Bihar Politics: नित्यानंद राय से नहीं मिले चिराग पासवान,अब कैसे दूर होगी नाराजगी; पटना के इमरजेंसी बैठक में नहीं हो सका फैसला Bihar News: नीतीश कुमार ने 90 से अधिक सीटों पर कैंडिडेट्स के नाम तय किए...5-6 विधायकों को बेटिकट करने की तैयारी Bihar Election 2025: चुनाव आयोग का सख्त आदेश, डीपफेक और भ्रामक वीडियो फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई BIHAR NEWS : गयाजी में स्कूल बस ड्राइवर पर बाइक सवार बदमाशों का हमला, सीने में लगी गोली; बस में सवार थे बच्चे मंत्री हैं...BJP के बड़े नेता हैं, सेफ सीट पर है गिद्ध दृष्टि ! नजर सबसे सुरक्षित राजधानी की इस विधानसभा क्षेत्र पर, वैसे 'नेताजी' आज तक चुनाव लड़े ही नहीं हैं ‘The Conjuring: Last Rites’ मचाएगी ओटीटी पर खौफ, जानें कब होगी रिलीज? Patna Crime News: पटना में धान के खेत से 8 साल की मासूम का शव मिलने से सनसनी, रेप के बाद हत्या की आशंका Patna Crime News: पटना में धान के खेत से 8 साल की मासूम का शव मिलने से सनसनी, रेप के बाद हत्या की आशंका Bihar Politics: NDA में सीट बंटवारा पर घमासान ! चिराग पासवान ने दिए बड़े संकेत,कहा - जबतक मंत्री हूं तबतक .... Bihar Crime News: चुनाव की घोषणा के बाद बिहार में बढ़ी चौकसी, ट्रेन से ढाई करोड़ के सोना के साथ स्मगलर अरेस्ट
1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Wed, 19 Feb 2025 08:25:00 PM IST
बिहार के स्कूलों की बदलेगी सूरत - फ़ोटो google
Bihar Teachers News: बिहार के शिक्षा विभाग औऱ सरकारी स्कूलों के कामकाज को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला ले लिया है. बुधवार को इस संबंध में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ (S. Siddharth) ने पत्र जारी कर दिया है . इसका असर जिला शिक्षा पदाधिकारी से लेकर सरकारी स्कूल के हेडमास्टरों पर भी पड़ेगा. हालांकि नयी व्यवस्था 1 अप्रैल से लागू होने जा रही है.
शिक्षा विभाग का आदेश
दरअसल, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस. सिद्धार्थ ने आज पत्र जारी किया है. इस पत्र के मुताबिक 31 मार्च के बाद बिहार के सभी जिलों में शिक्षा विभाग के विकास कार्यों की जिम्मेदारी बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम (BSEIDC) के अधीन होगी.
राज्य सरकार ने जिला शिक्षा अधिकारियों को स्कूल के बिल्डिंग बनवाने, बेंच-डेस्क खरीदने से लेकर दूसरे काम से मुक्त करने का फैसला लिया है. वे सिर्फ सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने का काम करेंगे. डॉ एस. सिद्धार्थ ने इस संबंध में बुधवार को सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश जारी किया है.
क्या है नया दिशा निर्देश
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के पत्र में कहा गया है कि सरकारी स्कूलों के विकास कार्यों के निरीक्षण और समीक्षा के दौरान यह पाया गया है कि शिक्षा विभाग के विभिन्न प्रकार के विकास कार्यों का क्रियान्वयन कई एजेंसियां करा रही है. कहीं प्रधानाध्यापक काम करे रहे हैं तो कहीं जिला शिक्षा पदाधिकारी. बिहार राज्य शिक्षा परियोजना, बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड, स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, जिला परिषद, भवन निर्माण विभाग भी सरकारी स्कूलों में विकास काम करा रहे हैं.
स्कूलों में पढ़ाई का सही निरीक्षण नहीं हो पा रहा
अपर मुख्य सचिव डॉ एस. सिद्धार्थ ने अपने पत्र में कहा है कि ई-शिक्षा कोष पर अपलोड किए गए आंकड़ों की समीक्षा में क्रम में यह पाया गया है कि जिला स्तर पर स्कूलों में निर्माण और खरीददारी का काम किये जाने के कारण जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी और प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी अपने क्षेत्र के के विद्यालयों के शैक्षणिक कार्यों की निगरानी में पर्याप्त समय नहीं दे रहे हैं. इस कारण शिक्षा विभाग की ओर से चलायी जा रही योजनाओं के समरूप और समेकित रूप से गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन में कठिनाई हो रही है.
एक स्कूल में कई ठेकेदार
अपर मुख्य सचिव के पत्र के मुताबिक अभी लागू व्यवस्था के मुताबिक जिलास्तरीय कमेटी के माध्यम से जिला स्तर पर स्कूलों में काम कराने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी अधिकत्तम 50 लाख तक की योजना ले सकते हैं. ऐसी स्थति में एक ही विद्यालय परिसर की अनेक योजनाएं 50 लाख की सीमा के अंदर सीमित कर क्रियान्वित की जा रही है.
इसका नतीजा ये हो रहा है कि एक विद्यालय का समेकित विकास नहीं हो पा रहा है. कई जगह ये देखने को मिला है कि किसी स्कूल के एक ही कैंपस में कई ठेकेदार काम कर रहे हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी की ओर से चयनित योजनाओं की संख्या में भी अप्रत्याशित वृद्धि हो गई है. उन योजनाओं की गुणवत्ता कैसी है, इसकी जांच-पड़ताल में भी कठिनाई हो रही है.
अपर मुख्य सचिव ने अपने पत्र में लिखा है कि मौजूदा स्थिति में बिहार राज्य शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड केवल 50 लाख से अधिक राशि की योजना का काम कराने के लिए अधिकृत है, जबकि इस निगम का गठन शिक्षा विभाग के सभी प्रकार के विकास कार्यों को करवाने के लिए किया गया है. अब इस एजेंसी को सरकारी स्कूलों से संबधित सारे विकास काम कराने की जिम्मेवारी सौंपी जा रही है. इससे न सिर्फ काम की गुणवत्ता सुधरेगी बल्कि क्षेत्र में तैनात शिक्षा विभाग के पदाधिकारी सरकारी स्कूलों में शिक्षण कार्य को बेहतर बनाने पर ध्यान दे पायेंगे.