ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: घरेलू विवाद के बाद महिला ने उठाया खौफनाक कदम, बेवजह तानों ने बर्बाद कर दी कई जिंदगियां Rapid Metro Time Table: बिहार की पहली रैपिड मैट्रो का आ गया टाइम टेबल, 24 अप्रैल को पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन Pope Francis Passes Away: 88 साल की उम्र में ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का निधन, फेफड़ों और किडनी में था गंभीर संक्रमण Bihar News: रेलवे ट्रैक पर जा फंसा बेलगाम ट्रक, तीन घंटे तक कई महत्वपूर्ण ट्रेनें बाधित IAS Ananya Singh: कौन हैं महिला IAS अफसर 'अनन्या सिंह' जो बंगाल से बिहार आई हैं ? पहले प्रयास में ही UPSC में मिली थी सफलता Bihar minor girl trafficking: बिहार की गरीब लड़कियाँ बन रही हैं मानव तस्करी का शिकार... हरियाणा और राजस्थान में बेच रहे हैं दलाल! Bihar Transfer-Posting: बिहार प्रशासनिक सेवा के 10 अफसरों का ट्रांसफर, पूरी लिस्ट देखें.... Bihar News: जमीन कब्जे को लेकर हथियारों से लैस दबंगों का उत्पात, कई महिलाएं गंभीर रूप से घायल Bihar Transfer-Posting : बिहार के एक SDO ने नौकरी क्यों छोड़ दी..? नीतीश सरकार ने दी स्वैच्छिक सेवानिवृति Bihar Ias Transfer: नीतीश सरकार ने दो आईएएस अफसरों का किया ट्रांसफर, पश्चिम बंगाल कैडर की इस महिला IAS को दी यह जिम्मेदारी...

बिहार का ये पुल बन जाएगा इतिहास! ध्वस्त हो रहा है ब्रिटिश काल का जुबली वेल रेलवे ब्रिज

बिहार का ऐतिहासिक जुबली वेल रेलवे पुल अब इतिहास बन गया है। सोमवार देर रात से इसे हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 1853 में बने इस पुल को 2016 से हटाने की योजना थी। इसकी जगह एक नया ब्रिज बनाया गया है।

बिहार का ये पुल बन जाएगा इतिहास! ध्वस्त हो रहा है ब्रिटिश काल का जुबली वेल रेलवे ब्रिज

बिहार के मुंगेर जिले के जमालपुर में अंग्रेजों के जमाने में बना ऐतिहासिक जुबली वेल रेलवे पुल अब इतिहास बन जाएगा। सोमवार की देर रात से इस पुल को तोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसे चरणबद्ध तरीके से हटाया जा रहा है, जिसमें मेगा ब्लॉक लेकर सुपर स्ट्रक्चर को हटाने का काम किया जा रहा है। हालांकि इस तोड़फोड़ से न तो ट्रेन परिचालन प्रभावित होगा और न ही आम लोगों की आवाजाही पर कोई असर पड़ेगा।


जुबली वेल रेलवे ओवर ब्रिज संख्या 215 का निर्माण अंग्रेजों के जमाने में ईस्ट इंडिया कंपनी ने करवाया था। रेलवे इंजीनियरिंग विभाग के अनुसार इस पुल का निर्माण वर्ष 1853 के आसपास हुआ था। उस समय लोहे के पुल बनाने का चलन शुरू हो गया था। रेलवे के नियमों के अनुसार 100 साल पूरे कर चुके पुल सुरक्षित नहीं माने जाते हैं और यह पुल 150 साल से भी ज्यादा पुराना था। 2


रेलवे विभाग ने 2016 में इस पुल को हटाने की योजना पर काम करना शुरू किया था। इसी बीच पुराने पुल के समानांतर एक नया पुल भी बनाया गया, जिसकी खासियत यह है कि इसमें कोई पिलर नहीं है। इससे रेलवे ट्रैक और पुल की मजबूती बनी रहेगी।


सोमवार रात 11:15 बजे से 1:15 बजे तक मेगा ब्लॉक लिया गया, ताकि पुल के सुपर स्ट्रक्चर को हटाया जा सके। अगले कुछ दिनों तक रात में मेगा ब्लॉक लेकर ध्वस्तीकरण जारी रहेगा।


सूत्रों के अनुसार पुल को हटाने के लिए एक निजी एजेंसी से 300 टन क्षमता वाली क्रेन मंगवाई गई है। इसकी मदद से पुल के बड़े गर्डर को हटाया जाएगा। फिलहाल गैस कटर से पुल के अलग-अलग हिस्सों को काटकर हटाने का काम किया जा रहा है।