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NITISH KUMAR : बिहार में अब AI तकनीक से होगी पुलों की निगरानी, तय होंगे इंजीनियरों के काम; जानिए नीतीश सरकार का क्या है प्लान

NITISH KUMAR : पुलों का हेल्थ कार्ड भी तैयार किया जाएगा। पुल संधारण नीति एवं अभियंताओं के कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व निर्धारण पर एक उच्च स्तरीय बैठक में यह बातें खुद विभागीय मंत्री ने कही है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 26 Jan 2025 12:24:19 PM IST

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NITISH KUMAR : - फ़ोटो GOOGLE

NITISH KUMAR : बिहार में अब पुलों का भी हेल्थ कार्ड भी तैयार किया जाएगा। इस बात की जानकारी खुद उपमुख्यमंत्री सह विभागीय मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने दी है। उन्होंने कहा कि पुलों का हेल्थ कार्ड भी तैयार किया जाएगा। इतना ही नहीं पुलों की एआई से निगरानी भी की जाएगी। इसके अलावा अब इंजीनियरों के काम भी तय होंगे। इसको लेकर प्लान तैयार कर लिए गए हैं। 


दरअसल, उपमुख्यमंत्री सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि अभी विभाग के अन्तर्गत कोई पुल संधारण नीति नहीं है और न ही अभियंताओं के लिए कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व स्पष्ट रूप से निर्धारित है। इस संबंध में शीघ्र ही एक पुल संधारण नीति तैयार की जाएगी। स्वतंत्र एजेंसी से पुलों का ऑडिट कराया जाएगा। साथ ही अभियंताओं के कर्तव्य एवं दायित्व भी निर्धारित किये जाएंगे।


इसके साथ ही पुलों का हेल्थ कार्ड भी तैयार किया जाएगा। पुल संधारण नीति एवं अभियंताओं के कर्तव्य एवं उत्तरदायित्व निर्धारण पर एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग की ओर से इस बाबत विस्तृत जानकारी दी गई है। पुल संरचना के संपूर्ण जीवनकाल के दौरान दो चरणों में इनके प्रबंधन एवं संधारण पर विचार किया जा रहा है।


इसके साथ ही पुलों को चार भागों में बांटा गया है। पहले भाग में 1000 मीटर से लम्बे पुल, दूसरे भाग में 250-1000 मीटर से लम्बे पुल, तीसरे भाग में 60-250 मीटर और चौथे भाग में 60 मीटर से छोटे पुलों को रखा गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में आमजनों को सुगम यातायात उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है और विभाग इस दिशा में प्रयासरत है।


इधर, पुलों के प्रबंधन के लिए उसकी वास्तविक स्थिति का आकलन आर्टिफिशियल इन्टेलिजेंस, मशीन लर्निंग, सेंसर डाटा रिर्पोट जैसे नये तकनीकों के माध्यम से किया जाएगा। अतिसंवेदनशील पुलों का प्राथमिकता के आधार पर मरम्मत और आवश्यकता आधारित निर्माण कराया जाएगा।