1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 22 Dec 2025 12:24:11 PM IST
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Electoral Bond : सुप्रीम कोर्ट द्वारा फरवरी 2024 में इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को असंवैधानिक करार देने के बाद उम्मीद थी कि राजनीतिक दलों की फंडिंग पर असर पड़ेगा, लेकिन भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर इसका कोई खास असर नहीं पड़ा। 2024-25 में बीजेपी को कुल 6,088 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जो 2023-24 के 3,967 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग 53% अधिक है। वहीं, कांग्रेस को 522.13 करोड़ रुपये ही मिले, जो बीजेपी की तुलना में लगभग 12 गुना कम है। विपक्षी दलों को कुल 1,343 करोड़ रुपये फंडिंग मिली, यानी बीजेपी अकेले इन सभी दलों से 4.5 गुना ज्यादा धन जुटाने में सफल रही।
रिपोर्ट के अनुसार, 2024-25 में बीजेपी को मिले कुल फंड का 61% चुनावी ट्रस्टों से आया, यानी 3,744 करोड़ रुपये। शेष 2,344 करोड़ रुपये अन्य रूट्स जैसे इंडिविजुअल डोनेशन और कॉर्पोरेट कंपनियों से प्राप्त हुए। टॉप डोनर्स में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड सबसे बड़ा योगदानकर्ता रही, जिसने 100 करोड़ रुपये दिए। इसके अलावा रूंगटा सन्स (95 करोड़), वेदांता लिमिटेड (67 करोड़), मैक्रोटेक डेवलपर्स (65 करोड़), डेराइव इन्वेस्टमेंट्स (53 करोड़), मॉडर्न रोड मेकर्स (52 करोड़) और लोटस होमटेक्सटाइल्स (51 करोड़) जैसी कंपनियों ने भी पार्टी को भारी योगदान दिया।
इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम 2017-18 में शुरू हुई थी और इसके तहत राजनीतिक दलों को 16,000 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा मिला, जिसमें अधिकांश बीजेपी को ही प्राप्त हुआ। फरवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने SBI और चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि सभी डोनर्स और लाभार्थियों के नाम पब्लिश किए जाएं।
2024-25 में रजिस्टर्ड 19 ट्रस्टों में से 13 की रिपोर्ट चुनाव आयोग के पास उपलब्ध थी। नौ ट्रस्टों ने पार्टियों को कुल 3,811 करोड़ रुपये का चंदा दिया, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 1,218 करोड़ रुपये था। इसमें चार ट्रस्ट – जनहित, परिवर्तन, जयहिंद और जयभारत ने कोई चंदा नहीं दिया।
प्रूडेंट और प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट ने भी बड़ी राशि बीजेपी को दी। प्रूडेंट ट्रस्ट के 2,668 करोड़ रुपये के डोनेशन का 82% बीजेपी को मिला। प्रोग्रेसिव ट्रस्ट ने 917 करोड़ रुपये जुटाए, जिसमें 80.82% राशि बीजेपी को दी गई। प्रोग्रेसिव ट्रस्ट के मुख्य डोनर्स में टाटा समूह की कंपनियां शामिल हैं।
फिलहाल, कंपनियां और व्यक्ति पार्टियों को चेक, डीडी, UPI और बैंक ट्रांसफर के जरिए डोनेट कर सकते हैं, और पार्टियों को चुनाव आयोग को अपनी सालाना कंट्रीब्यूशन और ऑडिट रिपोर्ट में सभी डोनेशन की जानकारी देनी होती है। 2024-25 में बीजेपी को मिलने वाला चंदा पिछले छह साल में सबसे अधिक रहा, जिससे पार्टी की वित्तीय ताकत और बढ़ी है।