Bihar News: जहानाबाद में सड़क के बीच पेड़ मामले में RCD ने किए सुरक्षात्मक उपाय, बैरिकेटिंग से लेकर ट्री रिफ्लेक्टर लगाये गये...जन-सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता

जहानाबाद में सड़क के बीच पेड़ का मामला सामने आने के बाद पथ निर्माण विभाग ने सुरक्षा के उपाय किए हैं. पटना-गया रोड पर दुर्घटना रोकने के लिए सुरक्षा घेराबंदी, संकेत बोर्ड और रिफ्लेक्टर जैसे मानक उपाय किए गए हैं.

1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Fri, 04 Jul 2025 04:42:08 PM IST

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सुरक्षात्मक उपाय के बाद सड़क की तस्वीर - फ़ोटो Google

Bihar News: पथ निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने सुरक्षात्मक उपाय कर लिए हैं. मानक के अनुसार सारे कार्य कर लिए गए हैं. अब सड़क दुर्घटना जैसी बात नहीं होगी. जहानाबाद में सड़क के बीच पेड़ का वीडियो सामने आने के बाद विभाग के इंजीनियरों की देखरेख में दुर्घटना रोकने को लेकर मानक के अनुरूप सुरक्षा के उपाय किए गए हैं.   

जन-सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए किए गए सुरक्षा उपाय

पटना-गया मुख्य मार्ग की सड़क निर्माण परियोजना जो जहानाबा एनएच 83 का लेफ्ट आउट रोड करीब 7.48 किलोमीटर लंबी है, इसमें लगभग 300 मीटर में कुछ पेड़ों को हटाये बिना ही सड़क बनी है. लिहाजा सड़क के बीचो बीच कई पेड़ आ गए. जिससे दुर्घटना की आशंका बन गई थी. सड़क का वीडियो सामने आने के बाद विभाग ने संज्ञान लिया और तत्काल सुरक्षात्मक उपाय किए हैं. अब पेड़ के किनारे से सड़क की घेराबंदी की गई है,ताकि दुर्घटना न हो. सड़क पर खतरा का निशान प्रदर्शित किया गया है, ताकि दूर से ही वाहन चालक देख सकें. जन-सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करने के लिए त्वरित सुरक्षा उपाय किए गए हैं. सभी संबंधित पेड़ों पर ट्री रिफ्लेक्टर लगाये गये हैं, जिससे रात्रिकालीन दृश्यता सुनिश्चित हो सके. साथ ही पथ के दोनों तरफ प्लास्टिक डेलिनियेटर एवं रिफ्लेक्टर युक्त बिटुमिन ड्रम लगाए गए हैं. 

कई तरह की परेशानी की वजह से काम लंबित 

बता दें, वन विभाग से अनुमति न मिलने के कारण सड़क निर्माण में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पेड़ों के स्थानांतरण के लिए वन विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र की प्रतीक्षा की जा रही है . हालांकि 300 मीटर में सड़क बनी, जिसमें कई पेड़ बीच में आ गए हैं. सड़क निर्माण का कार्य अप्रैल 2023 में शुरू हुआ था और अप्रैल 2025 तक पूर्ण होना था. लेकिन कई तरह के व्यवधान उत्पन्न हुए, इस वजह से काम अधूरा है. अभी तक मात्र 37 फीसदी कार्य ही पूर्ण हो पाया है.   

वन विभाग ने नहीं दिया एनओसी

पथ निर्माण विभाग का कहना है कि काफी पहले ही पेड़ों की कटाई के लिए वन विभाग से NOC मांगी गई थी, लेकिन अब तक उसे मंजूरी नहीं मिली. वन विभाग की ओर से 14 हेक्टेयर भूमि मुआवजे के रूप में मांगी गई थी, जिला प्रशासन द्वारा वन विभाग को 14 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध करा दिया गया है.