BIHAR CRIME: गांजा पीने के विवाद में चाय दुकानदार की चाकू गोदकर हत्या, इलाके में हड़कंप होली पर मातम: बहन के ससुराल से घर लौट रहे भाई की दर्दनाक मौत BIHAR NEWS : होली के दिन मातम का माहौल, एक साथ उठी 4 अर्थी; गांव में पसरा सन्नाटा Bihar vidhansabha chunav 2025: बिहार में होली और जुमे पर वोट की राजनीति, लेकिन सियासतदानों की दाल न गली Bihar Teacher News : उर्दू प्रार्थना को लेकर जमकर हुआ विवाद, अब प्रिसिंपल और शिक्षक हुए सस्पेंड Bihar News : मातम में बदला होली का उल्लास, बागमती नदी में डूबने से 12 साल के किशोर की मौत Mathura vrindaban holi 2025: वृंदावन में विधवाओं की ऐतिहासिक होली... 2000 विधवाएं बनाएंगी विश्व रिकॉर्ड UP Police: 27 साल से घरवालों संग होली नहीं मना सके ये पुलिसकर्मी, सुनिए पुलिसवालों का दर्द ROAD ACCIDENT IN BIHAR : मातम में बदला होली की ख़ुशी, सड़क हादसे में दो की मौत; पूर्व मंत्री के घर पसरा सन्नाटा Holi 2025: होली के दौरान आंखों में अबीर पड़ने पर हो सकती है एलर्जी, त्वचा संबंधी परेशानी से इस तरह करें बचाव
13-Feb-2025 12:36 PM
By KHUSHBOO GUPTA
Parliament Budget Session : संसद के बजट सत्र का आज आखिरी दिन है। आज वक्फ संशोधन बिल 2025 की जेपीसी रिपोर्ट को राज्यसभा में पेश किया गया। रिपोर्ट पेश होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। सदन में वक्फ बिल पर जेपीसी रिपोर्ट पेश होने के बाद से ही विपक्षी नेता इसका विरोध कर रहे थे। जब उनकी बात नहीं सुनी गई तो विपक्षी दल चर्चा के बीच ही सदन से बाहर निकल गए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रिपोर्ट को लेकर कहा कि जेपीसी की यह रिपोर्ट फर्जी है, क्योंकि विपक्ष की असहमति को खारिज कर असंवैधानिक तरीके से रिपोर्ट तैयार की गई है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने दावा किया कि सांसदों की राय को दबाया गया है और नॉन स्टेक होल्डर को बाहर से बुलाकर उनका स्टेक ले रहे हैं। खड़गे ने मांग की कि इस रिपोर्ट को वापस जेपीसी में भेजा जाए। वहीं टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने भी आरोप लगाया कि जेपीसी की इस रिपोर्ट में हमारी असहमति टिप्पणियों को शामिल नहीं किया गया।
वहीं, किरेन रिजिजू ने विपक्ष के तमाम आरोपों को खारिज करते हुए उन्हें गलत बताया। रिजिजू ने कहा कि रिपोर्ट में विपक्षी की असहमति भी दर्ज है। वहीं इससे पहले जेपीसी के चेयरमैन जगदम्बिका पाल ने कहा था कि 'हमारे कुछ सदस्य कह रहे हैं कि हमारी असहमति है, हमारी बातें नहीं सुनी गईं। लेकिन उनकी बातें हम छह महीने तक लगातार सुनते रहे। उनके द्वारा सुझाए गए संशोधनों पर हमने वोटिंग की, जो संसद की प्रक्रिया है। किसी भी कानून पर सहमति-असहमति हो सकती है, किसी रिपोर्ट पर भी हो सकती है। इसका तरीका यही है कि उस पर वोट किया जाता है। हमने सभी पर वोट कराया, जो भी बहुमत में था, उसे अपनाया और जो अल्पमत में था, उसे नकारा।'