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BIHAR TEACHER NEWS : 'सहयोग के नाम पर प्रयोग ...', बोले बीजेपी MLC ... शिक्षा विभाग में बैठे अधिकारियों को भी ट्रांसफर के बारे में नहीं है कोई जानकारी

BIHAR TEACHER NEWS : बिहार में शिक्षकों के लिए इन दिनों सबसे बड़ी समस्या ट्रांसफर-पोस्टिंग बनी हुई है। इसको लेकर हर दिन शिक्षा विभाग के तरफ से अलग -अलग आदेश निकालकर कुछ न कुछ परिवर्तन कर दिया जा रहा

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 14 Feb 2025 01:22:23 PM IST

BIHAR TEACHER NEWS

भाजपा MLC नवल किशोर यादव - फ़ोटो REPOTER

BIHAR TEACHER NEWS : बिहार में शिक्षकों के लिए इन दिनों सबसे बड़ी समस्या ट्रांसफर-पोस्टिंग बनी हुई है। इसको लेकर हर दिन शिक्षा विभाग के तरफ से अलग -अलग आदेश निकालकर कुछ न कुछ परिवर्तन कर दिया जा रहा है। लिहाजा शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में महिला के साथ और पुरुष और किसी बिमारी से ग्रस्त टीचर को काफी समस्या हो रही है। अब इन्हीं मुद्दों को लेकर भाजपा के सीनियर लीडर नवल किशोर यादव ने सरकार और विभाग  से तीखे सवाल पूछें हैं। 


नवल किशोर यादव ने कहा कि वैसे तो बिहार में अधिकारियों के तरफ से सहयोग कार्यक्रम चलाया जा रहा है वह दावा करते हैं कि हम शिक्षा विभाग के काम करने वाले शिक्षकों का सहयोग कर रहे हैं। लेकिन,हकीकत यह है कि वह लोग सहयोग के नाम पर हर दिन नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। इतना ही नहीं वह अपने सीनियर होने के पावर का भी दुरुपयोग कर रहे हैं।


इसके आगे उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि शिक्षा विभाग में बैठे अधिकारियों को खुद यह जानकारी नहीं है कि शिक्षकों का ट्रांसफ़र कैसे करना है। इसलिए हर दिन नए-नए प्रयोग कर रहे हैं। उनका जो प्रयोग कुछ दिन के सफल होता है उसे चालू कर देते हैं और जैसे ही यह फ्लॉप होने लगता है वैसे ही नया आदेश निकाल कर फिर से नया प्रयोग करना शुरू कर देते हैं। इसकी वजह मात्र एक है कि अधिकारियों को खुद नहीं पता कि शिक्षकों का ट्रांसफर किस तरह करना है।


उन्होंने कहा कि पहले तो विभाग में बैठे अधिकारियों को यह नहीं समझ में आया कि टीचरों का ट्रांसफ़र जरूरी है और जब उन्हें यह समझा में आया कि  ट्रांसफर करना जरूरी है तो अब सुविधाजनक स्थानों पर ट्रांसफर की बात की जा रही है। लेकिन ऐसा कुछ नहीं रहा है। अभी भी कई शिक्षकों को उनके घर से 400-500 किलोमीटर दूर तैनात कर दिया गया हैं, जिससे उन्हें भारी परेशानी हो रही है।


इसके अलावा महिला शिक्षिकाएं और छात्राएं दूर-दराज के इलाकों में फंसी हुई हैं, जिससे उनकी सुरक्षा और पढ़ाई दोनों प्रभावित हो रही हैं। लेकिन शिक्षा विभाग बस सहयोग करने कि बात कहकर हर दिन नए -नए प्रयोग कर रही है। यदि ट्रांसफर सही तरीके से हो तो शिक्षा विभाग को भी फायदा होगा, लेकिन अधिकारियों को समझ ही नहीं आ रहा कि करना क्या है? यही वजह है कि यह मामला लटका हुआ है और हर दिन नए नए आदेश जारी हो रहे हैं और कुछ भी क्लियर नहीं हो पा रहा है। 


इधर, नवल किशोर यादव ने कहा कि आगामी सदन में वह इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाएंगे और शिक्षा मंत्री व विभाग को इसका जवाब देना ही होगा। मेरा आज भी विभाग से यह सवाल है कि शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू की गई थी तो फिर इसमें समस्या कहाँ से आई और क्यों आई। नवल किशोर यादव ने यह ऑनलाइन के जरिए बस काम को टाला जा रहा है। मेरा साफ़ कहना है कि यदि उसमें खामी है तो उसे दूर करें। यह बात तो हर कोई जानता है कि आदमी ने ऐप बनाया है ऐप ने आदमी को नहीं बनाया है न। ट्रांसफर-पोस्टिंग में पारदर्शिता होनी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा।


इस सवाल पर उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा, "हम सवाल पूछते हैं और पूछते रहेंगे। शिक्षकों को जल्द से जल्द राहत मिलनी चाहिए।" उन्होंने कहा, "जब तक सही नीति नहीं बनेगी, तब तक यह मामला अटका रहेगा और लोग परेशान होते रहेंगे।"बिहार में शिक्षकों के ट्रांसफर को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। अब देखना होगा कि सरकार और शिक्षा विभाग इस पर क्या रुख अपनाते हैं और आगामी सदन में इस मुद्दे पर क्या चर्चा होती है।