ब्रेकिंग न्यूज़

BIHAR CRIME : मुर्गा चोरी करना युवक को पड़ा महंगा, पॉल्ट्री फॉर्म के मालिक ने दी तालिबानी सजा Bihar Crime News: सीमांचल में धडल्ले से बनाए जा रहे फर्जी निवास प्रमाण पत्र, पुलिस ने बड़े रैकेट का किया खुलासा Bihar Crime News: सीमांचल में धडल्ले से बनाए जा रहे फर्जी निवास प्रमाण पत्र, पुलिस ने बड़े रैकेट का किया खुलासा Security Breach In Parliament : लगातार दूसरे दिन संसद भवन के पास दिखा संदिग्ध शख्स, CISF ने पकड़ा Bihar Chunav : सुबह-सुबह ललन सिंह से मिलने पहुंचे CM नीतीश, बंद कमरे में 10 मिनट तक इन मुद्दों पर हुई बातचीत Richest Cricketers: दुनिया के 5 सबसे अमीर क्रिकेटरों की लिस्ट में 3 भारतीय, नंबर 1 पर धोनी-विराट नहीं बल्कि यह दिग्गज है काबिज Bihar Chunav : पाला बदलने वाली विधायक विभा देवी को लेकर फूटा RJD का गुस्सा,कहा - पति के साथ सरकार ने किया यह काम,इसलिए ... Tejashwi yadav : RJD नेता तेजस्वी यादव पर दर्ज हुआ मुकदमा, जानिए क्या है मामला Bihar Train News: इन ट्रेनों में टिकट बुक करने पर नहीं मिलेगी 20 प्रतिशत की छूट, जानिए कैसे टिकट बुक करें आप Bihar News: बिहार में यहां बनेगा मछलियों का आधुनिक होलसेल मार्केट, व्यापारियों और मछुआरों की आय में होगी बढ़ोतरी

Bihar News: बिहार में 25 हजार+ लोग हर महीने कुत्तों के शिकार, इन जिलों में खतरा सबसे ज्यादा..

Bihar News: बिहार में डॉग बाइट की घटनाएं दोगुनी, हर महीने 27 हजार लोग कुत्तों के शिकार। पटना, गोपालगंज और पूर्वी चंपारण में सबसे ज्यादा खतरा..

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 23 Aug 2025 07:37:50 AM IST

Bihar News

प्रतीकात्मक - फ़ोटो Google

Bihar News: बिहार में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है और पिछले चार सालों में डॉग बाइट की घटनाएं राज्य में दोगुनी हो गई हैं। बिहार स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार इस साल 2025 में हर महीने औसतन 27 हजार लोग कुत्तों के काटने का शिकार हो रहे हैं। 21 अगस्त तक 2,14,602 लोग डॉग बाइट का शिकार हुए जो पिछले साल 2024 के 2,64,000 और 2023 के 2,42,000 की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है। 2020 में यह आंकड़ा 1,25,000 और 2021 में 62,700 था। कुत्तों की आक्रामकता बढ़ने से पैदल राहगीर, साइकिल सवार और बच्चे तक इनके निशाने पर हैं। खासकर पटना, गोपालगंज और पूर्वी चंपारण जैसे जिलों में स्थिति गंभीर है।


स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल पटना में 20,407, गोपालगंज में 18,836 और पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) में 18,035 लोग कुत्तों के काटने का शिकार हुए हैं। अन्य प्रभावित जिलों में नालंदा (15,222), पश्चिम चंपारण (12,672), जहानाबाद (9,738), पूर्णिया (8,889), मुजफ्फरपुर (8,725), गया (7,249) और भोजपुर (7,173) शामिल हैं। वहीं, औरंगाबाद (358), अरवल (776) और खगड़िया (921) में सबसे कम मामले दर्ज हुए। बिहार इकोनॉमिक सर्वे (2023-24) के अनुसार 2022-23 में पटना में 22,599 और नालंदा में 17,074 मामले थे।


कुत्तों के बढ़ते हमलों ने रैबीज के खतरे को और बढ़ा दिया है। राज्य महामारी विज्ञानी डॉ. राधिका मिश्रा ने बताया कि कुत्ते के काटने के तुरंत बाद एंटी रैबिज वैक्सीन लेना जरूरी है। अगर जख्म गहरा है, खून बह रहा है या मांस बाहर निकल रहा है तो एंटी रैबिज सिरम भी लेना चाहिए। यह सिरम जिला मुख्यालय अस्पतालों में उपलब्ध है, जबकि वैक्सीन प्रखंड स्तर के अस्पतालों में मिलती है। बाजार में सिरम की कीमत 350 रुपये प्रति डोज है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार रैबीज एक घातक बीमारी है जो कुत्तों के काटने से फैलती है और भारत में हर साल 18,000-20,000 रैबीज से मौतें होती हैं।


इस समस्या से निपटने के लिए पटना और नालंदा के नगर आयुक्तों ने आवारा कुत्तों के खिलाफ अभियान तेज करने की बात कही है। पटना नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर ने कहा, “हम इस खतरे को नियंत्रित करने के लिए एनजीओ के साथ मिलकर काम करेंगे।” ह्यूमेन सोसाइटी इंटरनेशनल की अलोकपर्णा सेनगुप्ता ने सुझाव दिया कि एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोग्राम को प्रभावी ढंग से लागू करने और मानव-पशु संघर्ष को कम करने की जरूरत है। बिहार में बढ़ते डॉग बाइट मामलों ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के सामने बड़ी चुनौती खड़ी की है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।