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Lohri 2025: सूर्य देव के 108 नामों का जाप और शुभता के लिए मंत्र, जानें इसका महत्व

लोहड़ी का पर्व खासतौर पर कृषि आधारित समाजों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह फसल की कटाई के समय मनाया जाता है। यह पर्व सर्दियों के मौसम के अंत और गर्मियों की शुरुआत का प्रतीक है।

Lohri 2025:

13-Jan-2025 07:40 AM

By First Bihar

Lohri 2025: लोहड़ी एक प्रमुख पर्व है जो खासकर उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में मनाया जाता है, खासकर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में। यह पर्व हर साल मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है, जो ठंड के मौसम के समाप्त होने और गर्मियों की शुरुआत का प्रतीक है। लोहड़ी का पर्व मुख्य रूप से कृषि समुदाय के लिए होता है, क्योंकि यह फसल के मौसम की शुरुआत का संकेत देता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा और उनके 108 नामों का जाप विशेष महत्व रखता है, जो घर में सुख-समृद्धि और शुभता लाने का कारण बनता है।


लोहड़ी का महत्व

लोहड़ी के दिन सूर्य देव की पूजा करने की परंपरा है, क्योंकि यह दिन सूर्य की दिशा में बदलाव का प्रतीक है। इस दिन सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश करने से दिन लंबे और रातें छोटी हो जाती हैं। इस दिन सूरज को अर्घ्य देने से व्यक्ति की सभी परेशानियों का नाश होता है और जीवन में खुशहाली आती है। लोहड़ी का पर्व विशेष रूप से किसान वर्ग के लिए आनंद का प्रतीक होता है क्योंकि यह उनके मेहनत के फल की शुरुआत है।


इस दिन विशेष रूप से तिल, गुड़, रेवड़ी और मूंगफली जैसी चीज़ों का सेवन किया जाता है, जो गर्मी को दूर करने और शारीरिक ऊर्जा को बढ़ाने का काम करती हैं। लोहड़ी की रात को आग जलाकर उसके चारों ओर घूमना और सूर्य देव का धन्यवाद करना शुभ माना जाता है।


सूर्य देव के 108 नामों का जाप

लोहड़ी के दिन सूर्य देव के 108 नामों का जाप करने से जीवन में समृद्धि और शुभता आती है। सूर्य देव को प्रात: समय में अर्घ्य देने और उनके नामों का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। इन 108 नामों का जाप करना सूर्य देव की कृपा को प्राप्त करने के लिए किया जाता है।


सूर्य देव के 108 नाम इस प्रकार हैं:

ॐ नित्यानन्दाय नमः

ॐ निखिलागमवेद्याय नमः

ॐ दीप्तमूर्तये नमः

ॐ सौख्यदायिने नमः

ॐ श्रेयसे नमः

ॐ श्रीमते नमः

ॐ अं सुप्रसन्नाय नमः

ॐ ऐं इष्टार्थदाय नमः

ॐ सम्पत्कराय नमः

ॐ हिरण्यगर्भाय नमः

ॐ तेजोरूपाय नमः

ॐ परेशाय नमः

ॐ नारायणाय नमः

ॐ कवये नमः

ॐ सूर्याय नमः

ॐ सकलजगतांपतये नमः

ॐ सौख्यप्रदाय नमः

ॐ आदिमध्यान्तरहिताय नमः

ॐ भास्कराय नमः

ॐ ग्रहाणांपतये नमः

... (और भी 108 नाम हैं)

इन नामों का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि, शांति और सकारात्मकता का वास होता है। यह सूर्य देव की कृपा को आकर्षित करता है और साथ ही व्यक्ति के जीवन में आने वाली समस्याओं का समाधान भी करता है।


लोहड़ी पर सूर्य देव की पूजा और जाप का महत्व

लोहड़ी पर सूर्य देव की पूजा और उनके 108 नामों का जाप करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली परेशानियाँ दूर होती हैं। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए बहुत शुभ होता है जो अपने जीवन में कुछ नया करने की इच्छा रखते हैं या जो किसी कठिनाई से जूझ रहे होते हैं। सूर्य देव की पूजा करने से न सिर्फ मानसिक शांति मिलती है, बल्कि व्यक्ति का आत्मविश्वास भी बढ़ता है।


लोहड़ी के दिन सूर्य देव को तिल अर्पित करना भी शुभ होता है, क्योंकि यह दिन सूर्य देव और शनिदेव के मिलन का दिन माना जाता है। इसी दिन सूर्य देव और शनिदेव के संबंधों में सुधार हुआ था, और तब से तिल अर्पित करने की परंपरा बन गई है।


लोहड़ी का पर्व एक खास अवसर है जब हम सूर्य देव की पूजा कर उनके 108 नामों का जाप करते हैं। यह जाप हमें न केवल आंतरिक शांति और संतुलन प्रदान करता है, बल्कि जीवन में समृद्धि, सफलता और खुशहाली भी लाता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा करने से सभी परेशानियाँ दूर होती हैं और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। इस लोहड़ी पर सूर्य देव की पूजा करें और उनके 108 नामों का जाप करके शुभता का अनुभव करें।