Bihar Teacher News: शिक्षक अपना ट्रांसफर चाहते हैं तो इन जिलों का दें विकल्प...आवेदन पर तुरंत होगा विचार, शिक्षा विभाग ने जारी किया गाइडलाइन Tej Pratap Maldives: शांति की तलाश में तेज प्रताप यादव, मालदीव के समुंदर किनारे ध्यान में लीन! Nitish kumar delhi visit: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का दिल्ली दौरा... पीएम मोदी संग एनडीए बैठक में लेंगे भाग K.K. पाठक की मीटिंग का वीडियो वायरल करना एक DPO को पड़ा महंगा, अब मिली यह सजा, जानें.... Bihar News: 20.72 करोड़₹ की लागत से सुल्तानगंज में दो बहुमंजिली धर्मशालाओं का निर्माण, देवघर जाने वाले लाखों श्रद्धालुओं को मिलेगा लाभ 1st बिहार की खबर का बड़ा असर...शिक्षा विभाग में फर्जी चिट्ठी से करोड़ों के भुगतान की कोशिश में शामिल A.E. से शो-कॉज, ACS एस. सिद्धार्थ को भेजी जायेगी रिपोर्ट Bihar Crime News: स्कूल कैंपस में नाबालिग की हत्या, हिरासत में लिए गए 4 दोस्त Bodh Gaya temple: बोधगया महाबोधि मंदिर सिर्फ बौद्धों का हो – आठवले, बोले बुद्ध मंदिर में शिवलिंग पूजा सही नही Bihar News: जिस थाने में थे थानेदार.. वहीं दर्ज हुआ FIR, रंगदारी और मारपीट पड़ी भारी Bihar news: हॉस्टल में रॉड-डंडे चले, एमआईटी मुजफ्फरपुर में रैगिंग का खूनी खेल
17-Apr-2025 07:50 PM
By First Bihar
CM Nitish Kumar: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पटना हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने कथित राष्ट्रगान अपमान मामले में उनके खिलाफ चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी। पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश चंद्रशेखर झा की एकलपीठ ने मुख्यमंत्री की ओर से दायर की गई क्वैशिंग याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। साथ ही, परिवादी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है।
दरअसल, यह मामला उस समय सामने आया जब पिछले महीने बेगूसराय में आयोजित एक विशेष खेल महोत्सव के उद्घाटन के दौरान राष्ट्रगान के समय मुख्यमंत्री का एक वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो को आधार बनाकर स्थानीय निवासी विकास पासवान ने 22 मार्च को बेगूसराय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में परिवाद दायर किया, जिसमें मुख्यमंत्री पर राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप लगाया गया था।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के अवकाश पर होने के कारण प्रभारी न्यायिक दंडाधिकारी ने यह मामला अपने न्यायालय में स्थानांतरित किया और 25 मार्च को मुख्यमंत्री को नोटिस जारी कर 4 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री की ओर से पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई।
मुख्यमंत्री की ओर से महाधिवक्ता पी. के. शाही और अधिवक्ता अमीश कुमार ने कोर्ट में यह तर्क रखा कि यह मामला दुर्भावना से प्रेरित है और आपराधिक कानून का दुरुपयोग किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि बिना प्राथमिक जांच के मुख्यमंत्री को आरोपी बना देना भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन है, जो पूरी तरह से गैरकानूनी है। इन दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने निचली अदालत में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी। इस मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।