ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: पटना से जमुई जा रही 22 वर्षीय युवती एक महीने से लापता, अनहोनी की आशंका से सहमे परिजन; केस तक दर्ज नहीं Bihar News: महिला SDO के खिलाफ एक्शन ! DCLR रहते ऐसा क्या किया जिसके बाद शुरू हुई विभागीय कार्यवाही ? जानें.... Patna Crime News: पटना पॉश इलाके में दिनदहाड़े 18.5 लाख लूट की कोशिश, ज्वेलर्स के कर्मचारियों ने दिखाई बहादुरी Patna Crime News: पटना पॉश इलाके में दिनदहाड़े 18.5 लाख लूट की कोशिश, ज्वेलर्स के कर्मचारियों ने दिखाई बहादुरी Bihar Crime News: कोचिंग जा रही छात्रा को टीचर ने मारी गोली, शिक्षक के लव अफेयर में बन रही थी रोड़ा Bihar News: बिहार के इस रेलवे स्टेशन पर महिला यात्री ने दिया बच्चे को जन्म, ट्रेन में ही शुरू हुई थी प्रसव पीड़ा Bihar Crime News: बिहार में शराबबंदी की हवा निकाल रहे अधिकारी, केंद्र सरकार के अफसर समेत पांच लोग अरेस्ट; शराब पार्टी करते पुलिस ने दबोचा Bihar Crime News: बिहार में शराबबंदी की हवा निकाल रहे अधिकारी, केंद्र सरकार के अफसर समेत पांच लोग अरेस्ट; शराब पार्टी करते पुलिस ने दबोचा Success Story: पांच बार असफल होने के बाद भी नहीं टूटा हौसला, छठे प्रयास में IAS अधिकारी बनें विशाल नरवाडे Viral Video: चाचा विधायक हैं, गाड़ी फ्री में जाएगी.. बीजेपी MLA के भतीजे की टोल प्लाजा पर गुंडागर्दी, वीडियो वायरल

Janmashtami 2025: इस बार कब है श्रीकृष्ण जन्माष्टमी? जानिए... शुभ मुहूर्त और व्रत विधि

Janmashtami 2025: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025 इस साल कब मनाई जाएगी। जानिए अष्टमी तिथि, पूजन मुहूर्त, व्रत विधि और भगवान कृष्ण के जन्म से जुड़ी पौराणिक कथा।

Janmashtami 2025

11-Aug-2025 10:04 AM

By First Bihar

Janmashtami 2025:श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, जो भगवान विष्णु के आठवें अवतार भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है, इस वर्ष 16 अगस्त 2025 (शनिवार) को पूरे देश में श्रद्धा, भक्ति और उल्लास के साथ मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह पर्व भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र के संयोग में मनाया जाता है। मान्यता है कि इसी दिन रात्रि 12 बजे, रोहिणी नक्षत्र के दौरान भगवान कृष्ण का जन्म मथुरा की कारागार में माता देवकी और पिता वासुदेव के घर हुआ था।


इस वर्ष अष्टमी तिथि की शुरुआत 15 अगस्त की रात 11:49 बजे से होगी और इसका समापन 16 अगस्त की रात 9:34 बजे पर होगा। जबकि जन्माष्टमी पूजन का शुभ मुहूर्त 16 अगस्त की रात 12:04 से 12:47 बजे तक रहेगा, जिसकी कुल अवधि 43 मिनट की होगी। वहीं रोहिणी नक्षत्र 17 अगस्त की सुबह 4:38 बजे से शुरू होकर 18 अगस्त की सुबह 3:17 बजे तक रहेगा।


पूजा विधि की बात करें तो इस दिन व्रती सूर्योदय से पूर्व स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करते हैं और घर के मंदिर में या किसी पवित्र स्थान पर श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र का गंगाजल, दूध और पंचामृत से अभिषेक करते हैं। इसके बाद श्रीकृष्ण को नव वस्त्र, फूलों की माला, माखन-मिश्री, फल और मिठाई का भोग अर्पित किया जाता है। रात 12 बजे विशेष आरती की जाती है, जिसमें भक्त भजन, कीर्तन और शंख-घंटी के साथ भगवान के जन्म का स्वागत करते हैं।


व्रत रखने वाले लोग दिन भर अनाज का सेवन नहीं करते, और पारण में फलाहार, कुट्टू के आटे, सिंघाड़े के आटे से बने व्यंजन ग्रहण करते हैं। उपवास का उद्देश्य आत्म-शुद्धि, संयम और भक्ति का अभ्यास है। इस पर्व के धार्मिक महत्व के साथ-साथ इसकी पौराणिक कथा भी अत्यंत रोचक और प्रेरणादायक है। कथा के अनुसार, मथुरा के क्रूर राजा कंस को भविष्यवाणी हुई थी कि उसकी बहन देवकी का आठवां पुत्र उसकी मृत्यु का कारण बनेगा। 


भयभीत होकर उसने देवकी और वासुदेव को जेल में डाल दिया और उनके पहले सात बच्चों की हत्या कर दी। जब आठवें संतान के रूप में भगवान कृष्ण का जन्म हुआ, तो चमत्कारी रूप से जेल के दरवाजे स्वयं खुल गए, और वासुदेव बालक कृष्ण को टोकरी में लेकर यमुना पार गोकुल में नंद-यशोदा के घर छोड़ आए।


बचपन में ही कृष्ण ने अनेक चमत्कार किए, पूतना, तृणावर्त, शकटासुर जैसे राक्षसों का वध किया, और अंततः मथुरा लौटकर कंस का संहार कर अधर्म का नाश और धर्म की स्थापना की। देशभर में यह पर्व विशेष रूप से मथुरा, वृंदावन, द्वारका और इस्कॉन मंदिरों में भव्य रूप से मनाया जाता है, जहां झांकियां, रासलीला, झूला उत्सव, और भजन-कीर्तन का आयोजन होता है। कृष्ण भक्त पूरी रात जागरण करते हैं और श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का दर्शन कर पुण्य प्राप्त करते हैं। जन्माष्टमी न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से प्रेरणा लेने, धर्म, सत्य और प्रेम के मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देता है।