लेकिन इस याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
जमानत याचिका में अनंत सिंह ने अपनी ओर से कई अहम तर्क रखे हैं। उन्होंने कहा है कि वे राजनीतिक प्रतिशोध के शिकार हैं। उनके अनुसार दुलारचंद यादव की हत्या से उनका न तो प्रत्यक्ष और न ही अप्रत्यक्ष कोई संबंध है। उन्होंने दावा किया कि पीड़ित परिवार द्वारा लगाए गए आरोप उनके राजनीतिक करियर और जनाधार को कमजोर करने की साजिश के तहत लगाए गए हैं।
अनंत सिंह के तरफ से यह कहा गया कि चुनाव प्रचार के दौरान दोनों दलों के काफिलों का आमने-सामने आना और बहस होना एक साधारण मौखिक विवाद था। इसमें किसी भी प्रकार की साजिश, हमला योजना या हिंसक इरादा नहीं था। उन्होंने अदालत से कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दुलारचंद की मौत का कारण गोली नहीं, बल्कि गंभीर चोट पाई गई है। यह बात बुनियादी रूप से घटना को लेकर उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों पर सवाल खड़ा करती है।
अनंत सिंह ने कोर्ट को बताया कि गिरफ्तार होने के बाद उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने उनके पास से कोई हथियार, विस्फोटक या आपत्तिजनक वस्तु बरामद नहीं की है। इसके बावजूद उन्हें मुख्य आरोपी के रूप में जेल भेजा गया। वर्तमान में अनंत सिंह बेऊर जेल में बंद हैं। वे इस हाई-प्रोफाइल हत्या मामले के मुख्य आरोपी हैं। लेकिन उनकी जमानत याचिका को लेकर जो तर्क दिए गए हैं, उनके आधार पर आज अदालत का फैसला बेहद अहम माना जा रहा है।
29 अक्टूबर को मोकामा के घोसवरी थाना क्षेत्र के बसावनचक गांव में चुनाव प्रचार अभियान के दौरान तनावपूर्ण स्थिति बन गई थी। इसी दौरान राजद नेता और जनसुराज समर्थक दुलारचंद यादव गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। घटना के अगले ही दिन अनंत सिंह और उनके समर्थकों पर आरोप लगाया गया कि वे इस विवाद और हमले में शामिल थे। इसके बाद 1 नवंबर की रात पुलिस ने अनंत सिंह को गिरफ्तार किया और 2 नवंबर को उन्हें कोर्ट में पेश करने के बाद बेऊर जेल भेज दिया गया।
इस पूरे विवाद और गिरफ्तारी के बाद भी अनंत सिंह की राजनीतिक पकड़ चुनाव परिणामों में साफ दिखी। मोकामा सीट से उन्होंने 28,206 वोटों के बड़े अंतर से जीत दर्ज की। अनंत को कुल 91,416 वोट मिले, जबकि उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी राजद की वीणा देवी को 63,210 वोट प्राप्त हुए। इससे यह साफ है कि गिरफ्तारी के बावजूद उनके जनाधार में कोई कमी नहीं आई।अनंत सिंह का राजनीतिक करियर भी बेहद प्रभावशाली रहा है। वे 2005 से अब तक पांच बार विधायक रह चुके हैं—तीन बार जेडीयू से,एक बार राजद से और एक बार निर्दलीय के रूप में उन्होंने पहले भी जेल में रहते हुए निर्दलीय चुनाव जीता था। यह जीत उनके राजनीतिक प्रभाव को एक बार फिर साबित करती है।