पटना में नकली घी फैक्ट्री का भंडाफोड़, मारूफगंज मंडी में वरुण पूजा घी के नाम पर बन रहा था नकली सामान PM मोदी का बिहार दौरा कल: पंचायती राज दिवस पर देंगे बड़ी सौगात, 13,480 करोड़ की योजनाओं का करेंगे उद्घाटन और शिलान्यास Tamasha: फिल्म ‘तमाशा’ के बेहतरीन डायलॉग्स, जो हमें अपने अंदर के हीरो से मिलाती हैं पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का आदेश, CCS की बैठक में लिये गये 5 बड़े फैसले रामविलास पासवान के गृह क्षेत्र खगड़िया के लिए ऐतिहासिक दिन, कल से दौड़ेगी ट्रेन, प्रधानमंत्री करेंगे उद्घाटन Bihar News: बिहार STF की बड़ी कार्रवाई, 2 इनामी बदमाशों को फ़िल्मी अंदाज में दबोचा पटना में भीषण गर्मी के चलते स्कूलों का टाइमिंग बदला, 24 अप्रैल से लागू होंगे नए आदेश वैशाली के प्रिंस राज ने UPSC में हासिल की 141वीं रैंक, जिले का नाम किया रोशन Bihar Crime News: सड़क किनारे लावारिस शव मिलने से हड़कंप, स्थानीय लोगों के साथ-साथ पुलिस के भी उड़े होश सीतामढ़ी में 3 नाबालिग बच्चियों की पोखर में डूबने से मौत, मिट्टी निकालने के दौरान फिसला पैर
1st Bihar Published by: KHUSHBOO GUPTA Updated Mon, 03 Mar 2025 10:17:26 AM IST
पानी के रास्ते बिहार में बालू ढुलाई का प्रस्ताव - फ़ोटो google
Bihar News: बालू की ढुलाई को लेकर पटना के डीएम ने एक खास प्लान बनाया है। पटना जिला प्रशासन ने जलमार्ग से बालू की ढुलाई का प्रस्ताव खनन विभाग को भेजा है। पटना, भोजपुर, अरवल की मुख्य सड़कों पर बालू लदे वाहनों से अक्सर जाम की समस्या होती है। जिसके निदान के लिए पटना जिला प्रशासन ने यह प्लान बनाया है।
जलमार्ग से बालू की ढुलाई से सड़कों पर वाहनों का बोझ कम होगा और परिवहन लागत में भी कमी आएगी। पटना जिला प्रशासन ने इस प्रस्ताव को खनन विभाग को भेज दिया है। गंगा घाघरा और गंडक नदियों से बालू परिवहन की संभावना तलाशी जा रही है। स्वीकृति मिलने पर आने वाले समय में यह संभव हो सकेगा। दरअसल बालू लदे वाहनों की वजह से उत्पन्न हो रही आवागमन की गंभीर समस्या को देखते हुए अब जलमार्ग का विकल्प तलाशा जा रहा है। इससे एक तो सड़क से वाहनों का बोझ घटेगा तो दूसरी ओर जल परिवहन से लागत में भी कमी आएगी। जिलाधिकारी डॉ.चंद्रशेखर सिंह ने यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि इसका प्रस्ताव जिला से खनन विभाग को भेजा गया था। वहां से उसे दूसरे विभाग को दिया गया है।
आपको बता दें कि बालू के जितने भी घाट हैं, वे नदी किनारे हैं। ऐसे में गंगा के अलावा घाघरा, गंडक जैसी नदियों से इनका परिवहन सुगम होगा। इसको देखते हुए जल परिवहन की अनुमति का प्रस्ताव दिया गया है। स्वीकृति मिलने पर आने वाले समय में यह संभव हो सकेगा। साथ ही बालू लदे वाहनों के चलते आम लोगों को भीषण जाम का सामना करना पड़ता है उसमें भी राहत मिलेगी।