ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar News: नौकरी जॉइन करेंगी डॉक्टर नुसरत? हिजाब विवाद पर सहेली ने दिया जवाब Bihar News: बिहार में स्कॉर्पियो और स्कूल वैन की जोरदार टक्कर, हादसे में 6 बच्चों समेत 10 लोग घायल Bihar Bhumi: बिहार में सरकारी जमीन के अवैध खरीद-बिक्री पर तत्काल रोक, भू-माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश Bihar Bhumi: बिहार में सरकारी जमीन के अवैध खरीद-बिक्री पर तत्काल रोक, भू-माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश Bharti Singh Second Baby: कॉमेडी क्वीन भारती सिंह ने दी दूसरी बार खुशखबरी, घर आया नन्हां मेहमान BTSC Result 2025: बिहार BTSC ड्रेसर रिजल्ट जारी, यहां देखें परिणाम सासाराम: IPL में चयन के बाद होम ग्राउंड पर तेज़ गेंदबाज़ आकाशदीप बहा रहे पसीना, बिहार के इस क्रिकेटर पर KKR ने लगाई 1 करोड़ की बोली UPSC Engineering Services 2025: बिहार के उम्मीदवारों ने UPSC ESE में मचाया धमाल, पटना के राजन कुमार और उत्कर्ष पाठक बने टॉपर Free Electricity Scheme: बिहार में 125 यूनिट फ्री बिजली योजना से लोग गदगद, पीएम सूर्य घर योजना की लोकप्रियता घटी Free Electricity Scheme: बिहार में 125 यूनिट फ्री बिजली योजना से लोग गदगद, पीएम सूर्य घर योजना की लोकप्रियता घटी

Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में डोरमैट का महत्व और सही रंग का चुनाव

घर में वास्तु शास्त्र का पालन करने से न केवल सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, बल्कि यह समृद्धि और सुख-शांति का भी कारण बनता है। घर के मुख्य द्वार पर डोरमैट रखना एक सामान्य सी बात लगती है, लेकिन वास्तु शास्त्र में इसका भी विशेष महत्व है।

Vastu Tips

08-Jan-2025 08:50 AM

By First Bihar

Vastu Tips: सनातन धर्म में घर की हर वस्तु और संरचना का गहरा संबंध वास्तु शास्त्र से होता है। घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बनाए रखने और सुख-समृद्धि के लिए वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसी के तहत, घर के मुख्य द्वार पर डोरमैट रखने का भी विशेष महत्व है। डोरमैट न केवल घर में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों को स्वागत करता है, बल्कि यह घर के अंदर की ऊर्जा को भी प्रभावित करता है। आइए जानते हैं कि डोरमैट का रंग और दिशा के अनुसार क्या महत्व है।


1. पूर्व दिशा के लिए डोरमैट का रंग:

यदि आपके घर का मुख्य द्वार पूर्व दिशा में खुलता है, तो इसे वास्तु शास्त्र में अत्यधिक शुभ माना जाता है। पूर्व दिशा से सूर्य की किरणें हमारे जीवन में नई ऊर्जा, शक्ति और आत्मविश्वास का संचार करती हैं। इस दिशा में मैरून या बादामी रंग का डोरमैट रखना शुभ होता है। यह रंग समृद्धि, खुशी और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है, जो परिवार में सुख और समृद्धि लाने में मदद करता है।


2. पश्चिम दिशा के लिए डोरमैट का रंग:

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पश्चिम दिशा को पृथ्वी तत्व से संबंधित माना गया है, जो संतुलन और स्थिरता का कारक है। यदि आपके घर का मुख्य द्वार पश्चिम दिशा में खुलता है, तो भूरा या मिट्टी रंग का डोरमैट रखना चाहिए। यह रंग सुरक्षा, समृद्धि और स्थिरता का प्रतीक है, जो घर में धन-वैभव और शांति लाता है।


3. उत्तर दिशा के लिए डोरमैट का रंग:

उत्तर दिशा को वास्तु शास्त्र में जल तत्व से संबंधित माना गया है और यह बुध ग्रह के प्रभाव में रहती है। यदि आपके घर का मुख्य द्वार उत्तर दिशा में है, तो गहरे नीले या नीले रंग का डोरमैट रखना शुभ माना जाता है। यह रंग नौकरी, व्यापार और आर्थिक उन्नति के लिए लाभकारी होता है।


4. दक्षिण दिशा के लिए डोरमैट का रंग:

दक्षिण दिशा का संबंध अग्नि तत्व से होता है और यह मंगल ग्रह के प्रभाव में रहती है, जिसका रंग लाल होता है। इसलिए, यदि आपके घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में है, तो लाल रंग का डोरमैट रखना उपयुक्त रहता है। यह रंग सफलता, आत्मविश्वास और उन्नति लाता है, जिससे जीवन में सकारात्मक बदलाव होते हैं।


5. डोरमैट का रखरखाव और आकार:

डोरमैट का आकार दरवाजे के आकार से मेल खाना चाहिए। न तो वह बहुत बड़ा हो और न ही छोटा। साथ ही, इसे नियमित रूप से साफ रखना चाहिए ताकि वह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित न करे। पुराने और गंदे डोरमैट को समय-समय पर बदलते रहना चाहिए, क्योंकि ये नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकते हैं।


वास्तु शास्त्र के अनुसार, डोरमैट का रंग और आकार घर की सकारात्मक ऊर्जा को प्रभावित करता है। सही रंग का चुनाव और उचित रखरखाव आपके घर में सुख-शांति, समृद्धि और खुशियों का संचार करता है। इसलिए, वास्तु के अनुसार घर में डोरमैट का उपयोग करते हुए आप अपनी जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।