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08-Aug-2025 04:17 PM
By FIRST BIHAR
Bihar Politics: सुपौल के छातापुर विधानसभा क्षेत्र के वीरपुर स्थित एक निजी होटल में शुक्रवार को यथासंभव काउंसिल द्वारा आयोजित राखी महोत्सव में हज़ारों बहनों ने यथासंभव काउंसिल के संरक्षक एवं वीआईपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संजीव मिश्रा की कलाई पर राखी बांधकर उन्हें अपना भाई बनाया। यह आयोजन पारंपरिक त्योहार से आगे बढ़कर सामाजिक एकजुटता, महिला सशक्तिकरण और सेवा भावना का प्रतीक बन गया।
कार्यक्रम का उद्घाटन पनोरमा ग्रुप के चेयरमैन और यथासंभव काउंसिल के संरक्षक संजीव मिश्रा ने किया। जैसे ही बहनों ने राखियाँ बाँधनी शुरू कीं, कार्यक्रम का माहौल भावनात्मक हो उठा। मिश्रा ने भावुक स्वर में कहा, “आज जब इतनी बड़ी संख्या में बहनों ने मुझे भाई का दर्जा दिया है, तो उनकी रक्षा और सम्मान की जिम्मेदारी मेरी व्यक्तिगत प्राथमिकता बन गई है। यह कलाई अब सिर्फ एक भाई की नहीं, एक सेवक की है, जो हर हाल में आपके साथ खड़ा रहेगा।”
अपने उद्बोधन में संजीव मिश्रा ने कहा कि वह इसी धरती के बेटे हैं, यहीं जन्मे, पले-बढ़े और पढ़े-लिखे हैं, इसलिए क्षेत्र की महिलाओं की पीड़ा को दिल से समझते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों से क्षेत्र में विकास ठप है और इसका सबसे बड़ा असर महिलाओं और बेटियों पर पड़ा है। आज भी उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा जैसी बुनियादी ज़रूरतों के लिए संघर्ष करना पड़ता है।
मिश्रा ने यह स्पष्ट किया कि उन्होंने राजनीति को सेवा का माध्यम चुना है, न कि सत्ता का साधन। “मैंने हर गांव और गली में जाकर माताओं-बहनों की आंखों में छिपे दर्द को महसूस किया है। उन्होंने कहा उनकी खामोशी में एक पुकार है समान अधिकार, सम्मान और आत्मनिर्भरता की।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि महिलाओं को सशक्त नहीं किया गया, तो क्षेत्र का विकास अधूरा रह जाएगा। शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और स्वावलंबन के क्षेत्रों में ठोस योजना के साथ काम कर ही इस ठहराव को तोड़ा जा सकता है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि आने वाले समय में छातापुर की कोई बेटी अपनी पढ़ाई अधूरी नहीं छोड़ेगी, कोई मां इलाज के लिए भटकेगी नहीं, और कोई बहन अपने अस्तित्व को लेकर असुरक्षित महसूस नहीं करेगी। कार्यक्रम में बच्चियों ने पुष्प भेंट कर अपने भाव प्रकट किए। संपूर्ण परिसर में भावनाओं और प्रेरणा का माहौल बन गया।
अपने संबोधन के अंत में संजीव मिश्रा ने कहा कि “यह राखी मेरे लिए केवल परंपरा नहीं, बल्कि एक पवित्र जिम्मेदारी है। यह रिश्ता अब किसी मंच या प्रचार तक सीमित नहीं, बल्कि मेरे जीवन की सबसे बड़ी धरोहर है। मैं आप सभी बहनों को भरोसा दिलाता हूं कि हर परिस्थिति में आपकी आवाज़ बनकर खड़ा रहूंगा और आपकी उम्मीदों पर खरा उतरना मेरी पहली प्राथमिकता होगी।”
कार्यक्रम का संचालन विकास कुमार ने किया। आयोजन में कार्यक्रम संचालन डॉ. रेजा फैजी एवं विकास कुमार ने किया। आयोजन में कविता मिश्रा, मुकुंद ठाकुर, मिंटू झा, विनय मंडल, मनीष कुमार, विवेक लालू राय, मोनू मिश्रा, दीपक दिलवर, गुलशन झा, राजा, धर्मेन्द्र, कोशिक, भारती, हरीशंकर यादव, पिंकी सहित हजारों महिलाएं एवं अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।