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28-Jan-2025 10:38 PM
By First Bihar
Corruption in Patna Municipal Corporation: बिहार सरकार के नाक तले पटना नगर निगम में लूट का खुला खेल चल रहा है. नगर निगम प्रशासन ने साफ साफ कहा है कि मेयर सीता साहू के बेटे और बीजेपी नेता शिशिर कुमार ने लूट की सारी हदें पार कर दी हैं. त्रस्त नगर आयुक्त ने नगर विकास विभाग से गुहार लगाई है कि पटना नगर निगम में टेंडर से लेकर एजेंसी चुनने का काम सरकार खुद करे. अगर पटना नगर के जिम्मे ये काम सौंपा गया तो मेयर के बेटे को पैसा वसूलने का मौका मिलेगा. शिशिर कुमार BJP की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य हैं.
पटना नगर आयुक्त कार्यालय की ओर से मीडिया को दी गई जानकारी के मुताबिक ये सूचना मिली है कि महापौर पुत्र शिशिर कुमार द्वारा पटना नगर निगम के विभिन्न वेंडर के अवधि का एक्सटेंशन के नाम से बलपूर्वक राशि की वसूली की जाती है. मेयर के बेटे की डिमांड पूरी होने के बाद ही एक्सटेंशन दिया जाता है. नगर निगम में काम करने वाले कुछ चुने हुए वेंडरों को ही कार्य-विस्तार (एक्सटेंशन) दिया जाता है.
नगर आयुक्त कार्यालय के मुताबिक वेंडरों को एक्सटेंशन के संबंध में पटना नगर निगम कार्यालय द्वारा सशक्त स्थायी समिति के समक्ष अगस्त माह में ही प्रस्ताव रखा गया था, परंतु इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया. नगर निगम प्रशासन की ओर से मीडिया को दी गई जानकारी के मुताबिक मेयर के बेटे ने वेंडरों से इस अवैध राशि की माँग की गई. लेकिन एजेंसी ने पैसा नहीं दिया तो एक्सटेंशन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया.
नगर निगम में लूट की बानगी
पटना नगर निगम का हाल ये है कि पिछले कई महीने से सशक्त स्थायी समिति की बैठक भी नहीं की गई है. निगम के सारे बड़े फैसले यही समिति करती है लेकिन बैठक ही नहीं की जा रही है. नगर निगम के लिए काम कर रही एजेंसी की समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद भी सशक्त स्थाई समिति द्वारा बैठक नहीं किए जाने से सारा काम बाधित हो रहा है.
कई अहम काम रुका
नगर निगम का हाल ये है कि अहम काम करने के लिए नई एजेंसी का चयन भी नहीं हो पा रहा है. मैनपॉवर और ड्राइविंग एजेंसी का कार्यकाल समाप्त हो गया है. नगर आयुक्त द्वारा सशक्त स्थाई समिति को इस संबंध में फाइल भेजी गई लेकिन इसके बाद भी इसे कार्य सूची में भी शामिल नहीं किया गया.
राज्य सरकार खुद कराए काम
नगर आयुक्त कार्यालय की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक इस संबंध में नगर विकास विभाग को प्रस्ताव भेजा जा रहा है कि अब से किसी एजेंसी को टेंडर में ही कार्य-अवधि निर्धारित कर दी जाए और एक्सटेंशन की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया जाय. पटना नगर निगम में अवैध वसूली रोकने के लिए एजेंसी के एक्सटेंशन का अधिकार विभाग को दिया जा रहा है.
इस संबंध में नगर आयुक्त द्वारा पत्र लिखकर सरकार को प्रस्ताव भेजा जा रहा है. दरअसल नगर निगम में काम कर रही एजेंसी के कर्मियों द्वारा लगातार यह आरोप लगाया गया है कि महापौर पुत्र शिशिर कुमार द्वारा पैसे की मांग की जा रही है. लगातार ये शिकायत मिली है कि शिशिर कुमार अवैध रूप से नगर निगम की गतिविधियों में शामिल रहते है और कार्यालय में निजी स्वार्थ के लिये दवाब बनाते है.
BJP का खेल!
बता दें कि पटना नगर निगम की मेयर सीता साहू और उनके बेटे शिशिर कुमार BJP के नेता हैं. शिशिरकुमार बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य हैं. वे संवैधानिक पद पर बैठे एक नेता और राज्य सरकार के एक मंत्री के बेहद करीबी माने जाते रहे हैं. सीता साहू और शिशिर कुमार को लेकर पहले भी गंभीर सवाल उठे हैं लेकिन सत्ता से करीबी होने का लाभ उन्हें मिलता रहा है.
ब्यूरो रिपोर्ट, फर्स्ट बिहार-झारखंड, पटना