ब्रेकिंग न्यूज़

GOPALGANJ: हर्निया के ऑपरेशन के बाद मरीज की संदिग्ध मौत, डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही का आरोप IIITM ग्वालियर ने प्लेसमेंट में मारी बाजी: 38 छात्रों को 50 लाख+ पैकेज, Google-Microsoft से ऑफर तमिलनाडु से बिहार आ रहा दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग, महाबलीपुरम में 10 साल से हो रहा था निर्माण, इतने रूपये लगे बनाने में Bihar News: बिहार में अब ऐसे शिक्षकों का काटा जाएगा वेतन, इस जिले से शिक्षा विभाग का एक्शन शुरू बेतिया में ITBP जवान ने खुद को गोली मारी, मौके पर ही मौत, घटना का कारण पता लगाने में जुटी पुलिस रोहतास में 9 फीट का मिला अजगर, देखने के लिए उमड़ी भारी भीड़, स्नेक कैचर ने किया रेस्क्यू Bihar News: बिहार के इस जिले में SSP का ताबड़तोड़ एक्शन, 24 घंटे में 40 अपराधी गिरफ्तार Bihar Assembly Election 2025 : बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) को सम्मानित करेगी BJP, जानिए क्या है पार्टी का पूरा प्लान BSSC CGL-4 : BSSC CGL-4 और ऑफिस अटेंडेंट भर्ती 2025 में वैकेंसी बढ़ी, अब आवेदन की अंतिम तिथि 24 नवंबर Lalganj Sarai accident : लालगंज–सराय मार्ग पर बाइक टक्कर, एक युवक की मौत, दो गंभीर रूप से घायल

सरकारी दावों की खुली पोल: मधुबनी में बुजुर्ग महिला को एंबुलेंस की जगह ई-रिक्शा से पहुंचाया गया घर

महिला के बेटे संजय बताया कि 102 पर कॉल किया लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला। थक हारकर ई-रिक्शा पर ऑक्सीजन सिलेंडर रखकर मां को ऑक्सीजन लगाकर घर लाया गया। इस दौरान भारी परेशानियों का सामना भी करना पड़ गया।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 16 Mar 2025 10:23:59 PM IST

BIHAR

स्वास्थ्य व्यवस्था की खुली पोल - फ़ोटो GOOGLE

MADHUBANI: बिहार के स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था एक बार फिर उजागर हुई है। मधुबनी सदर अस्पताल में एक 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला को सांस और पेट की गंभीर समस्या के कारण परिजन इलाज के लिए ले गए। सुबह 10:45 बजे इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि अस्पताल में वेंटिलेशन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है और महिला को रेफर कर दिया।


महिला के परिजन, अधिवक्ता संजय कुमार, उन्हें घर ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था करना चाहते थे। लेकिन अस्पताल कर्मियों ने उनकी कोई मदद नहीं की। यहां तक कि अस्पताल में एंबुलेंस उपलब्ध होने के बावजूद कोई रिस्पांस नहीं मिला। 102 नंबर पर भी कॉल किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया।


आखिरकार, लाचार संजय कुमार को अपनी मां को ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ ई-रिक्शा में घर ले जाना पड़ा। सड़क पर हिचकोले खाते हुए बुजुर्ग महिला को इस हाल में देखना स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को दर्शाता है। सरकार लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के दावे करती है, लेकिन यह घटना उन दावों की पोल खोल रही है। अब सवाल यह उठता है कि क्या इस तस्वीर के सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन कोई कार्रवाई करेगा? क्या लापरवाह कर्मियों और 102 कॉल अटेंड न करने वाले ऑपरेटर पर कोई कार्रवाई होगी? यह देखने वाली बात होगी।