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Premanand Maharaj: बाबा प्रेमानंद जी के अनुसार इन 7 जगहों पर मौन रहना है जरूरी

संत प्रेमानंद महाराज के अनुसार, कुछ विशेष अवसरों पर मौन रखना अत्यंत लाभकारी होता है। उनका कहना है कि बोलने और चुप रहने की कला इंसान के व्यक्तित्व का आईना होती है।

Premanand Maharaj

06-Jan-2025 07:30 AM

By First Bihar

Premanand ji Maharaj: धर्मगुरु और वृंदावन के प्रसिद्ध संत बाबा प्रेमानंद जी का कहना है कि इंसान को कभी-कभी चुप रहना बहुत लाभकारी हो सकता है। उनके अनुसार, कुछ विशेष स्थानों पर मौन रहना न केवल मानसिक शांति लाता है, बल्कि यह करियर और लाइफ में भी सकारात्मक बदलाव ला सकता है। उन्होंने बताया कि कुछ समय ऐसे होते हैं जब बोलने से बचना चाहिए।


बाबा प्रेमानंद जी ने 7 ऐसी जगहों का उल्लेख किया है, जहां मौन रहना चाहिए:

माला जाप करते समय: माला जाप के दौरान मनुष्य को बोलने से बचना चाहिए, ताकि भक्त और भगवान के बीच संबंध मजबूत हो सके।

भोजन करते समय: खाना खाते वक्त मौन रहना चाहिए ताकि भोजन सही तरीके से पच सके।

गुस्से के वक्त: गुस्से में मौन रहना चाहिए क्योंकि गुस्से में बोलने से जीवन में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

शौच के वक्त: शौचालय में भी मौन रहना चाहिए, ताकि मानसिक और शारीरिक शांति बनी रहे।

रास्ते में चलते हुए: रास्ते में चलते वक्त बोलने से बचें और यदि जरूरी हो तो कहीं रुककर बात करें।

स्नान करते समय: स्नान के दौरान भी मौन रहना चाहिए, लेकिन राधा नाम का जाप किया जा सकता है।

यज्ञ के दौरान: यज्ञ हवन के वक्त सिर्फ ध्यान और प्रार्थना में लीन रहना चाहिए, और कोई अनावश्यक बात नहीं करनी चाहिए।

इन जगहों पर मौन रहकर जीवन में शांति और समृद्धि लाई जा सकती है, ऐसा बाबा प्रेमानंद जी का मानना है।


प्रेमानंद जी के अनुसार, इन स्थितियों में मौन रहकर हम न केवल अपनी जीवनशक्ति को बढ़ाते हैं, बल्कि अपने मानसिक संतुलन को भी बनाए रखते हैं।