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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 25 Mar 2025 08:25:39 AM IST
Bihar School News - फ़ोटो file photo
Bihar School News : बिहार में हर दिन किसी न किसी मुद्दे को लेकर चर्चा का बाजार गर्म ही रहता है। ऐसे में अब चुनावी साल है तो हर छोटे-छोटे मुद्दे को भी लोग बड़ा बनाकर परोसने में लगे हुए हैं। इस तमाम बातों के बीच सूबे के अंदर इन दिनों शिक्षा विभाग की काफी चर्चा हो रही है। इसकी वजह विभाग के अपर मुख्य सचिव के दावे और उनकी हकीकत में काफी बड़ा अंतर का होना है। अब कुछ ऐसा ही मामला मुंगेर से आया है।
सूबे के अंदर इन दिनों हाई स्कूल में नौवीं के बच्चों की तिमाही परीक्षा चल रही है। ऐसे में अब सूबे के अंदर संस्कृत विषय के सवाल में इस्लाम से जुड़ें एक या दो नहीं बल्कि पांच-पांच सवाल पूछे गए हैं। इसके बाद अब इसको लेकर सनातन संस्कृति को मानने वाले लोगों में आक्रोश का भावना व्याप्त हो गया है। उनका कहना है कि अब बिहार सरकार और शिक्षा विभाग चाहती है कि हमलोग संस्कृत विषय में उर्दू और नमाज पढ़ें।
इनलोगों का कहना है कि सूबे के अंदर जब उर्दू स्कूल है और इसके अलग शिक्षक भी बहाल होते हैं तो संस्कृत विषय में उर्दू या इस्लाम से जुड़े सवालों को शामिल करने की क्या जरूरत है। यह हिन्दू समाज की देव भाषा है इसमें किसी भी तरह का बदलाव होना उचित नहीं है। संस्कृत के विषय में उर्दू का सवाल का शामिल होना जायज नहीं है। लोगों का कहना है कि संस्कृत विषय में इस्लाम धर्म से जुड़े सवाल पूछने का क्या औचित्य है। क्या सरकार संस्कृत को भी इस्लामी कारण करने में लगे हुए हैं।
लोगों ने कहा कि इस तरह के सवाल को संस्कृत के प्रश्न पत्र में शामिल करने वाले लोगों को चिन्हित करते हुए करवाई किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मस्जिद में रामायण आदि का पाठ पढ़ाया जाता है क्या? अगर नहीं तो संस्कृत पढ़ने वाले छात्र इस्लाम धर्म से जुड़े सवालों का जवाब कैसे दे पाएंगे। इस तरह के प्रश्न को संस्कृत विषय में शामिल कर लोगों के बीच बाय मानसिकता फैलाने का काम सरकार कर रही है।
इस तरह के सवाल पर सनातन धर्म के लोगों को है आपत्ति : -
01. फितरा कब और किसे दिया जाता है?
02 .रोजा में व्रती पूरा दिन क्या करते हैं?
03. ईद के अवसर पर दिए जाने वाले दान को क्या कहते हैं?
04. रमजान में किसे देखकर रोजा रखा जाता है?
05. ईद में किस पकवान की प्रधानता होती है?
इधर, वेदाचार्य ब्रजेश कुमार मिश्रा ने सरकार के ऊपर सवाल करते हुए कहा कि आज 09वीं कक्षा के संस्कृत विषय की परीक्षा आयोजित की गई है।जिसमें कुल पांच प्रश्न इस्लाम धर्म से जुड़े हुए हैं।संस्कृत पढ़ने वाले छात्र इस तरह के सवाल का जवाब कैसे दे पाएंगे।क्या यह संभव है कि उर्दू के प्रश्नपत्र में यह पूछा जाए कि राजाराम के जीवन पर आप टिप्पणी करिए या शुभासितानी या नीतीश्लोक पूछा जाए।उन्होंने कहा कि बिहार की शिक्षा पद्धति क्या है और इस प्रश्न बनाने वाले कौन हैं और उनकी मंशा क्या है।क्या हिंदुत्व को सरकार खत्म करना चाहती है।
आपको बताते चलें कि 09वीं कक्षा के संस्कृत में एक अध्याय प्यूषम है जिसमें इस्लाम धर्म से जुड़े बातों का जिक्र किया गया है।संस्कृत विषय को पढ़ाने वाले शिक्षकों का मानना है कि इसी अध्याय से इस तरह के प्रश्न को परीक्षा में शामिल किया जाता है।