बिहार में ठंड का कहर जारी, पटना-मुजफ्फरपुर-शिवहर-लखीसराय के बाद अब सारण में भी स्कूल बंद, अब इस दिन खुलेगा विद्यालय अरवल पुलिस की बड़ी कार्रवाई, विवाहिता की हत्या के आरोपियों को दबोचा, कारतूस तस्करी का भी किया खुलासा पटना के बाद छपरा में बन रहा डबल डेकर रोड, डीएम और एसएसपी ने निर्माणकार्य में आ रही बाधा का लिया जायजा मुजफ्फरपुर: साले की हत्या के दोषी बहनोई को उम्रकैद, कोर्ट ने लगाया 1 लाख का जुर्माना सहरसा में 25 हजार का इनामी शराब कारोबारी गिरफ्तार, अब संपत्ति जब्त करने की तैयारी Bihar News: फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करने के मामले में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग हुआ सख्त, पटना के इस थाने में केस दर्ज Bihar News: फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करने के मामले में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग हुआ सख्त, पटना के इस थाने में केस दर्ज बिहार में IPS अधिकारियों का प्रमोशन, DG बने कुंदन कृष्णन डॉक्टर की पत्नी ने ससुरालवालों पर किया केस, बोली..पति नपुंसक है, हर रात बनाता है बहाना हाजीपुर रेलवे स्टेशन पर 24 दिसंबर को गर्डर लॉचिंग, ट्रेनों के समय में बदलाव
12-Jan-2025 06:00 AM
By First Bihar
Holashtak 2025: हिंदू धर्म में होलाष्टक का विशेष महत्व है, जो होली से 8 दिन पहले शुरू होता है। यह समय किसी भी प्रकार के शुभ कार्य जैसे शादी, सगाई, मुंडन या अन्य धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए अनुकूल नहीं माना जाता। हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार, होलाष्टक के दौरान सभी आठ ग्रह अशुभ हो जाते हैं, और यदि इस दौरान कोई शुभ कार्य किया जाता है तो उसमें विघ्न आ सकते हैं, साथ ही वह सफल नहीं हो पाते। होलाष्टक की शुरुआत फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि से होती है और इस साल यह 7 मार्च से शुरू हो रहा है, जबकि इसका समापन 13 मार्च को होगा।
होलाष्टक का धार्मिक और पौराणिक महत्व
उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित ग्रह स्थानम के ज्योतिषी अखिलेश पांडेय के अनुसार, होलाष्टक का महत्व हिंदू पंचांग और धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा है। धार्मिक दृष्टिकोण से यह माना जाता है कि होलाष्टक के दौरान भगवान शिव ने कामदेव को भस्म कर दिया था, जिससे प्रेम और सौहार्द का प्रतीक देवता का प्रभाव पृथ्वी पर समाप्त हो गया और इस कारण संसार में शोक का माहौल बना। इसी दौरान भक्त प्रह्लाद को उनके पिता हिरण्यकश्यप द्वारा कठिन यातनाएं दी गई थीं, और यही कारण है कि इन आठ दिनों को अशुभ माना जाता है। इसलिए इन दिनों में कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते।
होलाष्टक के दौरान ग्रहों की स्थिति
होलाष्टक का एक ज्योतिषीय दृष्टिकोण भी है, जिसके अनुसार इन आठ दिनों में सभी ग्रहों की स्थिति उग्र रहती है। इस समय चंद्र, सूर्य, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि और राहु-केतु जैसे ग्रह शुभ प्रभाव नहीं देते, जिससे कोई भी शुभ कार्य के लिए अनुकूल समय नहीं होता।
होलाष्टक के दौरान शुभ कार्यों पर प्रतिबंध लगाने की परंपरा पौराणिक कथाओं, धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिष शास्त्र से जुड़ी है। यह समय किसी भी शुभ कार्य के लिए अनुकूल नहीं माना जाता है, और इस दौरान लोग अपनी पूजा-अर्चना और साधना पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जबकि अन्य धार्मिक कार्यों को टाल देते हैं।