BIHAR NEWS : समस्तीपुर में बवाल: पति-पत्नी की मौत से आक्रोशित भीड़ ने पुलिस पर किया हमला, गाड़ी पलटी Voter Adhikar Yatra: पटना में रैली नहीं, पदयात्रा करेंगे राहुल गांधी और तेजस्वी यादव – वोटर अधिकार यात्रा का बदला समापन प्लान ROAD ACCIDENT : सड़क हादसे में बाइक सवार युवक की मौत, परिवार वालों ने लगाया हत्या का आरोप ROAD ACCIDENT : कोचिंग पढ़ कर घर लौट रहे युवक की सड़क हादसे में मौत, परिजनों ने रखी यह मांग Road Accident: रील बनाते वक्त हुआ सड़क हादसा, दो युवकों की मौत, एक गंभीर घायल IAS Officer : जानिए कौन है डिप्टी सीएम की बेटी के साथ शादी रचाने जा रहे IAS ऑफिसर,पहली बार में ही मिल गई थी सफलता BCCI Pension Scheme: क्रिकेटर को संन्यास के बाद BCCI कितनी देती है पेंशन? जानिए... पूरी डिटेल Bihar land mutation online : “बिहार में जमीन म्यूटेशन का नया सिस्टम लॉन्च, अधिग्रहण के साथ ही होगा दाखिल-खारिज” Bihar Crime News: दूध लाने जा रहे युवक को बदमाशों ने मारी गोली, मां को फोन पर कहा- “मम्मी मुझे गोली लगी है” Patna School Tragedy: : पटना सरकारी स्कूल कांड: पांचवी की छात्रा आग से झुलसी, लोगों ने पुलिस पर बरसाए थप्पड़ और लाठियां
27-Aug-2025 10:19 AM
By First Bihar
Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी का पावन पर्व हर वर्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है और इसकी शुरुआत गणेश चतुर्थी के दिन होती है, जो इस बार 27 अगस्त 2025 (बुधवार) को पड़ रही है। यह उत्सव 10 दिनों तक चलता है और इसका समापन 6 सितंबर 2025 (शनिवार) को अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन के साथ होता है।
गणेश चतुर्थी पर भक्त अपने घरों, मंदिरों और पंडालों में गणपति बप्पा की प्रतिमा की स्थापना कर विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं। यह समय आध्यात्मिक उन्नति, समृद्धि और विघ्नों के नाश का प्रतीक माना जाता है। इस पर्व की सबसे खास बात यह है कि यह पूरे देश में विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है।
गणेश स्थापना से पहले भक्तगण तैयारियों में जुट जाते हैं ताकि पूजन के दिन कोई बाधा न आए। विशेष रूप से पूजा सामग्री की सूची पहले से तैयार कर लेना आवश्यक होता है ताकि पूजा के दौरान कोई भी आवश्यक वस्तु छूट न जाए।
गणेश चतुर्थी पूजा सामग्री लिस्ट
गणेश जी की मिट्टी की प्रतिमा (Eco-friendly प्रतिमा को प्राथमिकता दें)
पूजा का आसन या लकड़ी की चौकी, लाल या पीला कपड़ा
गणेश जी के वस्त्र, जनेऊ का जोड़ा
मिट्टी, तांबे या पीतल का कलश, नारियल, आम के पत्ते
अक्षत (चावल), दूर्वा घास (21 तिनके), पान, सुपारी, लौंग, इलायची
केले और पान के पत्ते, फूल (गेंदे के फूल, गुलाब आदि), पुष्पमाला
धूप, दीपक, घी, कपूर, रूई, माचिस
हल्दी, कुमकुम, रोली, लाल चंदन, पंचमेवा
मोदक, लड्डू, फल (सेब, केला, अनार), मिठाई (बर्फी, पेड़ा आदि)
पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी, शक्कर)
शुद्ध जल, गंगाजल, शंख, घंटी, आरती की थाली
पूजन सामग्री का एक सुंदर थाल एक दिन पहले ही सजा लें। पुष्प और फल पूजा के दिन ही ताजे लाएं।
शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश को तुलसी पत्र अर्पित करना वर्जित माना गया है। बप्पा को 21 दूर्वा के तिनके अत्यंत प्रिय हैं, इन्हें अवश्य चढ़ाएं। भगवान गणेश को मोदक अत्यंत प्रिय हैं। कम से कम 11 या 21 मोदक का भोग अवश्य लगाएं। यह जरूरी नहीं कि 10 दिनों तक व्रत रखा जाए। गणेश पूजन के बाद श्रद्धापूर्वक सात्विक भोजन ग्रहण किया जा सकता है।
विसर्जन के दिन प्रतिमा को श्रद्धापूर्वक, मंत्रोच्चार के साथ जल में प्रवाहित किया जाए। दूर्वा घास और मोदक सबसे जरूरी हैं क्योंकि ये बप्पा को अत्यंत प्रिय हैं। स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त देखकर प्रतिमा की स्थापना करें। सुबह 11:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक का समय शुभ माना गया है (स्थानीय पंचांग से पुष्टि करें)। विसर्जन 6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी पर करें। अगर एक दिन की पूजा कर रहे हैं तो अगले दिन विसर्जन करें।