ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: बिहार में स्कूल जा रही छात्राओं पर टूटकर गिरा बिजली का हाई टेंशन तार, हादसे में एक लड़की की मौत; कई झुलसीं Home Minister Bihar : गृह मंत्री सम्राट चौधरी का तीन महीने का अल्टीमेटम, DGP को मिले 5 बड़े टारगेट; पढ़िए क्या है पूरी खबर Patna news: पटना में ऑटो स्टैंड और वेंडरों की व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन सक्रिय, नगर आयुक्त और DM-SSP ने किया निरीक्षण; दिए यह निर्देश Patna news: पटना में ऑटो स्टैंड और वेंडरों की व्यवस्था को लेकर जिला प्रशासन सक्रिय, नगर आयुक्त और DM-SSP ने किया निरीक्षण; दिए यह निर्देश बिहार में नए साल के जश्न की तैयारी: ट्रक से 50 लाख से अधिक की शराब बरामद, सड़े हुए आलू में छिपाकर रखी थी बड़ी खेप बिहार में नए साल के जश्न की तैयारी: ट्रक से 50 लाख से अधिक की शराब बरामद, सड़े हुए आलू में छिपाकर रखी थी बड़ी खेप Patna tourism : पटना के मरीन ड्राइव पर दिखेगा बदला नजारा,पर्यटन और सांस्कृतिक पहचान को मिलेगा नया आयाम JDU leader arrest : नचनिया के ठुमके पर हर्ष फायरिंग, शादी में युवक घायल; जदयू नेता को पुलिस ने हिरासत में लिया Bihar Police Conference: सीमांचल में राज्य स्तरीय पुलिस कॉन्फ्रेंस की तैयारियां तेज, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हो सकते हैं शामिल Bihar Police Conference: सीमांचल में राज्य स्तरीय पुलिस कॉन्फ्रेंस की तैयारियां तेज, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हो सकते हैं शामिल

सरकारी दावों की खुली पोल: मधुबनी में बुजुर्ग महिला को एंबुलेंस की जगह ई-रिक्शा से पहुंचाया गया घर

महिला के बेटे संजय बताया कि 102 पर कॉल किया लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला। थक हारकर ई-रिक्शा पर ऑक्सीजन सिलेंडर रखकर मां को ऑक्सीजन लगाकर घर लाया गया। इस दौरान भारी परेशानियों का सामना भी करना पड़ गया।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 16 Mar 2025 10:23:59 PM IST

BIHAR

स्वास्थ्य व्यवस्था की खुली पोल - फ़ोटो GOOGLE

MADHUBANI: बिहार के स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था एक बार फिर उजागर हुई है। मधुबनी सदर अस्पताल में एक 90 वर्षीय बुजुर्ग महिला को सांस और पेट की गंभीर समस्या के कारण परिजन इलाज के लिए ले गए। सुबह 10:45 बजे इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि अस्पताल में वेंटिलेशन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है और महिला को रेफर कर दिया।


महिला के परिजन, अधिवक्ता संजय कुमार, उन्हें घर ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था करना चाहते थे। लेकिन अस्पताल कर्मियों ने उनकी कोई मदद नहीं की। यहां तक कि अस्पताल में एंबुलेंस उपलब्ध होने के बावजूद कोई रिस्पांस नहीं मिला। 102 नंबर पर भी कॉल किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया।


आखिरकार, लाचार संजय कुमार को अपनी मां को ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ ई-रिक्शा में घर ले जाना पड़ा। सड़क पर हिचकोले खाते हुए बुजुर्ग महिला को इस हाल में देखना स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को दर्शाता है। सरकार लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के दावे करती है, लेकिन यह घटना उन दावों की पोल खोल रही है। अब सवाल यह उठता है कि क्या इस तस्वीर के सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन कोई कार्रवाई करेगा? क्या लापरवाह कर्मियों और 102 कॉल अटेंड न करने वाले ऑपरेटर पर कोई कार्रवाई होगी? यह देखने वाली बात होगी।